The Kashmir Files: Israel के राजनयिक ने मांगी माफी IFFI विवाद पर बोले इजरायली राजनयिक कोब्बी शोशान

The Kashmir Files: भारत और इस्राइल में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" पर विवाद छिड़ गया है। दरअसल, 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के जूरी हेड नादव लापिड ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म को भद्दी और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म कह डाला। जिसके बाद से ही इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई। एक तरफ, जहां बॉलीवुड के सितारे इस बयान की निंदा कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ, इस्राइली राजनयिक कोब्बी शोशानी और भारत में इस्राइल के राजदूत नोर गिलोन ने इसे शर्मनाक बताया है।

The Kashmir Files: Israel के राजनयिक ने मांगी माफी  IFFI विवाद पर बोले इजरायली राजनयिक कोब्बी शोशान
हाइलाइट्सदेश की 50 फीसद आबादी को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा हैचिकित्सा सेवाएं भी बाधित, सर्जन टार्च की रोशनी में ऑपरेशन करने को मजबूर हैंकीव. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच तबाही की झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. रूसी मिसाइलें यूक्रेन के शहरों पर बरस रही हैं. पॉवर प्लांट नष्ट हो गए हैं और इससे यूक्रेन के अधिकांश शहर अंधेरे में डूब गए हैं. हर तरफ बिजली संकट छाया हुआ है. माइनस जीरो तापमान में बर्फबारी के बीच लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. इससे चिकित्सा सेवाएं भी बाधित हुई हैं. सर्जन टार्च की रोशनी में ऑपरेशन करने को मजबूर हैं. यूक्रेन के कई शहरों में राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. पहली बार जनता में जेलेंस्की के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है. रूस के हमलों में अधिकांश पॉवर संयंत्र नष्ट हो चुके हैं. देश की 50 फीसद आबादी को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. शेड्यूल किए गए सभी ऑपरेशन को स्थगित कर दिया गया है. इंटरनेट बंद होने के कारण रोगियों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है और पेरामेडिक्स को अंधेरे अपार्टमेंट में मरीजों की जांच के लिए फ्लैशलाइट का उपयोग करना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टर ओले डूडा ल्विव के एक अस्पताल में जिस समय एक मरीज की प्रमुख धमनी की सर्जरी कर रहे थे उसी दौरान तेज धमाके के साथ बिजली चली गई. इस दौरान उन्होंने हेडलैंप की रोशनी में मरीज की सर्जरी की. डूडा ने कहा कि विस्फोट अस्पताल के इतने करीब थे कि दीवारें हिल रही थीं. वहीं, डॉक्टरों और मरीजों को तहखाने में आश्रय लेने के लिए जाना पड़ा. पिछले मंगलवार को, दक्षिणी शहर पर रूसी हमलों ने 13 वर्षीय अर्तुर वोब्लिकोव को घायल कर दिया. डॉक्टरों को उसका हाथ काटना पड़ा. चिकित्साकर्मी उसे बच्चों के अस्पताल की अंधेरी सीढ़ियों से होते हुए छठी मंजिल पर एक ऑपरेशन रूम में ले गए. बिजली के भारी संकट के बाद अब अस्पतालों में जो ऑपरेशन शेड्यूल किए गए थे उन्हें स्थगित किया जा रहा है. टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन पिछले हफ्ते कीव के हार्ट इंस्टीट्यूट ने अपने फेसबुक पेज पर एक बच्चे के दिल पर ऑपरेशन करने वाले सर्जनों का एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें वह हेडलैंप और बैटरी से चलने वाली टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन करते नजर आ रहे थे. यह वीडियो बिजली के बिना अस्पतालों में चिकित्सकों के सामने आने वाली चुनौतियों को बयां कर रहा था. ‘डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता’ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले हफ्ते कहा था कि यूक्रेन की स्वास्थ्य व्यवस्था ऊर्जा संकट, ठंड के मौसम की शुरुआत और अन्य चुनौतियों के बीच ‘युद्ध में अब तक के अपने सबसे काले दिनों’ का सामना कर रही है. डब्ल्यूएचओ के यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस क्लूज ने एक बयान में कहा कि यह सर्दी यूक्रेन में लाखों लोगों के लिए जानलेवा होगी.  20-30 लाख लोग गर्मी और सुरक्षा की तलाश में अपने घरों को छोड़ सकते हैं. उन्हें कोविड-19, निमोनिया और इन्फ्लूएंजा जैसी सांस संबंधी बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Russia ukraine war, Vladimir Putin, WHOFIRST PUBLISHED : November 29, 2022, 17:03 IST