Opinion: मोदी सरकार 30 के 100 दिनों में किसानों की बल्‍ले बल्‍ले

Modi Government 3.0: नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. मोदी सरकार ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए काम करना शुरू कर द‍िया.

Opinion: मोदी सरकार 30 के 100 दिनों में किसानों की बल्‍ले बल्‍ले
नई दिल्‍ली. इस साल जून के महीने में अपने तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद से ही मोदी सरकार ने विकास की योजनाओं के केंद्र में कृषि को रखा है, क्योंकि यह क्षेत्र न केवल आमजन के जीवन में सीधे तौर पर खुशहाली लाता है बल्कि GDP में भी अग्रणी भूमिका है. अभी अगर हम मोदी सरकार 3.0 के 100 दिनों के काम पर नजर डालें तो इसमें किसानों के लिए एमएसपी वाली सभी फसलों पर 100 से लेकर 550 रुपये तक की बढ़ोतरी का फैसला सबसे अहम माना जा सकता है. इसके अतिरिक्त आज देश में लगभग 11 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना (जिसमें सालाना 6,000 रुपये की राशि सीधे बैंक अकाउंट में आती है) का लाभ मिल रहा है. अन्य योजनाओं में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो या किसान क्रेडिट कार्ड योजना या फिर कृषि अवसंरचना कोष योजना (जिसमें फसल के सुरक्षित भंडारण के लिए किसान 2 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं) दिखाती है कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास लेकर कितनी संजीदा है. 14 हजार करोड़ रुपये की योजना इसी महीने 2 सितम्बर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र में 14,000 करोड़ रुपये की 7 बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी. डिजिटल कृषि मिशन के लिए 2,817 करोड़ रुपये, फसल विज्ञान पर 3,979 करोड़ रुपये, कृषि शिक्षा और प्रबंधन को बेहतर करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये, पशुधन के स्थायी स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़, कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत करने पर 1,202 करोड़ रुपये जबकि प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित योजना पर 1,115 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. किसान मानधन योजना की सफलता इसके अलावा जिस विशेष योजना का उल्लेख आवश्यक है वो है प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना जिससे 23.38 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसान बीते 5 वर्षों में जुड़ चुके हैं. ठीक 5 साल पहले 12 सितंबर 2019 को शुरू PM-KMY किसानों को वृद्धावस्था में 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन सुनिश्चित करती है. सबसे सुखद बात यह है कि पिछड़े समझे जाने वाले राज्य बिहार 3.4 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन के साथ नंबर 1 है, जबकि 2.5 लाख से झारखंड दूसरे स्थान पर है. यूपी, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी क्रमशः 2.5 लाख, 2 लाख और 1.5 लाख से अधिक किसान योजना का हिस्सा बन चुके हैं. कृषि सेक्‍टर बनेगा डिजिटल इसी बीच कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार अक्टूबर के पहले हफ्ते में देशभर के किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू करने वाली है. किसानों को आधार कार्ड की ही तरह एक विशेष पहचान पत्र दिया जायेगा जिसकी मदद से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से लेकर किसान क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम समेत और भी कई कृषि योजनाओं तक बिना किसी परेशानी के पहुंच सकते हैं, जबकि अभी उन्हें क्लेम के वक़्त हर बार न केवल सत्यापन करवाना पड़ता, बल्कि जिसमें खर्च भी होता है और उत्पीड़न की भी खबरें आती रहती हैं. कार्ड होने से सरकार को भी योजनाएं बनाने, उनके क्रियान्वयन और विस्तार में मदद मिलेगी. सरकार का लक्ष्य अगले साल मार्च तक 5 करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन करना है. बागवानी क्षेत्र के लिए विशेष व्‍यवस्‍था साथ ही कृषि से जुड़े दूसरे क्षेत्रों में भी बराबर सक्रियता हैं जिसका सबसे बड़ा उदहारण है बागवानी क्षेत्र जिसके विकास के लिए 860 करोड़ रुपये की योजना मंज़ूर हो गई है. मछुआरों के कल्याण के लिए सहकारी संस्थाओं को भी मजूबत बनाया जा रहा है. बीते हफ्ते महाराष्ट्र के पालघर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है. साल 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का ही उत्पादन होता था, आज करीब-करीब 170 लाख टन मछली का उत्पादन भारत कर रहा है. मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में GST परिषद की अपनी पहली ही बैठक में दूध के डिब्बों पर से जीएसटी को 18% से घटाकर 12% करने और इसे एक समान बनाने का निर्णय लिया था. बीतें 100 दिनों में अगर देखा जाए तो मोदी सरकार किसानों की आर्थिक उन्नति और उनके सामजिक विकास को लेकर न केवल प्रयत्नशील दिख रही है, बल्कि ये भी आभास हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास योजानाएं भी है और उनके सफल क्रियान्वयन का जज्बा भी. (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए jharkhabar.comHindi उत्तरदायी नहीं है.) Tags: National News, PM Modi, Prime Minister Narendra ModiFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 18:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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