नमूना बन गए हैं रांची के 5 मॉडल स्कूल 11वीं क्लास में 10 साल एक भी बच्चे का एडमिशन नहीं
नमूना बन गए हैं रांची के 5 मॉडल स्कूल 11वीं क्लास में 10 साल एक भी बच्चे का एडमिशन नहीं
Jharkhand Government: रांची जिले में छह मॉडल स्कूल संचालित हैं.मॉडल स्कूल चान्हो, मांडर, लापुंग, बेड़ो और नामकुम में पहले कभी भी 11वीं में किसी छात्र ने दाखिला नहीं लिया. इसकी वजह स्कूलों में शिक्षकों का न होना है. कांके के मॉडल स्कूल में 10 साल में पहली बार कक्षा 11वीं में 10 बच्चों ने एडमिशन लिया है.
रांची. एक तरफ तो राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर बनाने की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ रांची प्रखंड के 5 ऐसे मॉडल स्कूल हैं जो 2012 से संचालित तो हैं, लेकिन पिछले 10 साल में कक्षा 11वीं में एक भी स्टूडेंट का नामांकन नहीं हुआ है. इसकी वजह स्कूलों में शिक्षकों का न होना है. मॉडल स्कूल चान्हो, मांडर, लापुंग, बेड़ो और नामकुम में पहले कभी भी 11वीं में किसी छात्र ने दाखिला नहीं लिया.
नामकुम स्थित मॉडल स्कूल की प्रभारी शिप्रा का कहना है कि कई बच्चे एडमिशन लेने के लिए आते तो हैं, लेकिन स्कूल में शिक्षकों के न होने से बच्चों को मजबूरन दूसरे स्कूलों का रुख करना पड़ता है. इसके साथ ही स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर की भी भारी कमी है. इसलिए भी बच्चे स्कूल में एडमिशन नहीं लेते हैं. पहली बार 11वीं में आए बच्चे
कांके के मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल आंनद मिश्रा बताते हैं कि बच्चे एडमिशन तो लेना चाहते हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से अभिभावक भी अपने बच्चों को यहां एडमिशन नहीं लेने देते हैं. 10 साल में पहली बार इस वर्ष इंटर के कोर्स के लिए 5 टीचर की बहाली हुई है. इसका असर है कि 10 साल में पहली बार कक्षा 11वीं में 10 बच्चों ने एडमिशन लिया है. शिक्षकों की नियुक्ति नहीं
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर झारखंड के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए 2012 में राज्य में 89 मॉडल स्कूल खुले थे. केंद्र सरकार की योजना के तहत संचालित मॉडल स्कूलों को 2016 में राज्य योजना में स्थानांतरित कर दिया गया. रांची जिले में छह मॉडल स्कूल संचालित हैं. छठी से 12वीं तक संचालित होनेवाले मॉडल स्कूलों में छठी कक्षा में ही दाखिला लिया जाता है. लेकिन अफसोस स्कूल खुलने के 10 साल बाद भी कक्षा 11वीं में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है. जिसकी वजह से आज भी रांची प्रखंड के 5 मॉडल स्कूल में कक्षा 11वीं में एक भी बच्चा नहीं है. इन स्कूलों में शुरू में 4 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. वह भी कक्षा 6 से 10वीं तक के लिए. लेकिन स्कूल खुलने के 11 साल बाद भी इनमें स्थायी शिक्षक नियुक्त नहीं किए जा सके हैं. स्कूल ऑफ एक्सिलेंस की सूची में मॉडल स्कूल कांके
राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में कांके के मॉडल स्कूल को स्कूल ऑफ एक्सिलेंस की सूची में शामिल किया था. जिस स्कूल में शिक्षक और बच्चे नहीं हैं, उसे भी स्कूल ऑफ एक्सिलेंस की सूची में शामिल किया है. हालांकि बाद में स्कूल की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने कांके के मॉडल स्कूल से दर्जा वापस ले लिया था. जानकारी के मुताबिक़ मॉडल स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए 2.5 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
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Tags: Education system, Jharkhand Government, Jharkhand newsFIRST PUBLISHED : July 14, 2022, 20:30 IST