कोलकाता में डॉक्टर की रेप-हत्या को लेकर रोष इंसाफ की मांग हुई तेज
कोलकाता में डॉक्टर की रेप-हत्या को लेकर रोष इंसाफ की मांग हुई तेज
एमबीबीएस की छात्रा आकांक्षा वर्मा ने बताया कि कोलकाता की घटना सबको पता है. इसे छिपाने की कोशिश की गई.आखिर कब हमें सुरक्षा मिलेगी. कोई भी आता है और थप्पड़ मारकर चला जाता है. इस घटना को निर्भया दो मान लें. यही चाहते हैं कि सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए. जब डॉक्टर सुरक्षित रहेंगे, तभी इलाज कर सकेंगे.
मिर्जापुर. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझौंर दिया है. इसके विरोध में देशभर के डॉक्टर सड़क पर उतर आए हैं. प्रशासन क्यों अंजान है. डॉक्टर भी इंसान है अदि नारों के साथ सड़कों पर लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है. इसको लेकर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. डॉक्टर खुद की सुरक्षा और कोलकाता की घटना में शामिल हैवानों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मिर्जापुर जिले में भी मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने इंसाफ की मांग को लेकर पर्चा काउंटर के पास धरना देकर प्रदर्शन किया.
हत्यारोपियों को फांसी की सजा देने की उठी मांग
एमबीबीएस छात्रों के धरने पर बैठने के बाद ओपीडी बंद हो गई. अस्पताल के डॉक्टरों ने भी सुरक्षा की मांग को लेकर समर्थन में उतर गए. ओपीडी बंद होने से तीन जनपद मिर्जापुर, सोनभद्र व भदोही के मरीजों को परेशान होना पड़ा. एमबीबीएस के छात्र विजय पटेल ने कहा कि कोलकाता की घटना बेहद निंदनीय है. छात्र-छात्राएं मेडिकल कॉलेज के अंदर सुरक्षित नहीं है. प्रशासन ने पहले कोलकाता में हुई घटना को छिपाने की कोशिश की. हत्यारोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. छात्र ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाया जाएं. डॉक्टर दूसरे की जान बचाते हैं, उनकी भी जान बचाई जानी चाहिए.
सुरक्षा के लिए बनाया जाए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट
एमबीबीएस की छात्रा आकांक्षा वर्मा ने बताया कि कोलकाता की घटना सबको पता है. इसे छिपाने की कोशिश की गई. हम बाहर सुरक्षित नहीं है. जहां काम कर रहे हैं, वहां सुरक्षित नहीं है. आखिर कब हमें सुरक्षा मिलेगी. कोई भी आता है और थप्पड़ मारकर चला जाता है. इस घटना को निर्भया दो मान लें. आखिर कब तक बेटियों के साथ ऐसा अन्याय होते रहेगा. यही चाहते हैं कि सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए. जब डॉक्टर सुरक्षित रहेंगे, तभी इलाज कर सकेंगे.
इमरजेंसी सेवा पूरी तरह से बहाल रही
मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरविंद सिन्हा ने बताया कि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. पर्चा काउंटर बंद होने से जिन मरीजों का पर्चा कटा था. वही इलाज करा सके. हालांकि इमरजेंसी सेवा पूरी तरह से बहाल रही. गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है.
Tags: Local18, MBBS student, Mirzapur news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 19:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed