ऑपरेशन सर्पविनाश पार्ट 2: फिर से जम्मू में आतंकियों को जहन्नुम भेजने की तैयारी

Operation Sarpvinash: ऑपरेशन सर्प विनाश के जरिए सेना ने आतंकवादियों का सफाया करने की योजना बनाई थी, जो कारगर भी साबित हुई. उस दौर में जब लश्कर और जैश ने जम्मू के जंगलों में अपना ठिकाना बना लिया था, सेना ने ऑपरेशन के जरिए कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था.

ऑपरेशन सर्पविनाश पार्ट 2: फिर से जम्मू में आतंकियों को जहन्नुम भेजने की तैयारी
नई दिल्ली. 90 के दशक से जम्मू-कश्मीर में जो आतंकवाद शुरू हुआ, वो अब भी जारी है. उस दौरान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में ट्रेनिंग कर सैकड़ों की संख्या में आतंकी जम्मू कश्मीर में आ घुसते थे और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते थे. पूरी पीर पंजाल रेंज जो कि कश्मीर और जम्मू को बांटती है, उस पर आतंकवादी क़ाबिज़ हो गए थे. साल 2000 में तो हालात ये थे कि जम्मू आतंकी घटनाओं का एक एपिक सेंटर बन गया था, जैसा की आज कल नज़र आने लगा है. पिछले कुछ समय में एक के बाद एक हो रहे आतंकी हमले और उसमें हो रहे भारतीय सेना को नुक़सान के बाद ऐसा महसूस हो रहा है कि आने वाले दिनों में सेना सर्पविनाश पार्ट -2 की शुरुआत ना कर दे. जम्मू में लगातर हो रहे आतंकी हमलों के चलते भारतीय सेना की तैनाती को बढ़ाया गया है. सेना के मुताबिक़ जम्मू में अतिरिक्त ब्रिगेड को तैनात किया गया है. ब्रिगेड के अंतर्गत 3 बटालियन ऑपरेट करेगी और साथ ही स्पेशल फ़ोर्स की अतिरिक्त यूनिट को घने जंगलों में आतंकियों के सफ़ाये के लिए भेज दिया है. अगर हम नंबर की बात करें, तो 2500 से ज़्यादा इंफेंट्री और 500 के क़रीब स्पेशल फ़ोर्स के कमांडों जम्मू में CI/CT ऑपरेशन में सेना के डेल्टा फ़ोर्स और रोमियो फ़ोर्स डिविजन की मदद करेंगे. ख़ास बात तो ये है कि ये 3 बटालियन जम्मू-कश्मीर के बारह दूसरे कोर से भेजी गई है. सूत्रों की मानें तो सीएपीएफ की तैनाती को भी पिछले दिनों बढ़ाया गया है. अगर हम जम्मू की बात करें तो जम्मू में काउंट इंमर्जेंसी के लिए रोमियो फोर्स , डेल्टा फ़ोर्स और 26 इंफ़ेंट्री डिविजन यानी की कुल 3 डिविजन पहले से ही तैनात है, जबकि 25 डिविजन जम्मू से लगती लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर तैनात है. आतंकियों का इलाज सर्प विनाश-2 पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में जम्मू का इलाक़ा आता है. जब आतंकवाद चरम पर था तो इसे रोकने के लिए सेना ने अब तक सबसे बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसका नाम था ऑपरेशन सर्प विनाश. दरअसल 1998 से 2003 के बीच लश्कर और जैश के आतंकियों ने जम्मू के सूरनकोट के हिलकाका को अपना बेस बना लिया था और सैकड़ों की संख्या में आतंकी इस जगह से ऑपरेट करते थे. सेना ने 21 अप्रैल को ऑपरेशन सर्प विनाश शुरू किया जो कि 10 दिन बाद 1 मई 2003 को ख़त्म हुआ. ऑपरेशन 150 वर्ग किलोमीटर के इलाक़े में फैला हुआ, जिसे सूरनकोट के जंगलों के हिलकाका में अंजाम दिया गया. ये एक डिविजन लेवल ऑपरेशन था जिसमें 7 बटालियन और 2 ब्रिगेड हेडक्वाटर ने हिस्सा लिया था. 9 पैरा के नेतृत्व में 163 इंफ़ेंट्री ब्रिगेड की 6 यूनिट और 12 RR सेक्टर शामिल था, जिसमें 2/4 गुरखा, 19 गढ़वाल रायफल , 16 और 20 RR शामिल थी. जब जंगल में ऑपरेशन शुरू किया गया, तो ये अनुमान था की तकरीबन 100 आतंकी हिलकाका में छुपे होंगे. पूरे ऑपरेशन में 65 आतंकियों को मार गिराया गया था और 60 से ज्यादा हाइडआउट को बर्बाद किया गया, जिसमें बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए थे. इसमें 20 AK-47, 5 PIKA गन, दो स्नाईपर रायफल, ग्रेनेड लॉन्चर, सेल्फ लोडेड गन और 45 किलो प्लास्टिक विस्फोटक के साथ-साथ रेडियो सेट और 500 लोगों के लिए 2 हफ़्ते तक चलने वाला राशन शामिल था. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के Mi-17 का भी इस्तेमाल किया गया था. उस वक्त अगर आतंकियों की संख्या की बात करें, तो जम्मू-कश्मीर में 3000 से 3500 आतंकी मौजूद थे जिसमें 80 फीसदी पाकिस्तानी थे. पाकिस्तान इन आतंकवादियों के लिए तकरीबन 80 करोड़ रुपए खर्च कर रहा था. इसके अलावा 2000 आतंकी घुसपैठ करने के लिए पीओके में मौजूद थे और इसे मेंटेन करने के लिए वह 20 करोड़ रुपये खर्च कर रहा था. यानी की जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान 100 करोड़ रुपये खर्च कर रहा था. बहरहाल, पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए पैसे तो अब भी पानी की तरह बहा रहा है, लेकिन भारतीय सेना के पास पाकिस्तान और उसके आतंकियों के खिलाफ एक ही इलाज है ऑपरेशन सर्प विनाश-2. Tags: Indian army, Jammu kashmirFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 23:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed