Maharashtra CM Devendra Fadanvis:: किसी भी राजनीतिक गठबंधन की चुनावी असफलता अगर उत्तरदायित्व तय करता है तो सफलता का श्रेय भी सामूहिक रूप से दिया जाना ही श्रेयस्कर होता है. यही बात महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर दिखा. यहां एनडीए के सभी दलों के प्रमुख नेता मंच पर एक साथ मौजूद रहे. राजनीति के जानकार कहते हैं कि महाराष्ट्र के आजाद मैदान में आज जो दिखा उसकी धमक देश की आगामी राजनीति में भी दिखेगी.
हाइलाइट्स महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण से निकला विशेष राजनीतिक संदेश. एनडीए के सर्वमान्य नेता पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार बिहार में खास. एकनाथ शिंदे को साथ लेकर बीजेपी नेतृत्व ने एनडीए सहयोगियों को दिया संदेश.
मुंबई. 54 साल के देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं. वह महाराष्ट्र के 21 चीफ मिनिस्टर बने हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने भी शपथ ली. इस दौरान आजाद मैदान में जय महाराष्ट्र का उद्घोष तो होता ही रहा, लेकिन उस मंच पर जो सीन दिखा वह एनडीए की एकजुटता के लिए काफी महत्व रखता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री वहां मौजूद रहे. इन प्रमुख चेहरों में गैर भाजपा दलों के मुख्यमंत्री बिहार से नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश से एन चंद्रबाबू नायडू रहे. वहीं, एनडीए में भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, असम और हरियाणा के मुख्यमंत्री भी मंच पर मौजूद रहे. यहां एक तस्वीर सबसे खास दिखी जब पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने शपथ ली तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए और उनसे हाथ मिलाए और अभिवादन भी किया. ये वो खास तस्वीर इसलिए रही कि अंतिम तक एकनाथ शिंदे ने संशय बनाए रखा था कि वह इस सरकार में शामिल होंगे या नहीं.
राजनीति के जानकार कहते हैं कि निश्चित तौर पर एनडीए की एकता के लिहाज से राजनीतिक संदेश दिया गया है. इसी मंच पर अजीत पवार मौजूद थे और उन्होंने भी शपथ ली. वह देवेंद्र फडणवीस के बगल में ही बैठे रहे और दोनों के बीच काफी ट्यूनिंग दिखी. इन तस्वीरों के बीच एक और खास तस्वीर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एन चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी वाली रही. शपथ ग्रहण कार्यक्रम पूरा होने के बाद मंच पर पीएम मोदी और ये दोनों ही नेता (नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू) जिस उत्साह से आपस में मिले, यह भी बड़ी मैसेजिंग रही.
पीएम मोदी सर्वमान्य, बिहार में सिर्फ नीतीश
वहीं, सीएम नीतीश कुमार की उपस्थिति यह बताती है कि एनडीए को बिहार में उनपर पूरा भरोसा है और उनके ही नेतृत्व में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की लड़ाई लड़ी जाएगी. सबसे बेहतरीन बात मंच का सीटिंग अरेंजमेंट रहा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बगल में बैठे हुए थे. एक दूसरे से अलग धारा की राजनीति करने वाले ये दोनों ही एक दूसरे के बगल में बैठे तो खास सियासी संदेश गया कि एनडीए की राजनीति का आधार क्या है. वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार शर्मा कहते हैं कि एनडीए ने अपनी एकता की मजबूती फिर देश की जनता को दिखाई है. खास संदेश यह गया है कि पीएम मोदी का नेतृत्व एनडीए में सर्व स्वीकार्य है.
विपक्ष को देखेंगे तो खास लगेगा संदेश
राजनीति के जानकार बताते हैं कि महाराष्ट्र के आजाद मैदान के मंच से जो सियासी संदेश गया है जो यह आने वाली देश की राजनीति को बहुत असर करने वाला है. महाराष्ट्र का यह संदेश एनडीए की राजनीति को दिखाती है, वहीं विपक्षी दलों की उन उम्मीदों को धराशायी करता हुआ दिख रहा है, जो विपक्षी दल हाल के दिनों में दिखाने की कोशिश की है. एक तरफ एनडीए की एकजुटता और दूसरी ओर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दलों के मनभेद और मतभेद उभरते हुए दिखे हैं. हाल में जिस तरह से भी पक्षी एकता तार होती देखी है, वह एनडीए की मजबूती के परिप्रेक्ष्य में बेहद खास हो जाता है.
विपक्षी एकता तार-तार, एनडीए एकजुट
दरअसल, संभल हिंसा के मुद्दे पर जहां जहां समाजवादी पार्टी का अलग स्टैंड रहा और वहीं कांग्रेस की अपनी पॉलिटिक्स रही, यह एनडीए की एकता के साथ देखेंगे तो आगामी सियासत समझ जाएंगे. वहीं, इंडिया अलायंस में गौतम अदानी के मुद्दे पर जिस तरह से टीएमसी और समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से अलग स्टैंड रहा है, यह भी काबिले गौर है. निश्चित तौर पर एक तरफ विपक्षी दलों का बिखराव दिखा तो वहीं महाराष्ट्र में आजाद मैदान में एनडीए के मंच पर पूरी एकजुटता दिखाई दी.
महाराष्ट्र का राजनीतिक संदेश साफ है…
जिस तरह से केंद्र की सरकार एनडीए की एकता के साथ चल रही है, वहीं महाराष्ट्र में तमाम अगर-मगर के बाद एकनाथ शिंदे का अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेना भी खास रहा. यह इसलिए भी खास रहा कि बीजेपी ने यह संदेश दिया कि एनडीए के साथियों में नाराजगी रहेगी तो भी उसे अंत-अंत तक मनाया जाएगा. एकनाथ शिंदे का उदाहरण इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिये. जाहिर तौर पर महाराष्ट्र का सियासी संदेश साफ है और इसके बारे में आप कह सकते हैं कि एनडीए ने कह दिया है- बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की….
Tags: CM Nitish Kumar, Devendra Fadnavis, Maharashtra Government, Pm narendra modiFIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 18:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed