बाजार में अब GI125 के नाम से मिलेगा असली दशहरी किसानों की होगी बल्ले-बल्ले

अब अपने देश में भी दशहरी आम के स्वाद के साथ अब कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा. दरअसल असली दशहरी का स्वाद अब सिर्फ जीआई-125 टैग के साथ ही मिलेगा

बाजार में अब GI125 के नाम से मिलेगा असली दशहरी किसानों की होगी बल्ले-बल्ले
अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: भारत का दशहरी आम अमेरिका का सफर तय कर चुका है. पहली बार भारत से दशहरी आम अमेरिका जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अब अपने देश में भी दशहरी आम के स्वाद के साथ अब कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा. दरअसल असली दशहरी का स्वाद अब सिर्फ जीआई-125 टैग के साथ ही मिलेगा क्योंकि मार्केट में अब अवध आम उत्पादन एवं बागवानी समिति से जुड़े सभी किसान मलिहाबादी दशहरी को जी आई 125 के नाम से मार्केट में बेचेंगे ताकि दशहरी के स्वाद से लोगों को कोई गलतफहमी ना हो और जो असली दशहरी का स्वाद है वही लोगों को मिल सके. अवध आम उत्पादन एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ‘अब यही है असली दशहरी’ जीआई 125 के नाम से दशहरी डिब्बे के अंदर बिकेगा. इस डिब्बे पर किसान का नाम उसका और मोबाइल नंबर सब लिखा होगा, जिसके जरिए अगर किसी को कोई फीडबैक देना हो तो वो सीधा किसान को उसके नंबर पर दे सके और दशहरी जिसके घर तक पहुंचे उसको पता हो कि यह आम कहां का है. इससे लोगों को असली स्वाद मिलेगा और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दशहरी आम की छवि बनी रहेगी. बैगिंग से हुआ फायदा उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को उन्होंने हमेशा से यही सलाह दी है कि दशहरी आम जब पूरी तरह से पक जाए तभी उसे तोड़े, पहले तोड़ने से इसका स्वाद और आकार खराब हो जाता है, इसलिए किसानों ने इस बार बात मानी और दशहरी को पकने दिया. यही वज़ह है कि बिना बैग वाला दशहरी भी मोटा और अच्छा हुआ है जबकि बैग का दशहरी साढ़े तीन किलोग्राम का है. इसका रंग पीला है और इसका स्वाद अनोखा है. दोनों ही दशहरी इस बार अच्छी क्वालिटी के हुए हैं, जिससे किसानों को यकीनन इस बार फायदा हो रहा है. कुछ किसानों ने अभी ही इसे 80 रुपए किलो तक बेचना शुरू कर दिया है. एक डिब्बे में चार किलो आम उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एक डिब्बे में चार किलो आम होगा, जिसको लोग खरीद सकेंगे क्योंकि इस बार आम की क्वालिटी बहुत अच्छी हुई है. हालांकि आम कम तादाद में हुए हैं लेकिन अच्छी क्वालिटी होने की वजह से ये महंगे बिकेंगे और किसानों को सिर्फ फायदा होगा और लोगों को भी असली स्वाद मिल सकेगा. अमेरिका जाने से जगी उम्मीद उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक लोगों ने दशहरी आम को घाटे का सौदा मानकर इसके बागों को काटना शुरु कर दिया था लेकिन अब दशहरी आम अमेरिका जा रहा है. इससे किसानों के अंदर एक उम्मीद जगी है. अब अगले साल किसान अपने दशहरी आम पर ज्यादा ध्यान देंगे और उसे अच्छे से अच्छी क्वालिटी प्रदान करने की कोशिश करेंगे. बैगिंग से इस बार काफी फायदा हुआ है. अगले साल फिर से किसान अपने सभी आमों को बचाने के लिए उसकी बैगिंग समय से कर देंगे. Tags: Fruits sellers, Local18FIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 10:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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