CNG का विकल्प तैयार कर रही ये कंपनी कचरा-हाथी घास का करती इस्तेमाल

ग्रूनर रिन्यूएबल्स के सीईओ और फाउंडर उत्कर्ष गुप्ता ने लोकल-18 की टीम से बात करते हुए बताया कि दुनियाभर में आजकल कई कंपनी सीएनजी का विकल्प खोज रही है. इसके लिए ग्रूनर कंपनी ने जर्मन कंपनी की मदद से बायो गैस बनाने वाले प्लांट बनाना शुरू किए हैं.

CNG का विकल्प तैयार कर रही ये कंपनी कचरा-हाथी घास का करती इस्तेमाल
सुमित राजपूत/नोएडा: बीते कई सालों से दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है, जिसके चलते पेट्रोल- डीजल के दाम भी आसमां छूने लगे हैं. लेकिन, विश्व में कई कंपनियां इन दिनों जीवाश्म ईंधन की जगह बायोगैस या प्राकृतिक ईंधन या स्वच्छ ऊर्जा जैसे विकल्प पर काम कर रही है. इसी क्रम में उत्कर्ष गुप्ता की नोएडा में स्थित ग्रूनर एनर्जी ने जर्मन कंपनी की मदद से बायो गैस बनाने वाले प्लांट बनाना शुरू किए हैं. जहां बड़ी संख्या में किसान और लोग कंपनी से जुड़ रहे हैं. एक साल पहले चार लोगों ने मिलकर कंपनी की नींव रखी और आज 120 लोगों की टीम है. कंपनी के टर्नओवर की बात करें तो पहली साल में करीब 100 करोड़ था. जबकि इस साल दो हजार करोड़ का आंकड़ा छूने का अनुमान है. ग्रूनर रिन्यूएबल्स के सीईओ और फाउंडर उत्कर्ष गुप्ता ने लोकल-18 की टीम से बात करते हुए बताया कि दुनियाभर में आजकल कई कंपनी सीएनजी का विकल्प खोज रही है. बजाज जैसी कंपनी ने टू व्हीलर को सीएनजी में लॉन्च किया है. एक बड़ी ट्रैक्टर कंपनी ने ट्रैक्टर को यूरोप में मीथेन बेस्ड लांच किया है. वो भारत में बहुत जल्द एंट्री करने वाली है. पेट्रोल-डीजल और सीएनजी का ऑर्डिनेट कंपनी तैयार कर रहा है. इसी को देखते हुए हम भी प्लांट को स्थापित करते हैं. इसके साथ साथ बायोगैस फिलिंग स्टेशन भी लगा रहे हैं. अब तक ग्रूनर रिन्यूएबल्स ने नागपुर समेत कई जगह प्लांट को तैयार किया है. कंपनी से सीधे जुड़ सकते हैं किसान उत्कर्ष गुप्ता ने बताया कि बायोगैस सीबीजी बनाने के लिए खेतों से निकलने वाला फसल अपशिष्ट या फिर अपने खेतों में हाथी घास की पैदावार करके किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. कंपनी का मानना है कि बड़े पैमाने पर अगर किसान हाथी घास की फसल करता है. तो एक एकड़ में कम से कम दो से ढाई लाख रुपए कमा सकता है. ये फसल किसी किसान को बार बार खेत में बुआई नहीं करनी पड़ती. एक बार रोपण के बाद सालों साल चलती है. हाथी घास किसानों को सिर्फ अपने खेत में तैयार करनी होता है. इसके बाद कंपनी की जिम्मेदारी होगी, वो आगे कैसे काटकर प्लांट तक पंहुचाती है. यूपी में पहला सबसे बड़ा बायोगैस प्लांट अयोध्या में स्थापित होने जा रहा है. वहीं, कंपनी का सपना है कि बायोगैस प्लांट और फिलिंग स्टेशन को भारत के हर राज्य के हर क्षेत्र में स्थापित करने का है. बहुत तेजी से आगे बढ़ रही कंपनी ग्रूनर रिन्यूएबल्स कंपनी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोग जुड़कर काम कर रहे हैं और उन्हे रोजगार मिला है. उत्कर्ष गुप्ता ने बताया कि बायोगैस को यूज करने के लिए किसी भी सीएनजी वाली गाड़ी में कोई बदलाव नहीं करना पड़ता है. बायोगैस सीएनजी का भी ऑर्डिनेट है. ये प्लांट से जब बनकर तैयार होता है, तो करीब 45 रुपए प्रति किलो इसकी कॉस्ट आती है. कंपनी ने बताया कि पहली साल का ऑर्डर बुक वैल्यू 1500 करोड़ का था, जबकि टर्नओवर 100 करोड़. दूसरे साल 2024 से 25 में ऑर्डर बुक वैल्यू हमारा पांच हजार करोड़ होने का अनुमान है. वहीं, टर्नओवर 200 करोड़ जाने का अनुमान हम लगा रहे हैं. Tags: Local18, Noida news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 12:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed