नीति आयोग में क्यों होती है राज्यों की मीटिंग जिसका बॉयकॉट कर रहे कई राज्य
नीति आयोग में क्यों होती है राज्यों की मीटिंग जिसका बॉयकॉट कर रहे कई राज्य
एनडीए सरकार ने 1950 में बनाए गए योजना आयोग को खत्म करके 2015 में नीति आयोग बनाया था. हालांकि कई राज्य नीति आयोग के कामकाज और मीटिंग को लेकर असंतोष जाहिर करते रहे हैं. इस बार भी वैसा ही हो रहा है.
हाइलाइट्स नीति आयोग की स्थापना 2015 में एनडीए सरकार ने की थी इससे पहले देश में 1950 से बना योजना आयोग काम कर रहा था नीति आयोग राज्यों के तालमेल से समेकित विकास का ढांचा तैयार करता है
27 जुलाई को नीति आयोग की एक मीटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में दिल्ली में होने जा रही है लेकिन कई राज्य “भेदभावपूर्ण” केंद्रीय बजट 2024-25 के विरोध में कथित असंतुलन के मद्देनजर कई राज्य इस मीटिंग का बॉयकॉट कर रहे हैं. हम जानेंगे कि नीति आयोग क्या होता है, ये क्यों राज्यों के साथ मीटिंग आयोजित करता है. इन मीटिंग्स के जरिए क्या होता है.
कौन से राज्य नीति आयोग की मीटिंग का बॉयकॉट कर रहे हैं
कई राज्यों ने “भेदभावपूर्ण” केंद्रीय बजट 2024-25 के विरोध में 27 जुलाई, 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आगामी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है. कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में शामिल न होने के अपने फैसले की घोषणा की है.
बहिष्कार करने वाले राज्यों का आरोप है कि केंद्रीय बजट 2024-25 बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक है, ये संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है, जिसका केंद्र सरकार को पालन करना चाहिए. उनका दावा है कि बजट आवंटन में उनकी आवश्यक जरूरतों और मांगों की उपेक्षा की गई है.
कब बना नीति आयोग
नीति आयोग की स्थापना 2015 में हुई थी. राज्यों के संबंध में नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य सहकारी संघवाद (cooperative federalism) को बढ़ावा देना, विकास को बढ़ाना और समावेशी विकास सुनिश्चित करना है. इससे पहले देश में 1950 में योजना आयोग बनाया गया था, जो वर्ष 2014 तक लगातार काम करता रहा. उस समय इसका मुख्य काम पंचवर्षीय योजना तैयार करके विकास का एजेंडा तैयार करने का था.
आयोग की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग कैसे होती है
नीति आयोग मुख्य तौर पर अपनी गवर्निंग काउंसिल के माध्यम से राज्यों के साथ बैठकें आयोजित करता है, जो प्रधान मंत्री, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के मुख्यमंत्रियों और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ एक प्रमुख मंच है. इसमें राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों की व्यापक चर्चा होती है.
इसकी तरह तरह की मीटिंग गवर्निंग काउंसिल सचिवालय (जीसीएस) द्वारा आयोजित की जाती हैं, जो लॉजिस्टिक्स और एजेंडे को कॉऑर्डिनेट करती है.
नीति आयोग की मीटिंग कितने अंतराल पर होती है
नीति आयोग अपनी गवर्निंग काउंसिल के माध्यम से राज्यों के साथ बैठकें आयोजित करता है, जो तिमाही में कम से कम एक बार होनी चाहिए.शुरुआत में मीटिंग हर छह महीने में होती थीं, अब ये तीन महीने पर होने लगी हैं.
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पिछली मीटिंग कब हुई
8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 27 मई, 2023 को हुई थी, जो “विकसित भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका” विषय पर केंद्रित थी. इस बैठक में बुनियादी ढांचे, एमएसएमई, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिसका लक्ष्य 2047 तक भारत के विकास के लिए एक रोडमैप बनाना है.
इन बैठकों से पहले, नीति आयोग मुख्य सचिव सम्मेलन जैसे तैयारी सम्मेलन आयोजित करता है, जहां राज्य के अधिकारी विषयों पर चर्चा करते हैं और एक विजन बनाने की कोशिश करते हैं, जिससे गर्वनिंग काउंसिल की मीटिंग का एजेंडा तैयार होता है. इसमें सुनिश्चित किया जाता है कि जो एजेंडा बनाया जाए वो राज्यों की वास्तविकताओं और जरूरतों पर आधारित हों.
क्या है नीति आयोग के काम
विकास के लिए साझा दृष्टिकोण (Shared Vision for Development) – नीति आयोग का लक्ष्य राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों की एक साझा विजन विकसित करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि स्थानीय ज़रूरतें राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ चल सकें.
सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) – ये संगठन सहकारी संघवाद को प्रोमोट करते हुए एक सिस्टम बनाता है ताकि कॉपरेटिव फेडलरिज्म को बढ़ावा दे. ये मजबूत राष्ट्र के लिए मजबूत राज्यों के महत्व को चिन्हिंत करना है. इसमें केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाना भी है.
स्थानीय नियोजन तंत्र (Local Planning Mechanisms) – नीति आयोग ग्रामीण स्तर पर विश्वसनीय योजनाएँ तैयार करने के लिए सिस्टम विकसित करने के लिए काम करता है, जिससे योजना प्रक्रिया में जमीनी स्तर की भागीदारी सुनिश्चित हो सके.
कमजोर वर्गों पर ध्यान – समावेशी विकास के लक्ष्य के तहत समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान दिया जाता है जो आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित नहीं हो सकते हैं.
निगरानी और मूल्यांकन – संगठन सक्रिय रूप से कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन करता है. वितरण के दायरे को बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधनों की पहचान करता है.
ज्ञान और नवाचार केंद्र – नीति आयोग एक ज्ञान और नवाचार केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो सर्वोत्तम तरीकों को साझा करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक सहित हितधारकों के बीच साझीदारी को प्रोत्साहित करता है.
अंतर-क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान – ये विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच देता है.
क्षमता निर्माण – नीति आयोग राज्यों के कार्यक्रमों और पहलों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए तकनीक अपग्रेडेशन और स्किल मेकिंग पर ध्यान केंद्रित करता है.
प्रतिस्पर्धी संघवाद – आयोग विभिन्न क्षेत्रों में पारदर्शी रैंकिंग के माध्यम से राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करके प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देता है, जो राज्यों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है.
राज्यों की मदद के लिए नीति आयोग क्या करता है
नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल के अलावा राज्य सहायता मिशन चलाता है, जिसका उद्देश्य राज्यों के साथ स्ट्रक्चरल एसोसिएशन को बढ़ावा देना और उनके सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करना है. इस पहल में राज्य स्तर पर योजना और विकास रणनीतियों को बढ़ाने के लिए राज्य परिवर्तन संस्थान (एसआईटी) की स्थापना शामिल है.
Tags: Niti AayogFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 13:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed