NCB ने सुशांत की मौत के मामले में एक आरोपी की बरी करने की याचिका का किया विरोध
NCB ने सुशांत की मौत के मामले में एक आरोपी की बरी करने की याचिका का किया विरोध
दायर किए गए कई डिस्चार्ज आवेदनों में से एक क्षितिज प्रसाद का था, जो फिल्म निर्माता करण जौहर के स्वामित्व वाले धर्मैटिक एंटरटेनमेंट के पूर्व एग्जक्यूटिव प्रोड्यूसर थे.
हाइलाइट्सएनसीबी के मुताबिक क्षितिज प्रसाद ने कई ड्रग डीलरों से लेनदेन किया है.एनसीबी ने अपने जवाब में कहा कि प्रसाद दवा खरीद और डिस्ट्रीब्यूशन की साजिश का हिस्सा है.कोर्ट ने मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर को करने को कहा है.
मुंबई. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अभिनेता सुशांत की आत्महत्या के बाद दर्ज किए गए ड्रग्स के उपयोग से संबंधित एक मामले में आरोपी कुछ लोगों द्वारा दायर डिस्चार्ज आवेदनों का विरोध किया है. विशेष लोक अभियोजक अतुल सरपांडे ने आरोपमुक्त करने के आवेदनों का जवाब दाखिल किया, जिसके बाद विशेष एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) न्यायाधीश वी जी रघुवंशी ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया. दायर किए गए कई डिस्चार्ज आवेदनों में से एक क्षितिज प्रसाद का था, जो फिल्म निर्माता करण जौहर के स्वामित्व वाले धर्मैटिक एंटरटेनमेंट के पूर्व कार्यकारी निर्माता थे.
साल 2020 में, NCB ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में प्रचलित कथित नशीली दवाओं के उपयोग पर नकेल कसी और कई अभिनेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया. इस विशेष मामले में, अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती अपने भाई के साथ प्रमुख आरोपी हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक प्रसाद के खिलाफ दायर जवाब में, एनसीबी ने कहा कि उसने कई ड्रग डीलरों के साथ लेनदेन किया है और ड्रग्स के अवैध ट्रैफिक में लगे ड्रग डीलरों की एक श्रृंखला का हिस्सा है. एनसीबी ने कोर्ट में दाखिल किये गए जवाब में कहा कि प्रसाद बरी होने के हकदार नहीं हैं. एनसीबी ने कहा कि चूंकि वह विभिन्न पेडलर्स से ड्रग्स की खरीद करता था, इसलिए वह अपने सह-आरोपियों के साथ “दवा खरीद और डिस्ट्रीब्यूशन की साजिश का हिस्सा है”.
एनसीबी ने प्रसाद के घर से एक रोल किया गया ज्वाइंट बरामद किया था. माना जा रहा है कि यह स्मोक्ड गांजे का अवशेष है. एनसीबी को दिए अपने बयान में, प्रसाद ने कबूल किया कि उसने प्रतिबंधित पदार्थ के लिए कुछ लेन-देन किया था. एनसीबी ने आरोप लगाया कि प्रसाद जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे और एजेंसी के साथ अड़ियल व अभिमानी व्यवहार कर रहे थे. साथ ही एनसीबी ने अपने जवाब में यह भी कहा कि प्रसाद ने खुद के दिये गए बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. एजेंसी ने जवाब में कहा, “वह एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए को हटाने के एवज में बयान पर अपने हस्ताक्षर करने के लिए सौदेबाजी की कोशिश कर रहा था.” मामले में 35 और आरोपी हैं और अदालत ने अभी तक उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए हैं.
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Tags: Sushant singh RajputFIRST PUBLISHED : September 30, 2022, 04:24 IST