SC की दहलीज पर भोजशाला विवाद हिन्‍दू पक्ष की इस आदेश को वापस लेने की गुहार

हिंदू पक्ष दावा करता है कि भोजशाला के स्‍थान पर मां सरस्वती का मंदिर हुआ करता था. भोजशाला मूल रूप से 11वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा बनवाया गया था. हिन्‍दू पक्ष का कहना है कि उस वक्त मुसलमानों को कुछ समय के लिए यहां नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी,

SC की दहलीज पर भोजशाला विवाद हिन्‍दू पक्ष की इस आदेश को वापस लेने की गुहार
हाइलाइट्स भोजशाला विवाद में अब हिन्‍दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. हिंदू पक्ष ASI जांच रिपोर्ट पर रोक के खिलाफ अपील लेकरसुप्रीम कोर्ट आई है. SC की रोक हटाकर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई आगे बढ़ाने की अपील की गई. नई दिल्‍ली. मध्‍यप्रदेश के धार में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला पर विवाद के मामले में शुक्रवार को एक अहम डेवलपमेंट देखने को मिला. हिंदू पक्ष ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. एएसआई के सर्वे आधार पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा कोई निर्णय लेने पर सुप्रीम कोर्ट से लगी रोक हटाने की मांग इस याचिका में की गई है. ⁠सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश 1 अप्रैल को जारी किया था. हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद कमेटी ASI जांच पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट आई थी, लेकिन ASI जांच पूरी हो चुकी है और ASI ने हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट दाखिल भी कर दी है. हिंदू पक्ष ने कहा ASI ने 2047 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें सनातन संस्कृति की कई निशानियां मिलने का दावा किया गया है. हिंदू पक्ष ने कहा कि न्याय के हित में सुप्रीम कोर्ट को अपना अंतरिम आदेश वापस लेना चाहिए ताकि हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई आगे बढ़ सके. यह भी पढ़ें:- पहले दिखाई आंखे, अब लाइन पर आया अमेरिकी, राजदूत बोले- भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था विकासशील देशों में सबसे मजबूत क्या है भोजशाला का विवाद? मध्‍यप्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का विवाद कुछ-कुछ अयोध्या जैसा है. यह जगह फिलहाल भारतीय पुरातत्‍व विभाग (ASI) के कब्‍जे में है. इस पर हिंदू और मुसलमान दोनों अपना अधिकार जताते हैं. हिंदू पक्ष दावा करता है कि इस स्‍थान पर मां सरस्वती का मंदिर है. भोजशाला मूल रूप से 11वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा बनवाया गया था. हिन्‍दू पक्ष का कहना है कि उस वक्त मुसलमानों को कुछ समय के लिए यहां नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में उन्होंने पूरे परिसर पर कब्जा कर लिया और वहां मस्जिद बनवा दी. वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला की मस्जिद बताते आ रहे हैं. FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 22:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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