झारखंड में पहले से अंतिम चरण तक H और C फैक्टर की जंग जानिये सियासी संदेश
झारखंड में पहले से अंतिम चरण तक H और C फैक्टर की जंग जानिये सियासी संदेश
देश के सातवें और झारखंड के चौथे चरण में आदिवासी बहुल दुमका, गोड्डा और राजमहल में 1 जून को चुनाव होने हैं. हेमंत सोरेन की जेल जाने से लेकर राज्य सरकार का भ्रष्टाचार और ED की करवाई की इर्द गिर्द चुनाव रहा है. वहीं, कल्पना सोरेन के चुनावी मैदान में उतरने से जेएमएम को नई ऊर्जा मिली है. बीजेपी के अंदर PM नरेंद्र मोदी का नाम और काम एकमात्र सहारा रहा है. अंतिम चरण में आदिवासी समाज किसके साथ, इस पर टिकी है निगाहें.
हाइलाइट्स झारखंड में पहले चरण से अंतिम चरण तक का चुनावी संदेश. हेमंत सोरेन को जेल, भ्रष्टाचार और ED के इर्द-गिर्द हुआ चुनाव.
रांची. देश में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर है और 7वें और झारखंड में चौथे और अंतिम चरण को लेकर राजनीतिक दलों की अंतिम जोर आजमाइश चल रही है. कौन चुनावी अखाड़े में किसको पटखनी देने में सफल रहा, ये तो 4 जून को पता चलेगा. लेकिन, प्रथम चरण से अंतिम चरण तक के चुनाव का संदेश झारखंड में कुछ अलग है. झारखंड में चार चरण के लोकसभा चुनाव के चुनावी समर में मुद्दों की बात करें, तो जनता के हित में बताने के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं है. हां, ये बात जरूर है कि राजनीतिक दलों के अपने मुद्दों ने जनता की गोलबंदी में सफलता जरूर हासिल की है.
झारखंड के दंगल में PM नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने जहां बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में मोर्चा संभाला, वहीं, INDIA गठबंधन के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे और तेजस्वी यादव सक्रिय नजर आए. झारखंड के CM चंपाई सोरेन, कल्पना सोरेन, बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा सरीखे नेता सबसे ज्यादा पसीना बहाते नजर आए. लेकिन, बात जब चुनावी मुद्दों की करें तो सबसे ज्यादा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मुद्दा छाया रहा. फिर वो मंच या सभा बीजेपी उम्मीदवार का हो या INDIA गठबंधन के उम्मीदवार का. PM नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के हर छोटे-बड़े नेता ने राज्य सरकार के भ्रष्टाचार और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को प्राथमिकता रखा.
ED की कार्रवाई में नकद राशि की बरामदगी को भी राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के साथ जोड़ कर परोसा गया. जमीन घोटाले पर बीजेपी के नेता सबसे ज्यादा हमलावर दिखे. कांग्रेस सांसद के घर से 350 करोड़ की नकद राशि को नोट के पहाड़ के तौर पर हर मंच से बयां किया गया. जब बीजेपी ने ये मुद्दा चुनावी समर में उठाया तो स्वाभाविक था कि इसका जवाब भी INDIA गठबंधन की तरफ आएगा. INDIA गठबंधन के नेता और खास कर कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को आदिवासी समाज के अपमान के साथ जोड़ कर रखना शुरू किया. इस बात को समझाने की कोशिश हुई की एक साजिश के तहत हेमंत सोरेन को जमीन के झूठे केस में फंसाया और जेल में डाला गया है.
कल्पना सोरेन हर मंच से ये पूरे जोर से बोलती रहीं हैं कि जो जमीन हेमंत सोरेन के नाम नहीं है, उस जमीन का मालिक बता कर उन्हें जेल में डाला गया है. ED की कार्रवाई को राज्य सरकार का केंद्र सरकार के पास बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ के साथ जोड़ कर बताया गया. इसके अलावा सरना धर्म कोड , ST/SC/OBC आरक्षण की गेंद बीजेपी के पाले में डाल कर सवाल पूछे जा रहे हैं. इस पूरे चुनावी अभियान में जनता से जुड़े सवाल चाहे वो महंगाई का मुद्दा हो या बेरोजगारी का, इस पर किसी ने भी बहुत ज्यादा बल नहीं दिया. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में ही पूरा चुनाव निकल गया.
अंतिम चरण के चुनाव में सोरेन परिवार की बहू सीता सोरेन बीजेपी खेमे में जाने के बाद से एक नया मुद्दा बनाने की कोशिश में जरूर है, पर जनता बीजेपी उम्मीदवार सीता सोरेन की बात को कितना गंभीरता से ले पाती है ये तो वक्त बताएगा, क्योंकि जेएमएम एक रणनीति के तहत उनके सवाल को नजरअंदाज कर इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनने देने के प्रयास में अब तक सफल साबित होती हुई दिख रही है.
Tags: Jharkhand newsFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 13:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed