जब प्लेन में यात्रियों को पता चला कौन हैं उनके बीच मौजूद दीपचंद गूंज उठी तालियों गड़गड़ाहट
जब प्लेन में यात्रियों को पता चला कौन हैं उनके बीच मौजूद दीपचंद गूंज उठी तालियों गड़गड़ाहट
एक हवाई यात्रा के दौरान ऑपरेशन पराक्रम के वीर हीरो दीपचंद का ऐसा सम्मान हुआ जिसने सभी को भावुक कर दिया. जब वह विमान में सवार हुए तो उनके बलिदान और वीरगाथा की घोषणा होने लगी. विमान के प्रशासक ने बताया कि दीपचंद ने ऑपरेशन पराक्रम में आठ आतंकवादियों को मार गिराने में अहम योगदान दिया था. कारगिल युद्ध में उन्होंने दुश्मन पर 10,000 गोले दागे थे. घोषणा में बताया गया कि ऑपरेशन पराक्रम के दौरान हुए एक बम धमाके में दीपचंद को अपने दोनों पैर और एक हाथ का बलिदान देना पड़ा था. यह सुनकर पूरा विमान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. सभी यात्रियों ने वीर सैनिक का सम्मान किया. इस सम्मान पर वॉर हीरो दीपचंद ने सभी को धन्यवाद कहा. उन्होंने हंसते हुए मजाक में कहा, "पहले बताना चाहिए था, ताकि मैं रिकॉर्डिंग कर लेता!"एक हवाई यात्रा के दौरान ऑपरेशन पराक्रम के वीर हीरो दीपचंद का ऐसा सम्मान हुआ जिसने सभी को भावुक कर दिया. जब वह विमान में सवार हुए तो उनके बलिदान और वीरगाथा की घोषणा होने लगी. विमान के प्रशासक ने बताया कि दीपचंद ने ऑपरेशन पराक्रम में आठ आतंकवादियों को मार गिराने में अहम योगदान दिया था. कारगिल युद्ध में उन्होंने दुश्मन पर 10,000 गोले दागे थे. घोषणा में बताया गया कि ऑपरेशन पराक्रम के दौरान हुए एक बम धमाके में दीपचंद को अपने दोनों पैर और एक हाथ का बलिदान देना पड़ा था. यह सुनकर पूरा विमान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. सभी यात्रियों ने वीर सैनिक का सम्मान किया. इस सम्मान पर वॉर हीरो दीपचंद ने सभी को धन्यवाद कहा. उन्होंने हंसते हुए मजाक में कहा, "पहले बताना चाहिए था, ताकि मैं रिकॉर्डिंग कर लेता!"