किसानों के लिए वरदान तो पशुओं के लिए अमृत है फसल सरकार भी दे रही सब्सिडी

रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि पशुपालन करने वाले किसान चरी की फसल की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ में अपने पशुओं को हरे चारे के रूप में खिलाएं. जिससे उनके दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी.

किसानों के लिए वरदान तो पशुओं के लिए अमृत है फसल सरकार भी दे रही सब्सिडी
 सौरभ वर्मा/रायबरेली: गर्मी के मौसम में पशुपालक किसानों को हरे चारे की काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से पशुपालक किसान परेशान होने लगते हैं. परंतु अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि हम उन्हें एक ऐसे हरे चारे के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसकी खेती गर्मी के मौसम में ही की जाती है. पशुपालक किसान अपने खाली पड़े खेतों पर इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि पशुपालन करने वाले किसान चरी की फसल की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ में अपने पशुओं को हरे चारे के रूप में खिलाएं. जिससे उनके दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी. उनका स्वास्थ्य भी सही रहेगा. वह बताते हैं कि किसान गर्मी के मौसम में खाली पड़े खेतों में चरी की फसल की खेती करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं. साथ ही किसान इसका प्रयोग हरी खाद के रूप में भी कर सकते हैं. क्योंकि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे खेतों के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. जो हमारे खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने का काम करते हैं .चरी फसल की खेती करने वाले किसान इसकी बिक्री भी कर सकते हैं. जहां से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल जाएगा. यह है उन्नतशील किस्म वह बताते हैं कि चरी फसल की खेती करने वाले किसान पूसा संकर -109 की खेती करें. क्योंकि यह उन्नतशील किस्म की प्रजातियों में से एक है. जो बुवाई के 50 से 60 दिन के अंतराल पर कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसी के साथ ही यह प्रजाति बीमारियों के लिए प्रतिरोधी किस्म की होती है. इसकी बुवाई करते समय किसानों को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि छोटे दाने वाली किस्म के लिए बीज दर 10 से 12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 से 12 सेंटीमीटर की होनी चाहिए. सरकार देती है अनुदान लोकल 18 से बात करते हुए प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि चरी फसल की खेती के लिए सरकार द्वारा अनुदानित बीज योजना अंतर्गत 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. इसके लिए किसानों को अपने जरूरी दस्तावेज आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी के साथ अपने नजदीकी कृषि रक्षा इकाई पर संपर्क करना होगा. आगे की जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. क्योंकि इसमें सिंचाई के लिए पानी की भी ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है. Tags: Hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 16:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed