MBBS में गोल्ड मेडलिस्ट NEET PG में हासिल की 7वीं रैंक अब करेंगी यह काम
MBBS में गोल्ड मेडलिस्ट NEET PG में हासिल की 7वीं रैंक अब करेंगी यह काम
NEET Story: कभी-कभी हमारे जीवन में कोई ऐसी घटना होती है, जिसकी वजह से हम इतना प्रेरित हो जाते हैं कि उसी अनुरूप खुद को बनाने में लग जाते हैं. ऐसी ही कहानी नीट पीजी में 7वीं रैंक लाने वाली इस लड़की की है.
NEET Success Story: मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए नीट की परीक्षा को पास करना होता है. फिर चाहे MBBS की पढ़ाई हो या एमडी की, दोनों में नीट (UG, PG) के एग्जाम को क्रैक करना होता है. डॉक्टर बनने के लिए नीट की परीक्षा एक एंट्री गेट के तौर पर काम करता है. इस गेट को पार कर लिए मतलब डॉक्टर बनने की पहली सीढ़ी पर चढ़ गए हैं. इस परीक्षा को पास करने के लिए लोग जीतोड़ मेहनत करते हैं. कभी-कभी कोई घटना ऐसी हमारे सामने घट जाती है, जिसकी वजह से कुछ करने के लिए हम प्रेरित भी हो जाते हैं. ऐसी ही कहानी नीट पीजी में 7वीं रैंक लाने वाली हम्सावर्धिनी वी (Hamsavardhini V) की है.
नीट पीजी में हासिल की 7वीं रैंक
हम्सावर्धिनी वी अपनी दादी की वजह से डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित हुई हैं. उनकी दादी को जन्मजात हृदय रोग था, जिसकी वजह से उन्हें खो दिया क्योंकि इसका जल्दी निदान नहीं कर सके. इस घटना ने उन्हें इतना झकझोर दिया कि वह डॉक्टर के पेशे को चुनने के लिए प्रेरित हो गई. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेल्लोर में हाल ही में आयोजित दीक्षांत समारोह में 48 गोल्ड मेडल और पुरस्कार प्राप्त करने वाली इस 25 वर्षीय डॉक्टर के लिए NEET-PG 2024 का रिजल्ट सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. परीक्षा में हम्सावर्धिनी वी (Hamsavardhini V) ने 7वां स्थान प्राप्त किया है.
CMC से की MBBS की पढ़ाई
हम्सावर्धिनी वी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने नेशनल पब्लिक स्कूल इंदिरानगर से पढ़ाई की हैं. वह वर्ष 2016 में NEET यूजी की परीक्षा पास की थी और CMC मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था. संस्थान द्वारा आयोजित योग्यता परीक्षा के साथ-साथ NEET के अंकों पर भी विचार किया जाता है. मई 2022 में अपना कोर्स पूरा करने के बाद से हम्सावर्धिनी वी (Hamsavardhini V) संस्थान में अपने दो साल के अनिवार्य बॉन्ड के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है.
अब करना चाहते हैं यह काम
हम्सावर्धिनी वी बताती हैं कि वर्ष 2021 में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी में तैनात थी और उनके पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं था. अपने बॉन्ड के दूसरे वर्ष में उन्होंने न्यूरो ट्रॉमा ICU में थी. उन्हें प्रति सप्ताह 48-60 घंटे काम करना पड़ता था. उनके पास दो दिन की छुट्टी थी, जिसका लाभ वह पढ़ाई करने में उठाती थी. हम्सावर्धिनी अब सीएमसी में इंटरनल मेडिसिन लेना चाहती हैं. वह आगे बताती हैं कि मेडिसिन के साथ वह आबादी के एक बड़े हिस्से का इलाज करना चाहती हैं. शरीर के हर हिस्से को कवर किया जाता है और मुझे इसका दायरा पसंद है. मुझे एहसास हुआ कि हेमटोलॉजी वह क्षेत्र है जिसमें मैं विशेषज्ञता हासिल करना चाहती हूं और इंटरनल मेडिसिन में पीजी करने से मुझे मदद मिलेगी.
एक घटना ने बना दिया डॉक्टर
हम्सावर्धिनी वी (Hamsavardhini V) का डॉक्टर बनने का सपना जीवविज्ञान के प्रति उनके आकर्षण से शुरू हुआ है. वह डॉक्टर बनने के बारे में बताती हैं कि एक घटना जिसमें मैंने अपनी दादी को जन्मजात हृदय रोग के कारण खो दिया क्योंकि हम इसका जल्दी निदान नहीं कर सके. इस घटना के बाद मुझे पेशे के रूप में मेडिकल लेने के लिए प्रेरित किया.
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Tags: NEET, Neet examFIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 12:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed