खबर कनाडा से है कि गत 28 अक्टूबर को वहां हुई गोलीबारी के आरोप में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला को अगले ही दिन यानी 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया है. खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि हिरासत में लिए गए दो आरोपियों में से एक अर्श डल्ला है, जो प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर्स फोर्स यानी केटीएफ से जुड़ा है. भारत ने दो साल पहले डल्ला को आतंकवादी घोषित किया है.
कनाडा से दूसरी खबर 10 नवंबर को आई कि पिछले हफ्ते मंदिर पर हमला कर हिंदू श्रद्धालुओं से मारपीट की साजिश रचने वाला मुख्य आरोपित इंद्रजीत गोसल को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह ब्रैम्पटन का रहने वाला है. खालिस्तान के कथित झंडे और बैनर लिए कुछ लोगों ने तीन नंवबर को वहीं के मंदिर पर हिंदुओं पर हमला किया गया था, जिसकी तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखी थीं.
सवाल यह है कि क्या ये दो गिरफ्तारियां दुनिया और खास तौर पर भारत को सकारात्मक संकेत देने के लिए की गई हैं या नहीं? कनाडा के साथ भारत के राजनयिक संबंध सबसे बुरे दौर में पहुंच गए हैं और ऐसा नहीं हो सकता कि वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को इससे होने वाले वैश्विक नुकसान का अंदाजा नहीं हो. वैसे हो यह भी सकता है कि ये गिरफ्तारियां आखिरकार हाथी के दिखाने वाले दांत ही साबित हों.
उल्लेखनीय यह भी है कि सात नवंबर को जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बड़ा बयान आया कि भारत को वैश्विक महाशक्तियों की लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए, उसके आसपास ही जस्टिन ट्रूडो ने पहली बार बयान दिया कि कनाडा में रह रहे खालिस्तानी अलगाववादी वहां रह रहे सिख समुदाय की नुमाइंदगी नहीं करते. उन्होंने ओटावा में पार्लियामेंट हिल में दीवाली दिवस के अवसर पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि कनाडा में हिंसा, असहिष्णुता, धमकी और विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने साफ-साफ यह भी कहा कि उनकी सरकार एक भारत और उसकी क्षेत्रीय अखंडता के साथ खड़ी है.
ट्रूडो ने यह बयान दिल से दिया है या मजबूरी में अभी यह साबित होना बाकी है. लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को वैश्विक महाशक्तियों की लिस्ट में शामिल करने की बात कह कर मोदी प्रशासन का लोहा ही माना है. उनका यह बयान मोदी काल में जबर्दस्त ताकतवर हो चुके भारत की हकीकत पर मुहर लगाता है. पुतिन ने कहा कि भारत महान देश है. भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सबसे तेज प्रगति, प्राचीन संस्कृति और भविष्य में विकास की बेहतर संभावनाओं के कारण भारत को वैश्विक महाशक्तियों की लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए.
जब पुतिन उपरोक्त बयान दे रहे थे, तभी अमेरिका का जो बाइडेन प्रशासन बयान दे रहा था कि उसे भारत के साथ संबंध मजबूत करने पर गर्व है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारत के साथ संबंध मजबूत करना कुछ ऐसा है, जिस पर बाइडेन प्रशासन को गर्व है. यहां उल्लेखनीय यह भी है कि राष्ट्रपति पद का चुनाव भारी अंतर से जीत चुके डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोस्ती की मजबूत डोर से पहले से ही बंधे हुए हैं.
जिस समय दुनिया भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का गुणगान कर रही है, तब विपक्षी पार्टियां तमाम तरह से अरण्य रोदन में लगी हैं. लेकिन क्या विपक्ष की सिर्फ बयानबाजी भर से सच्चाई बदल सकती है? सिर्फ नकारात्मक बातें बार-बार करने से भी हकीकत बदल नहीं जाएगी. विपक्षी पार्टियों को यह बात समझनी चाहिए. विश्व के जो सबसे ताकतवर नेता भारत का लोहा मान रहे हैं, वे किसी मजबूरी में तो ऐसा नहीं कर रहे होंगे. ऐसे में भारत में विपक्ष का रवैया उन्हें ही अविश्वसनीय बना रहा है. यह बात विपक्ष के गले जितनी जल्दी उतर जाए, उतना ही अच्छा होगा.
FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 16:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed