अब भारत में होगी विदेश जैसी पढ़ाई! साल में 2 बार मिलेगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन

Biannual Admissions 2024: ज्यादातर देशों में साल में दो बार एडमिशन होते हैं. लेकिन भारत में अभी तक ऐसा नहीं था. अब यूजीसी अध्यक्ष इसमें बदलाव कर रहे हैं. भारतीय यूनिवर्सिटी व कॉलेज में भी साल में दो बार एडमिशन होने से स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा. जानिए बाई एनुअल एडमिशन का मतलब और इसके फायदे व नुकसान.

अब भारत में होगी विदेश जैसी पढ़ाई! साल में 2 बार मिलेगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन
नई दिल्ली (Biannual Admissions 2024). भारतीय यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने वाली है. अब यूरोप व अमेरिका जैसे देशों की तरह भारत में भी बाई एनुअल एडमिशन का नियम लागू किया जा रहा है. इसके तहत भारतीय यूनिवर्सिटी में साल में दो बार एडमिशन लिए जाएंगे. लेकिन शुरुआती दौर में भारत में यह प्रक्रिया चुनौतियों से भरी रहेगी. इसको लागू करने और आसान बनाने में फिलहाल काफी वक्त लग सकता है. भारतीय एजुकेशन सिस्टम को ग्लोबल लेवल पर ले जाने की तैयारी चल रही है. इसीलिए यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में साल में 2 बार एडमिशन का फैसला लिया है (University Education). लेकिन 1 साल में एडमिशन की दो साइकल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य रिसोर्सेस की जरूरत पड़ेगी, जो फिलहाल मुमकिन नहीं है. इस स्थिति में साल में दो बार एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत कर पाना आसान नहीं है. इसके लिए वक्त लगेगा. University Admission: दो बार कब होंगे एडमिशन? यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को साल में 2 बार एडमिशन करवाने की इजाजत दे दी है. लेकिन इसके लिए कोई अनिवार्यता नहीं है. सभी संस्थान अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसोर्सेस के आधार पर इसे अपने यहां लागू कर सकते हैं. अभी हायर एजुकेशन के लिए जुलाई-अगस्त में एडमिशन होते हैं. यूजीसी अध्यक्ष प्रो. जगदीश कुमार ने नया निर्णय लिया है कि अब से सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेज जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में एडमिशन कर सकते हैं. यह भी पढ़ें- नीट, JEE, CUET का बदलेगा पैटर्न, बिना कोचिंग आसानी से पास कर पाएंगे एग्जाम Biannual Admissions 2024: साल में 2 बार एडमिशन से क्या फायदा मिलेगा? बता दें कि यूएस, यूरोप समेत कई देशों की यूनिवर्सिटी में दो सीजन – स्प्रिंग और फॉल होते हैं. बाई एन्युअल एडमिशन से गैप ईयर वाले स्टूडेंट्स को दूसरा मौका मिलेगा. कंपार्टमेंट परीक्षा वाले स्टूडेंट्स का भी 1 साल बर्बाद होने से बच जाएगा. कई भारतीय यूनिवर्सिटी का मानना है कि यह प्लान स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी, दोनों के लिए फायदेमंद है. इससे ग्लोबलाइजेशन होगा. भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटी का शेड्यूल आपस में मैच होगा. साथ ही प्लेसमेंट एजेंसियां भी साल में 2 बार आएंगी. यह भी पढ़ें- UPSC प्रीलिम्स परीक्षा में पास होने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? देखिए कटऑफ Tags: Abroad Education, Admission Guidelines, Ugc, University educationFIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 17:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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