गोपालगंज सदर अस्पताल में कुव्यवस्था बच्चे को गोद में लेकर दौड़ते रहे परिजन

Gopalganj News: बिहार की नीतीश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव को लेकर प्राय: अपनी पीठ थपथपाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी भी इसमें कई कमियां हैं. इन कमियों की वजह से कई बार मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं भी सामने आती हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार की गोपालगंज से सामने आया है.

गोपालगंज सदर अस्पताल में कुव्यवस्था बच्चे को गोद में लेकर दौड़ते रहे परिजन
हाइलाइट्स गोपालगंज सदर अस्पताल से मानवीय संवेदनाओं को झकझोरने वाला वाकया. बच्चे के इलाज के लिए दर-दर भटकते रहे परिजन, ड्यूटी के डॉक्टर थे नदारद! गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज मॉडल सदर अस्पताल से मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. बीमार बेटे को गोद में लेकर पिता और परिजन दर-दर को भटकने को मजबूर दिखे. इन तस्वीरों को देखने के बाद आपकी संवेदना भी हिल जाएगी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की संवेदना जरा भी इससे आहत नहीं हुई. परिवार के लोग गोद में बेहोश पड़े बच्चे को लेकर धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के इंतजार में भटकते रहे. इमरजेंसी वार्ड से पीआईसीयू और पीआइसीयू से एस.एन.सीयू में गए, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नहीं मिले. बाद में नर्स ने बच्चे को इलाज कराने के लिए डॉक्टर के आवास पर भेज दिया, जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संजय सिंह ने बच्चे को आला लगाया और तुरंत पीआईसीयू वार्ड में भेज दिया. जहां नर्स ने इलाज शुरू किया. बताया जाता है कि मीरगंज थाना क्षेत्र के जादो पिपरा गांव के महाजन महतो के पुत्र सुनील कुमार अपनी मां और बुआ के साथ खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान खेत में ही वह अचानक बेहोश हो गया और मुंह से झाग निकलने लगा. घबराये हुए परिजन बच्चे को आनन-फानन में हथुआ अनुमंडल अस्पताल में लेकर गए जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल में बच्चों को लेकर पहुंचते ही इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर ने बच्चा वाला पीआईसीयू वार्ड में रेफर कर दिया, लेकिन यहां आने पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. ड्यूटी में एक नर्स थी उसने बच्चे को एसएनसीयू भेज दिया. यहां भी कोई डॉक्टर नहीं था. सुरक्षा गार्ड ने बच्चों को इलाज के लिए डॉक्टर के आवास पर भेज दिया. इस तरह से करीब 1 घंटे तक बच्चे को गोद में लेकर सदर अस्पताल में परिजन भटकते रहे. हालांकि, बाद में परिजनों के आक्रोशित होने पर सदर अस्पताल में दूसरे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सौरभ अग्रवाल पहुंचे और इलाज शुरू किया. डॉ सौरभ अग्रवाल ने कहा कि उनकी नाइट में ड्यूटी थी और फिर सुबह में भी 8:00 बजे से अस्पताल प्रशासन ने ड्यूटी लगा दी. हालांकि, उन्होंने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए ऑब्जर्वेशन में रखने की बात कही है. मगर, जिस तरीके से बच्चे को गोद में लेकर परिजन इधर से उधर डॉक्टर के इंतजार में भटकते रहे इससे सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है. Tags: Bihar News, Gopalganj newsFIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 15:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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