Morbi Bridge Collapse: करीब 150 साल पुराना था पुल इंग्लैंड से मंगाए गए थे इसके सामान - जानें 10 खास बातें
Morbi Bridge Collapse: करीब 150 साल पुराना था पुल इंग्लैंड से मंगाए गए थे इसके सामान - जानें 10 खास बातें
गुजरात के मोरबी जिले में रविवार की शाम को दर्दनाक हादसा हो गया, जहां मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक से टूट गया, इस हादसे में करीब 65 लोगों की जानें चली गई हैं.
हाइलाइट्सरविवार की शाम को मोरबी जिले में मौजूद हेरिटेज ब्रिट टूटकर गिर गया.हादसे के वक्त पुल पर करीब 400 लोग मौजूद थे. मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.बताया जा रहा है कि 26 अक्टूबर को ही इस ब्रिज को फिर से शुरू किया गया था.
अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी जिले में रविवार की शाम को दर्दनाक हादसा हो गया, जहां मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक से टूट गया, इस हादसे में करीब 65 लोगों की जानें चली गई हैं. वहीं कई लोग अभी भी लापता है, जिनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. घटना को लेकर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दुख जताया है और मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया है. मच्छु नदी के बने पुल को लेकर आपको ये फैक्ट जरूर जानना चाहिए….मोरबी का यह झूलता पुल 140 साल से भी पुराना है और इसकी लंबाई लगभग 765 फीट है. 20 फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल के हाथों इस पुल की नींव रखी गई थी. बताया जाता है कि उस समय इस पुल के निर्माण में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का खर्च आया था. यह पुल दरबारगढ़ से नजरबाग को जोड़ता है, जिसे बनाने के लिए तब इंग्लैंड से सामान मंगाया गया था.एनडीटीवी के रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरेवा नाम के एक निजी ट्रस्ट ने सरकार से टेंडर मिलने के बाद पिछले हफ्ते पुल का नवीनीकरण किया था. अधिकारियों ने कहा कि मरम्मत के लिए पुल को सात महीने के लिए बंद कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि पुल को 26 अक्टूबर को फिर से खोल दिया गया था. आरोप हैं कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को फिर से खोल दिया गया.कल एक वीडियो में कई लोगों को पुल पर कूदते और दौड़ते हुए देखा गया था. उनकी हरकतों से केबल ब्रिज हिलता नजर आया.श्रम और रोजगार राज्य मंत्री बृजेश मेरजा ने एनडीटीवी को बताया कि पिछले हफ्ते पुल का नवीनीकरण किया गया था. हम भी हैरान हैं. हम मामले को देख रहे हैं.मच्छु नदी पर बना यह केबल ब्रिज काफी पुराना था. इसे हेरिटेज ब्रिज में शुमार किया जाता था.प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय के ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ पर उस समय कई महिलाएं और बच्चे थे, जब वह टूट गया. इससे लोग नीचे पानी में गिर गए.दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को नदी से निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा, ‘हम नावों की मदद से बचाव कार्य कर रहे हैं. नदी में करीब 40-50 लोग हैं.’बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 3 प्लाटून, भारतीय नौसेना के 50 कर्मियों, वायुसेना के 30 कर्मियों के साथ सेना के 2 कॉलम और फायर ब्रिगेड की 7 टीमों को राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेंद्रनगर से उन्नत उपकरणों के साथ मोरबी के लिए रवाना किया गया है.एनडीआरएफ टीम के साथ वायुसेना का विमान राहत कार्यों के लिए रवाना हो गया है. एक घंटे में दूसरा विमान भेजा जाएगा. जामनगर और आसपास के अन्य स्थानों में बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है. भुज व अन्य जगहों से मोरबी के लिए भेजे गए गरुड़ कमांडो : रक्षा अधिकारी (इनपुट एएनआई से)
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Tags: GujaratFIRST PUBLISHED : October 30, 2022, 23:08 IST