Opinion: मोदी सरकार के 85 दिन 9 बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की मंजूरी
Opinion: मोदी सरकार के 85 दिन 9 बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की मंजूरी
मोदी सरकार के पिछले 85 दिनों में 9 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से सीधे ही 52 लाख लोगों को नौकरियां मिलने जा रही हैं. इन प्रोजेक्ट से 11 करोड़ 71 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होने वाला है.
नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में जहाँ एक और सरकार तिगुनी गति से देश के विकास कार्यों को अमालीजामा पहना रही है. वहीं तीसरे कार्यकाल के केवल 85 दिनों में केंद्र की मोदी सरकार ने लाखो को रोज़ागार का अवसर प्रदान कर दिया है. तीसरे कार्यकाल के पहले दिन से सरकार मिशन मोड़ में काम कर रही है। केवल 85 दिनों में केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के 9 बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिससे ना केवल देश का कायाकल्प होने वाला है वहीँ लाखो लोगो को रोज़गार का सुनहरा अवसर भी मिलने जा रहा है.
मोदी सरकार ने पिछले 85 दिनों में जिन 9 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है उसमे तक़रीबन 11 करोड़ 71 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होने वाला है, साथ ही इन प्रोजेक्ट के माध्यम से 52 लाख लोगो को सीधे नौकरिया मिलेगी.
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मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल के 85 दिनों में मंजूर 9 बड़े प्रोजेक्ट
1. Development of Lal Bahadur Shastri Airport, Varanasi
2. Gap funding for Offshore Wind Energy Projects
3. Major Port at Vadhavan near Dahanu in Maharashtra
4. 8 National High Speed Road projects
5. 11 Railway projects [967 Km new line + 121 Km multi track]
6. 2 corridors of Bangalore Metro Rail Projects [44.65 Km), Thane Ring Metro Rail Project [29 km] and Pune Metro Phase-1 [5.46 Km]
7. Development of civil enclaves at Bagdogra and Bihta airport
8. 12 industrial smart cities
9. Manmad – Indore New Line
लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, वाराणसी
19 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, वाराणसी के विकास के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें नए टर्मिनल भवन, एप्रन विस्तार, रनवे विस्तार, समानांतर टैक्सी ट्रैक और संबद्ध कार्यों का निर्माण शामिल है। इस परोयोजना में 2870 करोड़ रुपये का खर्च किया जायेगा और सबसे बड़ी बात ये है क़ी इस परियोजना से 34 लाख मानवदिवस रोज़ागार उत्पन्न होंगे.
अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना
19 जून को हुए कैबिनेट की बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 7453 करोड़ रुपये के कुल खर्च पर अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना को मंजूरी दी। इस परियोजना से लोगो को रोज़गार मिलने जा रहा है।
महाराष्ट्र के दहानु के पास वधावन बंदरगाह के विकास परियोजना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र के दहानु के पास वधावन बंदरगाह के विकास को मंजूरी दी है। बड़े कंटेनर जहाजों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किए गए इस बंदरगाह का निर्माण जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (JNPA) और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड (MMB) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। कुल परियोजना लागत लगभग 76,220 करोड़ रूपये है। इसे दो चरणों में विकसित किया जाएगा, जिसमें पहला चरण 2029 तक और दूसरा 2037 तक चालू होने की उम्मीद है। सबसे बड़ी बात ये है क़ी इस परोयोजना से सीधे 12 लाख लोगो को नौकरी के अवसर मिलेंगे।
8 राष्ट्रीय हाई स्पीड रोड परियोजनाएं
अगस्त के पहले सप्ताह में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 8 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर और कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये है। जिन कोरिडोर को मंजूरी मिली है उसमे 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 6-लेन थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर के पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सेक्शन, 6-लेन कानपुर रिंग रोड, 4-लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार, पुणे के पास 8-लेन एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर है। इस 8 नेशनल हाई स्पीड रोड प्रोजेक्ट से 4 करोड़ 40 लाख मानव दिवस रोज़ागार सृजित होंगे.
भारतीय रेलवे में दो नई लाइनों और एक मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना
28 अगस्त को हुए कैबिनेट की बैठक में रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनकी कुल अनुमानित लागत करीब 6,456 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं को 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इन तीन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी प्रदान करने, यात्रा को आसान बनाने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, तेल आयात को कम करने और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। महज इतना ही नहीं परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 114 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा।
बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजनाओं के 2 गलियारे [44.65 किमी], ठाणे रिंग मेट्रो रेल परियोजना [29 किमी] और पुणे मेट्रो चरण-1 [5.46 किमी]
अगस्त में ही हुए कैबिनेट की बैठक में बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना के चरण-3 में 31 स्टेशनों वाले 44.65 किलोमीटर लंबे दो कॉरिडोर को मंजूरी मिली है. चरण-3 की कुल परियोजना पूर्णता लागत 15,611 करोड़ रुपये है जिसे वर्ष 2029 तक चालू किया जाना है। कॉरिडोर-1 जेपी नगर चौथे चरण से आउटर रिंग रोड वेस्ट के साथ-साथ केम्पापुरा तक, जिस पर 21 स्टेशन होंगे और लंबाई होगी 32.15 किलोमीटर।
कॉरिडोर-2 होसाहल्ली से मगदी रोड के साथ-साथ कडाबगेरे तक, जिस पर 9 स्टेशन होंगे और लंबाई होगी 12.50 किलोमीटर। बेंगलुरू शहर में 220.20 किमी का मेट्रो रेल नेटवर्क होगा। इस परियोजना से करीब 1.5 करोड़ मानवदिवस रोजगार उत्तपन्न होगा।
बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डे पर सिविल एन्क्लेव का विकास
सीसीईए ने पश्चिम बंगाल के बागडोगरा हवाई अड्डे और बिहार के बिहटा हवाई अड्डे पर सिविल एन्क्लेव के विकास को मंजूरी दी है. 16 अगस्त, 2024 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों पर नए सिविल एन्क्लेव के विकास को मंजूरी दी, जिस पर कुल 29.62 अरब रुपये का निवेश होगा। सबसे बड़ी बात ये है क़ी परियोजना से 35 लाख मानवदिवस रोज़गार सृजित होने वाला है.
12 औद्योगिक स्मार्ट शहर
अगस्त में ही हुए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देते हुए 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाने का फैसला किया है। इसके लिए राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है। देश के 10 राज्यों में फैले 6 प्रमुख औद्योगिक गलियारों के किनारे इन्हें विकसित किया जाएगा। ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर-पाली में स्थित हैं। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से देश में सीधे 40 लाख लोगो के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मनमाड-इंदौर नई लाइन
कैबिनेट ने बहुप्रतिक्षित मनमाड़-इंदौर नई रेल लाइन को हरी झंडी दे दी। 309 किलोमीटर लंबी इस नई रेल लाइन के बिछाने पर 18,036 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार ने अगले पांच साल में परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।निर्माण के दौरान परियोजना लगभग 102 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराएगी। देश के दो प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटा रेल लिंक बनने से इसका फायदा महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों को होगा.
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Tags: Narendra modi, PM ModiFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 11:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed