अयोध्या से जो दो बार सांसद बना उसकी सियासी जमीन ही खत्म हो गई बता रहे आंकड़े

Ayodhya Chunav Result 2024: देश के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA भले ही बहुमत में हो, लेकिन चर्चा सिर्फ अयोध्या की हो रही है. आखिर किस वजह से बीजेपी अयोध्या हार गई. तो इसका जवाब अयोध्या के सियासी इतिहास में मिलता है.

अयोध्या से जो दो बार सांसद बना उसकी सियासी जमीन ही खत्म हो गई बता रहे आंकड़े
हाइलाइट्स अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा का इतिहास रहा है कि कोई भी सांसद तीसरी बार नहीं जीता अयोध्या में बीजेपी की हार के भले ही चर्चे हो रहे हों, लेकिन यह हार भाजपा नहीं बल्कि लल्लू सिंह की है अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा का इतिहास रहा है कि कोई भी सांसद तीसरी बार विजय प्राप्त नहीं कर सका. यही नहीं दो बार सांसद होने के बाद उसकी राजनीति ही खत्म हो गई. चाहे मित्र सेन यादव रहे हों, निर्मल खत्री रहे, या फिर विनय कटिहार. अब लल्लू सिंह, इन सभी लोगों ने दो-दो बार सांसद होने का स्वाद चखा, लेकिन जब तीसरी बार बारी आई तो सभी हार गए. अगर बीजेपी ने प्रत्याशी बदल दिया होता बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह से अयोध्या वासियों की व्यक्तिगत कारणों से परहेज रही. लल्लू सिंह के बड़बोलेपन ने उन्हें हार दिलाई. वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बीजेपी संगठन अगर लल्लू सिंह की जगह किसी और को टिकट दिया होता तो बीजेपी अयोध्या से लाखों वोटों के अंतर से जीतती, लेकिन लल्लू सिंह को तीसरी बार टिकट देकर बीजेपी मात खा गई. अयोध्या में बीजेपी नहीं लल्लू सिंह की हार न्यूज़ 18 ने यहां के स्थानीय निवासियों व्यापारियों से बात भी की थी कि वे अपनी समस्या को लेकर जब सांसद के पास जाते थे तो उनका यही कहना होता था कि इसमें हम क्या करें. इसमें सरकार जाने. सवाल यह पैदा होता है कि सरकार तक जाएगा कौन? जनता या फिर जनता का प्रतिनिधि? लल्लू सिंह यह भी कहते सुने गए कि आप लोगों ने वोट मुझको नहीं मोदी को दिया है. यही ओवर कॉन्फिडेंस लल्लू सिंह को हार का स्वाद चखा गया. बीजेपी सूत्रों की माने तो लल्लू सिंह को पूरा आभास था कि मोदी मैजिक के चलते वह चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन जनता जनार्दन होती है. वह अपने घाव कैसे भूल जाती. लोगों का मानना है कि अयोध्या में बीजेपी नहीं लल्लू सिंह अपने व्यक्तिगत कारणों से चुनाव हारे हैं. क्या सपा सांसद अयोध्या की जनता के उम्मीदों पर खरा उतरेंगे? हालांकि जो समस्याएं अयोध्या के निवासियों की हैं या यहां के व्यापारियों की है, उसको नव निर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद भी पूरा नहीं कर सकते, लेकिन लल्लू सिंह को इस बात का आभास कराना था कि जनता का सबसे बड़ा हथियार उसका वोट होता है, जिसका उसने प्रयोग किया. Tags: 2024 Loksabha Election, Ayodhya NewsFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 12:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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