22 साल पहले हुआ अपहरण भीख मांगकर किया गुजारा 29 की उम्र में मिली मां
22 साल पहले हुआ अपहरण भीख मांगकर किया गुजारा 29 की उम्र में मिली मां
UP News: कोई शख्स जब महीनों बाद शहर से अपने घर लौटता है तो उसे कितनी खुशी होती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. सोचो अगर सालों बाद कोई अपने घर वापस लौटे तो उसे कितनी खुशी होगी? जी हां, एक ऐसा ही मामला यूपी के मुजफ्फरनगर से सामने आया है. जहां एक लड़का 22 साल के बाद अपने घर वापस लौटा. 22 साल के बाद घर वापसी करने वाले युवक का नाम अमित कुमार है. अमित की उम्र 29 वर्ष है और उसका 7 साल की उम्र में अपहरण हो गया था. इस कहानी में हम जानेंगे अमित के अपहरण की कहानी.
मुजफ्फरनगर: अमित का अपहरण यूपी के सहारनपुर के एक गांव में साल 2003 में हुआ. अपहरण के बाद अमित को मुंबई के एक रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया गया. अमित उस समय मात्र 7 वर्ष का एक मासूम बच्चा था. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, भूख प्यास से परेशान अमित ने उस स्टेशन पर ही 3 से 4 दिन तक भीख मांगी और कैसे भी वो दिन गुजारे. कुछ दिन गुजर जाने के बाद मासूम अमित दिल्ली जाने वाली ट्रेन पर बैठ गया. राजधानी में पहुंचने के बाद अमित को न अपने घर का न ही अपने गांव का नाम याद आ रहा था. थक हार के उस मासूम ने भीख मांगने का काम चालू कर दिया.
एक रोज अमित भीख मांग रहा था तभी उसे अकेला देख दो पुलिसवालें उसके पास गए और उससे पूछा कौन हो तुम यहां क्या कर रहे, तब उन पुलिसवालों को उसने अपनी पूरी आपबीती बताई और कहा कि न मुझे अपने घर का पता न गांव का नाम याद है. मुझे बस गुड़ बनाने वाली इकाइयां (कोल्हू) और बैलगाड़ियां याद है जो मेरे गांव में थी. यह सुन पुलिसवालों ने अमित को एक अनाथाश्रम में छोड़ दिया. उसी अनाथाश्रम के एक स्कूल में 6th क्लास में अमित का दाखिला हो गया जहां पढ़ाई के समय टीचर बहुत मारते थे मार से परेशान होकर अमित वहां से भाग गया.
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अनाथालय से भागने के बाद अमित एक ट्रस्ट से जुड़ गया और वहां 10वीं क्लास तक पढ़ाई की. इस बीच अमित को हर रोज अपने माता-पिता की याद सताती थी. उसने अपने घर का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन वह असफल रहा. 18 साल की उम्र में उसने गाजियाबाद में एक शेल्टर होम में काम करना शुरू कर दिया, जहां उसकी मुलाकात हरियाणा के एक पुलिस सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार से हुई. जिन्होंने अमित को उनके परिवार से मिलवाया.
किसने की अमित की मदद?
राजेश कुमार ने सोमवार को बोला कि अमित अपने परिवार से मिलने के लिए पिछले कई वर्ष से संघर्ष कर रहे थे. उन्होंने बोला कि वह एक लापता बच्चे के मुद्दे के सिलसिले में दिल्ली गए थे. जहां अमित ने अपनी आपबीती बताई. जिसके बाद एएसआई राजेश कुमार ने अमित की हर संभव मदद की और अमित को उनके परिवार के लोगों से मिलवाया.
जब सालों बाद मां से मिला बेटा
19 मई को जब राजेश अमित के साथ घुमावती पहुंचे, तो अमित की मां ने खुशी और अविश्वास में अपने बेटे को गले लगा लिया-जो अब लंबा और स्वस्थ हो चुका था. उनके गांव में भी खुशी का माहौल था और सैकड़ों लोग, युवा और बूढ़े, ‘खोए हुए बेटे’ से मिलने के लिए कतार में खड़े थे. अमित ने बताया कि उन्हें मम्मी ने परचूनी की दूकान पर भेजा था तब उनकी उम्र 7 साल थी तभी किसी ने मुझे पीछे से पकड़ा और बेहोश कर दिया जब आंख खुली तो मैं मुंबई रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर था.
Tags: Muzaffarnagar news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 20:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed