अब नेपाल में धूम मचाएगी पद्म श्री दिलशाद हुसैन की ये खास कला करते हैं ये काम

Padam Shri Dilshad Hussain: नक्काशी के बादशाह कहे जाने वाले दिलशाद हुसैन को पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने के बाद उनके पास तमाम ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं. उनसे मिर्जापुर से कारीगरों को पीतल की नक्काशी सिखाने के लिए भी आग्रह किया गया है.

अब नेपाल में धूम मचाएगी पद्म श्री दिलशाद हुसैन की ये खास कला करते हैं ये काम
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां के पीतल के बने सामान देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. इन पीतल के सामानों पर यहां के शिल्पगुरु सुंदर नक्काशी कर इन्हें और खूबसूरत और आकर्षक बनाते हैं. पीतल के सामानों पर की गई नक्काशी उसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है. यही वजह है यहां के बने पीतल के सामान देश-विदेश में पसंद किए जाते हैं. पीतल में नक्काशी करने में कुछ लोगों का बड़ा नाम भी है जिनमें एक दिलशाद हुसैन हैं. दिलशाद हुसैन नक्काशी के बादशाह कहे जाते हैं. इन्हें पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. पदम श्री अवार्ड से सम्मानित होने के बाद उनके पास तमाम ऑर्डर आने शुरू हो गए. अब उन्हें मिर्जापुर जिले से कुछ कारीगरों को नक्काशी सिखाने का आर्डर मिला है. उनसे नक्काशी सीखे हुए कारीगर माल तैयार करके नेपाल भेजेंगे. इस प्रकार पद्मश्री से सम्मानित दिलशाद हुसैन की नकाशी अब नेपाल में भी धूम मचाएगी. पद्मश्री दिलशाद हुसैन मिर्जापुर के कारीगरों को शिल्प से जुड़े हुनर सिखाएंगे. इससे मुरादाबाद की कारीगरी दूर-दूर तक फैलेगी और निर्यात भी बढ़ने की संभावना है. दिलशाद हुसैन ने बताया कि उनके पास मिर्जापुर जिले के वासु इंडस्ट्रीज से जुड़े उद्यमी शिवकुमार आए थे. उन्होंने बताया कि मिर्जापुर के कारीगर गिलास बनाने में बारीकियां और सफाई नहीं लाते हैं. उनका माल नेपाल में निर्यात होता है. इस दौरान पद्मश्री ने खुद बनाए गए गिलास के नमूने दिखाए. लकड़ी, ढलाई और छिलाई के काम के बारे में उद्यमी को जानकारी दी. दिलशाद हुसैन से किया अनुरोध उद्यमी ने मिर्जापुर के कारीगरों को भी अपनी कारीगरी सिखाने का अनुरोध किया. पद्मश्री ने कहा कि मिर्जापुर के कारीगर यहां आएंगे तो उनको बारीकियां सिखाऊंगा. मिर्जापुर में भी काफी समय से पीतल के हस्तशिल्प उत्पाद बनाए जाते हैं. उत्पादों में कारीगरी से जुड़ी कमियों के चलते तैयार उत्पाद काफी अधिक वजन का हो जाता है. इनमें सुराखों का नहीं भर पाना मुख्य कारण बताया जा रहा है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 16:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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