इस बिल्डर ने हजारों बायर्स को किया बर्बाद 14 साल बाद भी नहीं मिला घर

एनबीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 38 हजार फ्लैटों में से 22,014 फ्लैट तैयार कर कोर्ट रिसीवर को सौंपे जा चुके हैं. हालांकि, केवल 8 हजार बायर्स को ही पजेशन मिला है

इस बिल्डर ने हजारों बायर्स को किया बर्बाद 14 साल बाद भी नहीं मिला घर
नोएडा: आम्रपाली के अधूरे प्रॉजेक्ट्स में फंसे हजारों बायर्स की समस्याएं अभी भी बरकरार हैं. 14 साल से घर का इंतजार कर रहे बायर्स को 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उम्मीद जगी थी, जब कोर्ट ने आम्रपाली बोर्ड को भंग कर निर्माण की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंपी थी. कोर्ट ने एनबीसीसी को 38 हजार फ्लैट तीन साल में तैयार करने की समयसीमा दी थी, लेकिन पांच साल बाद भी बायर्स को उनके घर पूरी तरह से नहीं मिले हैं. एनबीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 38 हजार फ्लैटों में से 22,014 फ्लैट तैयार कर कोर्ट रिसीवर को सौंपे जा चुके हैं. हालांकि, केवल 8 हजार बायर्स को ही पजेशन मिला है, जबकि बाकी बायर्स इंतजार कर रहे हैं. कई बायर्स ने बेसिक सुविधाओं की कमी के चलते पजेशन लेने से इनकार कर दिया है, वहीं कुछ बायर्स कानूनी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. अधूरी सुविधाओं के कारण बायर्स में नाराजगी एनबीसीसी का दावा है कि उसने 16 प्रॉजेक्ट्स में फ्लैटों का निर्माण पूरा कर लिया है, लेकिन इनमें से 8-10 प्रॉजेक्ट्स में बिजली, पानी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), लिफ्ट और जनरेटर जैसी बुनियादी सुविधाएं अब भी अधूरी हैं. इसके चलते बायर्स परेशान हैं और कई फ्लैट का पजेशन लेने को तैयार नहीं हैं. सफाई, सुरक्षा और खेल सुविधाओं की कमी भी उनकी समस्याओं में इजाफा कर रही है. अब तक केवल दो प्रॉजेक्ट्स, जिनमें प्रमुख रूप से ईडन पार्क है, को पूरी तरह से हैंडओवर किया जा सका है. 2025 तक पूरा होगा बाकी निर्माण कार्य एनबीसीसी के सीएमडी केपीएम स्वामी के अनुसार, बाकी 14 हजार फ्लैटों को दिसंबर 2024 तक तैयार कर लिया जाएगा. आदर्श आवास योजना प्रॉजेक्ट के 2 हजार फ्लैटों का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा होने का अनुमान है. फिलहाल, 10 प्रॉजेक्ट्स में निर्माण कार्य अभी भी जारी है. बायर्स के सामने बड़ा सवाल: घर कब मिलेगा? बायर्स के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि उन्हें उनके घर कब मिलेंगे. कई बायर्स, जो पहले से तैयार फ्लैटों का पजेशन लेना चाहते हैं, कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों का सामना कर रहे हैं. पेनल्टी और दस्तावेजी आपत्तियों के कारण बायर्स कोर्ट रिसीवर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. तैयार फ्लैटों के बावजूद, 14 हजार फ्लैटों का पजेशन अभी भी अटका हुआ है. कुल मिलाकर, बायर्स के लिए इंतजार का समय लंबा होता जा रहा है, और उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट और एनबीसीसी उनकी समस्याओं का जल्द समाधान निकालेंगे. Tags: Greater Noida Authority, Local18FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 15:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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