कोचिंग से लेकर लाइब्रेरी तक का मकड़जाल ब्रोकर भी करते हैं हैरान-परेशान

UPSC Coaching Ground Report: देश की राजधानी दिल्ली अपने खान-पान, मिश्रित संस्कृति, बड़े शिक्षण संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों, बाजारों आदि के लिए मशहूर है. दूर-दराज से लोग दिल्ली आकर अपने सपनों और करियर को नया मुकाम देते हैं. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए दिल्ली उनकी पहली पसंद है. यहां के राजेंद्र नगर, पटेल नगर और मुखर्जी नगर जैसे इलाकों को यूपीएससी कोचिंग हब कहा जाता है.

कोचिंग से लेकर लाइब्रेरी तक का मकड़जाल ब्रोकर भी करते हैं हैरान-परेशान
नई दिल्ली (UPSC Coaching Ground Report). 27 जुलाई को राजेंद्र नगर के मशहूर राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में 3 एस्पिरेंट्स की मौत हो गई. बारिश के बाद बेसमेंट में पानी भर गया और उसी में इतना बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे ने यूपीएससी कोचिंग हब, एमसीडी समेत विभिन्न विभागों पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए. देश के अलग-अलग कोनों से आए जो स्टूडेंट्स राजेंद्र नगर में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, अब सब कुछ छोड़कर धरने पर बैठे हैं. वह अपने साथियों की मौत का न्याय चाहते हैं और सुधार व बदलाव की उम्मीद भी कर रहे हैं. राजेंद्र नगर के एक कोचिंग संस्थान में हुआ यह हादसा कोई नई घटना नहीं है. पिछले हफ्ते इसी से सटे पटेल नगर में एक यूपीएससी अभ्यर्थी की करंट लगने से मौत हो गई थी (UPSC Coaching). इसके अलावा एक छात्रा ने मकान मालिक के रेंट बढ़ा देने से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया था. इन सभी हादसों ने लोगों की आंखें खोल दी हैं. हर कोई इसी की चर्चा कर रहा है. कोई समस्या बता रहा है तो कोई समाधान. राजेंद्र नगर को यूपीएससी हब ऐसे ही नहीं कहा जाता है. कुछ कोचिंग यहां 70 से ज्यादा सालों से हैं. ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए राजेंद्र नगर और वहां स्थित यूपीएससी कोचिंग का आंखों-देखा हाल. मेट्रो स्टेशन से ही दिख जाएगी झलक राजेंद्र नगर यूपीएससी हब पहुंचने का सबसे अच्छा जरिया दिल्ली मेट्रो है. करोल बाग स्टेशन पर गेट नंबर 8 से एग्जिट करके आप यूपीएससी कोचिंग के बाजार तक पहुंच सकते हैं. यहां मैं इसे बाजार लिख रही हूं क्योंकि मेट्रो स्टेशन से ही अंदाजा लग जाता है कि आप कहां आ गए हैं. सीढ़ियां उतरने से पहले ही कई कोचिंग के बोर्ड नजर आने लगते हैं. बाहर आकर करोल बाग मेट्रो की होर्डिंग देखेंगे तो उसके साथ दृष्टि आईएएस लिखा हुआ भी नजर आ जाता है. आप जहां-जहां भी नजर डालेंगे, वहीं आपको सिर्फ कोचिंग संस्थान नजर आएंगे. UPSC Coaching Hub: मेट्रो स्टेशन के बाहर का दृष्य फल मंडी की तरह सजे हैं बोर्ड इनमें से कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम आपने सुन रखे होंगे तो कुछ आपके लिए बिल्कुल नए होंगे. मोबाइल रिचार्ज प्लान की तरह सबके अपने ऑफर.. कोई सालाना फीस वसूल रहा है तो कोई मासिक. कोई सिर्फ यूपीएससी प्रीलिम्स की तैयारी करवा रहा है तो कोई मेंस या इंटरव्यू निकालने की गारंटी दे रहा है. बात वही है, आप जिसकी बातों में फंस जाएं. थोड़ा आगे बढ़ने पर स्टेशनरी की दुकानें नजर आएंगी. वहां किताबें, रजिस्टर, पेन आदि के दाम नॉर्मल से कुछ ज्यादा लगेंगे. हम लोग बाजारवाद की जिस दुनिया में जी रहे हैं, वहां ऐसा होना सामान्य मानने लगते हैं. हर तरफ बैठे हैं गाइड इस इलाके में हर कोई आपको गिद्द की तरह देखेगा. वहां सबको आपमें अपना शिकार नजर आएगा. फल वाले से लेकर जूस बेचने वाला तक आपको सही कोचिंग की दिशा बताएगा. आपको लगेगा कि हर किसी के अंदर एक काउंसिलर है, यहां सब ज्ञानी हैं. कोई धीरे से अपना विजिटिंग कार्ड पकड़ा देगा तो कोई ब्रोकर बनकर घर दिखाने लगेगा. आपका बजट, 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन आदि के मार्क्स पूछकर वह आपको कोचिंग भी विजिट करवा देंगे. अगर मैं थोड़ा और वक्त वहां रुकती तो शायद ऑप्शनल सब्जेक्ट तक की जानकारी मिल जाती. धरने पर बैठे यूपीएससी एस्पिरेंट्स इन दिनों राजेंद्र नगर इलाके की रंगत कुछ बदली हुई है. हवा में मायूसी है, बच्चों के चेहरों पर उदासी है. यहां रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे कुछ उम्मीदवार कंफ्यूज्ड हैं तो कुछ मृत स्टूडेंट्स के लिए न्याय मांग रहे हैं. वहां ज्यादातर यूपीएससी कोचिंग सील कर दी गई हैं. राव आईएएस स्टडी सर्कल के बाहर बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स धरने पर बैठे हैं. इनमें से कइयों ने भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है. जो इलाका युवाओं की चहल-पहल से गुलजार रहता था, अब वहां खामोशी है. सभी धूप-बारिश की चिंता न करते हुए दिन-रात वहीं सड़क पर बैठकर बिता रहे हैं. UPSC Aspirants Protest: स्टूडेंट्स भूख-प्यास, धूप-बारिश की परवाह किए बगैर बैठे हैं बिछ गया पुलिस का मायाजाल अभी तो यह धरना बहुत शांतिपूर्वक हो रहा है लेकिन आगे भी ऐसा ही रहेगा, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. वहां शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. एंबुलेंस से लेकर दमकल गाड़ियां तक वहां हैं. अगर आप धरना देने जा रहे हैं तो अपनी कोचिंग आईडी पुलिस वालों के पास जमा करवानी होगी. अगर आप मीडिया से हैं तो आईडी दिखाकर उस घेरे के अंदर जा सकते हैं. इनके अलावा किसी को फिल्हाल एंट्री नहीं दी जा रही है क्योंकि कोचिंग स्टूडेंट्स के आवरण में अराजक तत्वों के घुसने से वहां की शांति भंग हो जाएगी और माहौल बिगड़ जाएगा. लाइब्रेरी के नाम पर खिलवाड़ राव आईएएस स्टडी सर्कल और उसके आस-पास के अधिकतर कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया गया है. कइयों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं. वहां जाने पर पता चला कि ज्यादातर लाइब्रेरी बेसमेंट में हैं. लाइब्रेरी भी दो तरह की हैं, एक जो कोचिंग वालों की है और दूसरी, प्राइवेट. बेसमेंट लाइब्रेरी की फीस कम होती है. कम बजट वाले स्टूडेंट्स के लिए यह ऑप्शन अच्छा रहता है. ज्यादातर स्टूडेंट्स ने बताया कि किसी को भी बेसमेंट में ऐसा खतरनाक हादसा होने की आशंका नहीं थी. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए लाइब्रेरी सबसे महत्वपूर्ण होती है और यहां यही सवालों के घेरे में है. UPSC Library: फिल्हाल कई यूपीएससी लाइब्रेरी बंद हैं रहने में भी परेशानियां अनेक राजेंद्र नगर, पटेल नगर, मुखर्जी नगर.. ये सब इलाके युवाओं का गढ़ हैं. कायदे से यहां मूलभूत सुविधाओं से लैस पीजी होने चाहिए थे. लेकिन यहां तो इसमें भी लूट मची है. जो स्टूडेंट्स अभी अपने पैरों पर नहीं खड़े हो पाए हैं, जो अपनी हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर हैं, उनसे किराये के नाम पर 15-20 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. यूपीएससी अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्हें 15 हजार में एक छोटा सा कमरा मिलता है, जिसमें वह 1 सिंगल बेड, 1 अलमारी, 1 कुर्सी-मेज रख सकते हैं. इसके बाद खाना बनवाने के लिए कुक या टिफिन सिस्टम की व्यवस्था अलग से करनी पड़ती है. ब्रोकर भी किसी से कम नहीं इन युवाओं के लिए यहां कमरा ढूंढ पाना बिल्कुल भी आसान नहीं है. इसके लिए उन्हें ब्रोकर के झमेले में पड़ना पड़ता है. ये ब्रोकर एक कमरे के बदले में 20 दिन का किराया लेते हैं. स्टूडेंट्स एरिया में इस पर रोक लगना या कुछ नियम बनना जरूरी है. मकान-मालिक भी अपने हिसाब से, अपनी मर्जी से किराया वसूल रहे हैं. कुछ समय पहले एक छात्रा ने सिर्फ इसी वजह से मौत को गले लगा लिया था. उसके कमरे का किराया 15 हजार रुपये था और मकान मालिक ने अचानक कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुए बिना 3 हजार रुपये बढ़ा दिए थे. उसके लिए हर महीने 18 हजार रुपये दे पाना मुमकिन नहीं था. रैश ड्राइविंग से भी है खतरा स्कूल, कोचिंग, कॉलेज वाले इलाकों में रैश ड्राइविंग की मनाही होती है. लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं की मानें तो राजेंद्र नगर में शाम होते ही आस-पास के इलाकों के लड़के कार व बाइक में फर्राटा भरते हुए नजर आने लगते हैं. इससे वहां एक्सिडेंट का खतरा भी बढ़ जाता है. सिर्फ यही नहीं, राजेंद्र नगर में बारिश के बाद जलभराव की समस्या तो सबसे आम है. 15-20 मिनट की बारिश में भी वहां कई फुट पानी भर जाता है. इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है. लेकिन कभी कोई समाधान नहीं निकला. UPSC Aspirants Protest: राजेंद्र नगर इलाके में पुलिस बल तैनात है कब खत्म होगा धरना? राजेंद्र नगर में धरने पर बैठे युवा अपनी समस्याओं का स्थायी समाधान चाहते हैं. वह इन मुश्किलों में समय बर्बाद करने के बजाय अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित करना चाहते हैं. इसीलिए उनकी मांग है कि कोचिंग संस्थानों को लेकर कुछ कठोर नियम बनाए जाएं. वहां पानी भरने की समस्या से निजात मिले, मकान मालिकों और ब्रोकर्स पर कुछ शिकंजा कसा जाए. वह चाहते हैं कि यूपीएससी कोचिंग फीस और लाइब्रेरी सिस्टम के लिए भी कुछ नियम बनने चाहिए. धरने पर बैठे युवाओं का कहना है कि वह इन समस्याओं का समाधान मिलने पर ही अब यहां से उठेंगे. फीस का लगाइए हिसाब राजेंद्र नगर में छोटी-बड़ी 30-35 कोचिंग हैं. हर कोचिंग में कम से कम 20 बैच चलते हैं. हर बैच में 250-300 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. ये सभी दो से ढाई लाख रुपये कोचिंग फीस भर रहे हैं. ऑप्शनल विषय की फीस अलग होती है. इसके अलावा लाइब्रेरी फीस भी जमा करनी होती है. सिर्फ यही नहीं, विभिन्न टेस्ट सीरीज, नोट्स, मॉक इंटरव्यू, स्टडी मटीरियल के लिए भी अलग से रुपये जमा करने होते हैं. इस हिसाब से एक स्टूडेंट पर लाखों की फीस का बोझ होता है. बता दें कि कई स्टूडेंट्स 3-4 या उससे ज्यादा सालों तक भी यहां कोचिंग करते हैं. यूपीएससी प्लान बी है जरूरी यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा देश की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं की लिस्ट में शामिल है. इसकी तैयारी करने में ही कई सालों का वक्त लग जाता है. कुछ स्टूडेंट्स कभी प्रीलिम्स निकाल लेते हैं तो मेंस में रह जाते हैं. कोई मेंस तक पहुंच जाता है तो इंटरव्यू में पिछड़ जाता है. वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो कई सालों तक प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाते हैं. कई युवाओं को आखिरी अटेंप्ट के बाद अहसास होता है कि उन्होंने अपने कई कीमती साल तैयारी में बिता दिए. ऐसे में कोचिंग संचालकों को उम्मीदवारों को प्लान बी के लिए भी तैयार करना चाहिए. Tags: Coaching class, UPSC, Upsc examFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 14:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed