NGO ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- डोलो 650 के लिए फार्मा कंपनी ने बांटे 1000 करोड़ के गिफ्ट

एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को अवगत कराया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो टैबलेट बनाने वाली चर्चित फार्मा कंपनी द्वारा बुखार के इलाज के लिए डोलो 650 मिग्रा का नुस्खा लिखने के लिए चिकित्सकों को 1000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार बांटने का आरोप लगाया है.

NGO ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- डोलो 650 के लिए फार्मा कंपनी ने बांटे 1000 करोड़ के गिफ्ट
हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट में एनजीओ ने दी अहम जानकारी कहा- डोलो 650 दवा लिखने के लिए बांटे गए गिफ्ट इस केस की अगली सुनवाई होगी 29 सितम्बर को नई दिल्ली. एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को अवगत कराया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो टैबलेट बनाने वाली चर्चित फार्मा कंपनी द्वारा बुखार के इलाज के लिए डोलो 650 मिग्रा का नुस्खा लिखने के लिए चिकित्सकों को 1000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार बांटने का आरोप लगाया है. न्यायालय ने इस आरोप को ‘गम्भीर मुद्दा’ करार दिया. याचिकाकर्ता ‘फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख और अधिवक्ता अपर्णा भट ने जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ को बताया कि 500 मिग्रा तक के किसी भी टैबलेट का बाजार मूल्य सरकार की कीमत नियंत्रण प्रणाली के तहत नियंत्रित होता है. उन्होंने बताया कि लेकिन 500 मिग्रा से ऊपर की दवा की कीमत निर्माता फार्मा कंपनी द्वारा तय की जा सकती है. उन्होंने दलील दी कि उच्च लाभ हासिल सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने डोलो-650 मिग्रा टैबलेट के नुस्खे लिखने के लिए चिकित्सकों में मुफ्त उपहार बांटे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आप जो कह रहे हैं वह सुनने में सुखद लगता है. यही दवा है जो मैंने कोविड होने पर ली थी. यह एक गंभीर मुद्दा है और हम इस पर गौर करेंगे.’ अगली सुनवाई 29 सितंबर को  पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को दस दिनों में याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और इसके बाद पारिख को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है. इस बीच एक वकील ने फार्मा कंपनियों की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर करने की न्यायालय से अनुमति मांगी, जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया. पीठ ने कहा कि वह भी इस मुद्दे पर फार्मा कंपनियों का पक्ष सुनना चाहेगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: NGO, Pharmaceutical company, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 18, 2022, 22:55 IST