क्‍यों एक मां 12 साल बाद देख पाई अपनी बेटी फ‍िर ब्‍लड मनी का क्‍या है खेल

57 साल की प्रेमा कुमारी 12 साल बाद अपनी बेटी निमिषा प्रिया से यमन की जेल में मुलाकात की. मौत की सजा सुनाए जाने के बाद प्रिया, यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में कैद हैं. वह यमन के एक स्थानीय निवासी की हत्या के आरोप में जेल में कैद हैं.

क्‍यों एक मां 12 साल बाद देख पाई अपनी बेटी फ‍िर ब्‍लड मनी का क्‍या है खेल
तिरुवनंतपुरम. यमन के एक स्थानीय निवासी की हत्या के मामले में जेल में मौत की सजा की सामना कर रही भारत की रहने वाले नर्स के लिए बुधवार का दिन काफी भावुक करने वाला था. 12 साल के बाद वह अपनी मां से जेल में मुलाकात की. मां-बेटी दोनों एक-दूसरे को देख फूले नहीं समा रही थीं, लेकिन उसी पल काफी भावुक होते हुए एक दूसरे के गले लगकर दोनों खूब रोईं. 57 साल की प्रेमा कुमारी 12 साल बाद अपनी बेटी निमिषा प्रिया से यमन की जेल में मुलाकात की. मौत की सजा सुनाए जाने के बाद प्रिया, यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में कैद हैं. वह यमन के एक स्थानीय निवासी की हत्या के आरोप में जेल में कैद हैं. मिल पाने की उम्मीद नहीं थी प्रेमा अपनी बेटी से 24 अप्रैल को जेल में मिली थीं. मुलाकात के कुछ घंटे के बाद उन्होंने एक वीडियो मैसेज शेयर किया और कहा कि मुझे यकीन नहीं था कि मैं अपनी बेटी को कभी देख पाउंगी. मुझे डर गलत था. मैं उससे मिली. जैसे ही उसने मुझे देखा, वह दौड़कर मुझे मम्मी कहते हुए मेरे पास आई और मेरे गले लग गई. हम दोनों एक साथ खूब रोये. रोना नहीं है, सब ठीक हो जाएगा प्रेमा ने आगे कहा कि मैंने प्रिया से कहा कि रोना नहीं है और खुश रहना है और आगे सब ठीक होगा. प्रेमा ने कहा, ‘मैंने उसे इतने सालों के बाद देखा. आखिरी बार मैंने उसे उसके शादी में देखा था. दोनों मां-बेटी जेल में एक साथ कुछ वक्त बिताया और दोनों ने साथ बैठकर खाना भी खाया. प्रेमा ने कहा कि ईश्वर की कृपा है और यमन की सरकार की मेहरबानी से उनकी बेटी ठीक है. ब्लड मनी देकर बेटी को बचाना है प्रेमा की यमन की यात्रा की व्यवस्था ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल काउंसिल’ ने अरैंज किया था. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में प्रेमा कुमारी को अरब देश जाने की इजाजत दे दी थी, ताकि वह अपनी बेटी को मौत की सजा से बचाने के लिए पीड़ित परिवार से ‘ब्लड मनी’ (पीड़ित परिवार को पैसा देकर सजा माफ करवाना) पर बातचीत कर सकें. पिछले साल खारिज हुई थी याचिका यमन के सुप्रीम कोर्च ने पिछले साल 13 नवंबर को निमिषा प्रिया की मौत की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी. प्रिया यमन में नर्स के तौर पर काम कर रही थी. प्रिया को तलाल अब्दो महदी की जुलाई 2017 में हुई हत्या का दोषी ठहराया गया है. उसने तलाल के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. . FIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 18:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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