Opinion: आउट ऑफ द बॉक्स सोचना और नए प्रयोग करना पीएम नरेंद्र मोदी की खूबी है

मोदी सरकार की योजनाएं देश की बड़ी आबादी के लिए वरदान साबित हो रही हैं. हमेशा लीक से हटकर सोचने वाले और बेहतरी के लिए प्रयोगधर्मी बने रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) की नीतियां आम जन के रोजमर्रा के जीवन में बड़ा बुनियादी बदलाव ला रही है.

Opinion: आउट ऑफ द बॉक्स सोचना और नए प्रयोग करना पीएम नरेंद्र मोदी की खूबी है
तारीख ठीक-ठीक याद नहीं लेकिन बात अप्रैल 2020 की है. कोरोना की पहली वेव चरम पर थी, लॉकडाउन चल रहा था. घर में काम करने वाली घरेलू सहायिका का अचानक पत्नी के पास फोन आया, उसने 2-3 दिन बाद लौटाने के वादे के साथ 2000 रुपये मांगे. उसने बताया कि उसका 6 साल का बेटा छत से गिर गया है, उसके इलाज के लिए पैसे की जरूरत थी. पैसे लौटाने का वादा ना भी करती तो इस इमरजेंसी के लिए पैसे तो देने ही चाहिए थे, लिहाजा पत्नी ने 2000 रुपये दे दिए. वो बच्चे के इलाज में व्यस्त हो गई और हम लोग कोरोना के दौरान की चुनौतियों में उलझ गए. कुछ दिन बाद उसका फिर फोन आया, इस बार पैसे वापस करने के लिए उसका फोन आया था. पत्नी ने पूछा- “लॉकडाउन है, काम-काज भी बंद है. तुम लोगों को ऐसे में पैसे कहां से मिल गए जो तुम वापस करने आई हो और अगर पैसे आ भी गए हैं तो उन्हें संभालकर रखो, अभी बच्चे के इलाज में जाने कितने खर्च होंगे. तुम्हें आगे भी जरूरत होगी.” पत्नी के इन सवालों के जवाब उसने दिए वो वाकई दिल को सुकून देने वाले थे. उसने बताया- “दीदी बच्चे का इलाज तो पास के ही एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है, उसके लिए पैसे नहीं देने पड़ रहे हैं हमें क्योंकि हमारे पास आयुष्मान कार्ड है. दूसरा ये जो पैसे मैंने वापस करने लिए लाए हैं मैंने वो अपने जनधन खाते से निकाले हैं.” मोदी सरकार की योजनाओं से आम जनता को सीधा फायदा मिल रहा  केंद्र में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की ये दोनों योजनाएं देश की बड़ी आबादी के लिए वरदान साबित हो रही हैं. हमेशा लीक से हटकर सोचने वाले और बेहतरी के लिए प्रयोगधर्मी बने रहने वाले प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां आम जन के रोजमर्रा के जीवन में बड़ा बुनियादी बदलाव ला रही है. यहां एक-एक कर उन नीतियों की चर्चा की जाए तो जनधन योजना, आयुष्मान योजना, सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना जैसी कई योजनाएं मिल जाएंगी जिनसे देश के हर हिस्से में बड़ी आबादी को ना सिर्फ सीधा फायदा मिल रहा है बल्कि उनके जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन भी आया है. 46 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों के लिए संजीवनी साबित हो रही जनधन योजना अब जनधन योजना को ही लीजिए, ये बात जानती तो अब तक की सभी सरकारें थीं कि घरेलू बचत की छोटी-मोटी रकम हर गांव-घर में है, लेकिन उन्हें सीधे-सीधे चलन या कहिए सर्कुलेशन में लाने का तरीका किसी ने नहीं सोचा था. जनधन योजना के जरिए ना सिर्फ वो रकम सर्कुलेशन में आई बल्कि करोड़ों लोग जो पहले कभी बैंक गए ही नहीं थे उन्हें भी बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिलना शुरु हुआ. जनधन योजना के जरिए अगस्त 2014 से लेकर 2022 तक अब तक 46 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले जा चुके हैं और इनमें 1.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा हैं. जनधन योजना से जुड़ी सुविधाओं पर अगर गौर करें तो ये इन 46 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. खाताधारकों के लिए 5000 रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा बैंकों की ओर से मिलती है, हां इसके लिए खाता कम से कम 6 महीने पुराना होना चाहिए. ये एक ऐसी सुविधा है, जो खासकर ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से चले आ रहे सूदखोर महाजनों के गोरखधंधे पर सीधी चोट साबित हुई है. जनधन योजना के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक तीर से कई निशाने साधे पहले अपनी किसी भी आकस्मिक आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रामीण इलाकों में गरीब, वंचित परिवारों को गांव के सूदखोर शाहूकार पर निर्भर रहना पड़ता था, वो मनमाने ब्याज पर पैसे उधार देता था, अगर रकम मोटी हुई तो पैसे उधार लेने वालों की पीढ़ियां उसे चुकाने में निकल जाती थीं, लेकिन उधार चुकता नहीं हो पाता था. इतना ही नहीं, जनधन खाता खुलवाने के बाद अगर किसी वजह से लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को 30 हज़ार रुपये का अतिरिक्त बीमा कवर भी मिलता है. ये कहा जा सकता है कि जनधन योजना के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. सुदूर गांव में रहने वाले लाभार्थी के खाते में पूरा-पूरा पैसा पहुंच रहा  प्रधानमंत्री मोदी ने जब ये फैसला किया कि सरकारी योजनाओं का फायदा सीधा लाभार्थियों को मिले, किसानों, मनरेगा मजदूर, खेतिहर मजदूर, छात्रों और महिलाओं को मिलने वाले पैसे सीधे उनके खाते में पहुंचे. इसमें भी जनधन योजना सबसे अहम कड़ी साबित हुई. लाभार्थियों का आंकड़ा सरकार के पास था, खातों की जानकारी बैंकों के पास थी, दिल्ली में बैठे-बैठे एक क्लिक पर तमिलनाडु या अरुणाचल प्रदेश के सुदूर गांव में रहने वाले लाभार्थी के खाते में योजना का पूरा-पूरा पैसा पहुंच गया. बीच में कहीं कोई बिचौलिया या दलाल नहीं, जो आम लोगों के लिए दिल्ली से चले 1 रुपये को उनके हाथ तक पहुंचते-पहुंचते घिसकर 15 पैसे कर देता था. आज चाहे मनरेगा की मजदूरी हो या गैस की सब्सिडी या वृद्धावस्था पेंशन का पैसा हो या फिर किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानों को मिलने वाले पैसे हों, सब कुछ पूरा का पूरा उनके खाते में पहुंचता है. आयुष्मान योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों का परिणाम   एक बार फिर लौटते हैं हमारी घरेलू सहायिका की कहानी की तरफ. छत से गिरने के बाद उसके बेटे को महंगे प्राइवेट अस्पताल में जो मुफ्त इलाज मिला, उसका श्रेय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों को ही जाता है. उनके लीक से हटकर सोचने और आम जन के जीवन को बेहतर बनाने की कवायद का प्रतिफल है आयुष्मान योजना. आयुष्मान योजना का ही फल है कि जो तबका कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स, प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स या जिले के सरकारी अस्पतालों तक को ही अपना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल या AIIMS समझता था वो भी अब बड़े से बड़े प्राइवेट अस्पताल में अपनी बीमारियों का इलाज करा पा रहा है. दरअसल, पहले की सरकारों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सिर्फ CHC, PHC और सरकारी अस्पतालों की तरफ ध्यान दिया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के अन्य विकल्पों को भी तवज्जो दी गई. आयुष्मान योजना: कार्डधारक के इलाज के लिए 5 लाख तक का खर्च सरकार उठाती है आयुष्मान योजना के जरिए गरीब तबके के लोगों को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ मल्टीस्पेशलिटी वाले प्राइवेट अस्पतालों का भी विकल्प खुला. आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारक के इलाज के लिए 5 लाख तक का खर्च सरकार उठाती है. इसमें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने, जरूरी जांच, भर्ती से पहले और इलाज पूरा होने तक का सारा खर्च भी शामिल है. अकेले उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज्यादा लोगों का मुफ्त इलाज हो चुका है. प्रदेश के 3 हज़ार से ज्यादा अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है. ये सिर्फ उत्तर प्रदेश के आंकड़े हैं, अगर पूरे देश की चर्चा की जाए तो ये आंकड़े कहीं ज्यादा होंगे. स्वच्छ भारत अभियान: खुद झाड़ू उठाकर प्रधानमंत्री मोदी ने जनआंदोलन का रूप दे दिया प्रधानमंत्री मोदी के काम करने के तौर-तरीकों की एक और खासियत है, योजनाओं का सरलीकरण और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनका अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना. योजनाओं या कार्यक्रमों को लागू करने के लिए पीएम मोदी दो तरीके अपनाते हैं. योजनाओं के लिए सरकारी तंत्र या मशीनरी का इस्तेमाल करते हैं, उनके जरिए लोगों तक योजनाओं का फायदा पहुंचता है. दूसरा, कई कार्यक्रमों को उन्होंने जनआंदोलन का रूप दे दिया है. उदाहरण के लिए स्वच्छ भारत अभियान को ही लीजिए, खुद झाड़ू उठाकर उन्होंने ना सिर्फ लोगों के लिए एक नजीर पेश की बल्कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा संख्या स्वच्छता मिशन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. इसका जन-भागीदारी का नतीजा हमारे सामने है. ऐसे ही जब 15 अगस्त 2014 को लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के संकल्प की चर्चा की तब भी कई सवाल उठाए गए. लेकिन उन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि आज देश के अधिकांश गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं, हर घर में शौचालय है. प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमजीवियों का सम्‍मान किया, उनके पैर भी धोए  यहां लीक से हटकर सोचने या करने की प्रधानमंत्री मोदी की एक कोशिश का जिक्र करना लाजिमी है. हमलोगों ने बचपन से एक कहावत सुनी थी- “लड़े सिपाही नाम हवलदार का” यानी मेहनत, काम कोई और करे लेकिन नाम और सम्मान होगा उस टीम के अगुवा का. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिथक को भी तोड़ा है. सीधे श्रमजीवियों का सम्मान करना, उसे संवाद करना और उनका हौसला बढ़ाना इसकी कुछ बानगी भर हैं. प्रयागराज का कुंभ मेले को ही याद कीजिए, संगम स्नान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले में साफ-सफाई के काम जुटे श्रमजीवियों का पैर धोकर उनका सम्मान करना या वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के पुर्ननिर्माण में श्रमसाध्य मेहनत करने वाले श्रमजीवियों पर पुष्पवर्षा कर उनका सम्मान और उनके साथ भोजन कर उनका हौसला बढ़ाना. भले ही देखने सुनने में ये बातें सामान्य लग सकती हैं, लेकिन इनके दूरगामी सामाजिक नतीजे होंगे, जो निश्चित ही बेहतर साबित होंगे. लीक से हटकर सोचने और सकारात्मक परिणामों के लिए हमेशा नए-नए प्रयोगधर्मी फैसले लेने से भी गुरेज नहीं करना ही प्रधानमंत्री मोदी को अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों या समकक्ष राजनेताओं से अलग खड़ा करता है. एक प्रेरक कथन है- सफल व्यक्ति कुछ अलग नहीं करते हैं बल्कि अलग तरीके से करते हैं. (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए up24x7news.comHindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Prime Minister Narendra ModiFIRST PUBLISHED : October 27, 2022, 20:33 IST