OMG News: भोलेनाथ को बहुत प्रिय है यह शिवलिंगी फूल विस्तार से जानें इसके बारे में

Har-Har Mahadev: शिवलिंगी फूल का नाम सुनकर ही आप रोमांचित हो गए होंगे. मुमकिन है कि इस फूल का कोई रूप-रंग भी आपकी कल्पना में आ गया होगा. लेकिन जनाब, ज्यादा कल्पना करने की जरूरत नहीं, हम आपको विस्तार से बता भी रहे हैं और इसके दर्शन भी इसी खबर के साथ करा रहे हैं.

OMG News: भोलेनाथ को बहुत प्रिय है यह शिवलिंगी फूल विस्तार से जानें इसके बारे में
हाइलाइट्सशिवलिंगी फूल 12 बरस में एक बार ही खिलता है. फिलहाल यह दुमका के दारूक वन में खिल रहा है. फूल की आकृति शिवलिंग जैसी है. ऐसा लगता है कि शेषनाग ने अपना फन छत्र की तरह फैला रखा है. तस्वीरों के साथ दारूक वन में खिल रहे इस फूल और वृक्ष के बारे में बता रहे हैं विस्तार से इसी खबर में. रिपोर्ट : नितेश कुमार दुमका. प्रकृति अपने अनोखेपन से अक्सर चौंकाती रहती है. इस प्रकृति में कुछ पेड़ बारहमसिया होते हैं तो कुछ ऐसे भी जो वर्षों-वर्षों बाद फलते-फूलते हैं. बारहमसिया, यानी जिनमें साल भर फल या फूल आते रहते हैं. सावन के महीने में इस बार ऐसा ही एक अनोखा फूल दिखा. इस फूल को लोग ‘शिवलिंगी’ फूल कहते हैं. 12 वर्ष बाद इस बरस इसके दर्शन हुए हैं झारखंड की उपराजधानी दुमका में. शिवलिंगी फूल का नाम सुनकर ही आप रोमांचित हो गए होंगे. मुमकिन है कि इस फूल का कोई रूप-रंग भी आपकी कल्पना में आ गया होगा, लेकिन जनाब ज्यादा कल्पना करने की जरूरत नहीं, हम आपको विस्तार से बता भी रहे हैं और इसके दर्शन भी इसी खबर के साथ करा रहे हैं. देखें इस फूल को गौर से शिवलिंग और शेषनाग की आकृति वाला हिस्सा फूल में इस तरह दिखता है. यही है वह शिवलिंगी फूल. इस फूल को शिवलिंगी इसलिए कहा जाता है कि इसकी आकृति ही शिवलिंग जैसी है. खास बात यह कि फूल के भीतर दिख रही शिवलिंगी आकृति ऐसी लगती है जैसे इसके ऊपर शेषनाग ने अपना फन छत्र की तरह फैला रखा है. विशाल होता है इसका वृक्ष शिवलिंगी वृक्ष विशाल होता है. इसके पेड़ काफी विशाल होते हैं. इस साल सावन के इस महीने में जब 12 साल बाद ये फूल दिखे तो हर कोई इसे खरीद कर भगवान भोलेनाथ पर चढ़ा रहा है. हालांकि कई लोग ऐसे भी मिले, जिन्हें इस फूल के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी. और अब इस शिवलिंगी फूल को देखने के बाद चकित हो रहे हैं. दारूक वन में है यह वृक्ष यह है दारूक वन का नजारा और उसमें लगे शिवलिंगी वृक्ष. दुमका के बासुकीनाथ से सटे है दारूक वन. शिवलिंगी फूल का यह पेड़ इसी वन में है. दारूक वन में इस फूल के कई पेड़ लगे हुए हैं. इस फूल की खासियत भगवान शिव के कारण ही मानी जाती है. सावन के महीने में इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी है. लोग बताते हैं कि यह फूल भगवान शिव के लिए सबसे खास है. यहां की मान्यता है कि इस फूल को चढ़ाने से भगवान काफी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | FIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 08:23 IST