Hazaribag: दिवाली पर पारंपरिक दीपों से घरों को करें जगमग यहां से करे रंग-बिरंगे दीये की खरीदारी
Hazaribag: दिवाली पर पारंपरिक दीपों से घरों को करें जगमग यहां से करे रंग-बिरंगे दीये की खरीदारी
दिवाली के त्योहार के लिए कुम्हार टोली में बच्चों के लिए मिट्टी की कुलिया, चुकिया, गुड्डा-गुड्डी, हाथी और घरौंदा खास तौर पर बनाए गए हैं. इन्हें विभिन्न रंगों से आकर्षक रूप दिया गया है. वहीं, घरौंदे को सजाने के लिए बर्तन के तौर पर चिकनी, जाता, पैला, ताई, कढ़ाई, बाल्टी, चूल्हा, गगरा, छोटा-बड़ा कलश, दुकान गल्ला सहित अन्य सामान मौजूद हैं. दीपावली पर घरौंदा में मिट्टी से बने इन सामानों को रखकर पूजा करने की परंपरा है
सुबोध कुमार गुप्ता
हजारीबाग. झारखंड के हजारीबाग जिले में दीपावली की तैयारी जोरों पर है. लोगबाग अपने घरों और दुकानों की साफ-सफाई और रंग रोगन में जुटे हैं. मान्यता है कि दीपावली पर घर की सफाई कर हर कोने में दीये जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है. वो अपने साथ सुख, शांति और समृद्धि लेकर आती हैं. ऐसे में दिवाली पर मिट्टी से बने दीपों का महत्व बढ़ जाता है. हजारीबाग शहर के कुम्हार टोली में मिट्टी के रंग-बिरंगे दीये, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और घरौंदे सहित अन्य सामानों की काफी वैरायटी मिल रही है.
बच्चों के लिए आकर्षक खिलौने
दिवाली के त्योहार के लिए कुम्हार टोली में बच्चों के लिए मिट्टी की कुलिया, चुकिया, गुड्डा-गुड्डी, हाथी और घरौंदा खास तौर पर बनाए गए हैं. इन्हें विभिन्न रंगों से आकर्षक रूप दिया गया है. वहीं, घरौंदे को सजाने के लिए बर्तन के तौर पर चिकनी, जाता, पैला, ताई, कढ़ाई, बाल्टी, चूल्हा, गगरा, छोटा-बड़ा कलश, दुकान गल्ला सहित अन्य सामान मौजूद हैं. दीपावली पर घरौंदा में मिट्टी से बने इन सामानों को रखकर पूजा करने की परंपरा है.
जिले भर के बाजारों में सप्लाई
कुम्हार टोली में 100 से अधिक परिवार इस पेशे से जुड़े हैं. यहां बड़े पैमाने पर मिट्टी के दीये, खिलौने, बर्तन और मूर्ति सहित अन्य सामान बनाए जाते हैं. दीपावली को लेकर खास तैयारियां होती हैं. इसके लिए एक महीना पहले से कुम्हार जुट जाते हैं. यह लोग कुम्हार टोली के साथ-साथ शहर के झंडा चौक, पंच मंदिर चौक, इंद्रपुरी चौक, कोर्रा बाजार और मटवारी गांधी मैदान में दुकान लगाकर अपने उत्पादों की बिक्री करते हैं. इनके बनाये उत्पादों की सप्लाई जिले भर के बाजारों में होती है.
कुम्हार मनोज प्रजापति, ललिता देवी, संजय पंडित और अशोक भंडारा ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि यहां पर साल भर मिट्टी के सामान बनाये और बेचे जाते हैं. दीपावली पर हमारी खास तैयारी होती है. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल से दिवाली का त्योहार फीका रहा था, लेकिन इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है.
जानें सामानों की कीमत
कुम्हारों के बनाये छोटा दीया 40 रूपये प्रति सैकड़ा, बड़ा दीया 60 से 80 रूपये प्रति सैकड़ा, घरौंदा 100 से 300 रूपये, गुड्डा-गुड्डी 30 रुपये प्रति जोड़ा, हाथी 80 रुपये पीस, चुकनी, लोटा, कढ़ाई, जाता, पैला, बाल्टी, चूल्हा, गगरा और दुकान का गल्ला सहित पूरा सेट 200 रुपये में उपलब्ध है. वहीं, माता लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति की कीमत 50 रूपये से लेकर 5,000 रुपये तक है.
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Tags: Diwali Celebration, Diwali festival, Hazaribagh news, Jharkhand newsFIRST PUBLISHED : October 20, 2022, 20:02 IST