बेहद खास है मिर्जापुर का गुलाबी पत्थर नक्कासी में किया जाता है इस्तेमाल
बेहद खास है मिर्जापुर का गुलाबी पत्थर नक्कासी में किया जाता है इस्तेमाल
Mirzapur Gulabi Pathar: मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल अयोध्या के राम मंदिर, काशी और विंध्य कॉरिडोर में इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा नोएडा और लखनऊ में बनाएं गए पार्क में भी इन्हीं पत्थरों का प्रयोग हुआ है.
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर: विंध्य की पहाड़ियों के बीच बसा मिर्जापुर जनपद आध्यात्मिक नगरी होने के साथ ही खनिज संपदा से परिपूर्ण है. मिर्जापुर जिले के अहरौरा का गुलाबी पत्थर दुनियाभर में मशहूर है. खास पत्थर होने की वजह से बारिश और धूप का कोई असर नहीं दिखता है. यही वजह है कि इन पत्थरों की डिमांड आज भी है. गुलाबी पत्थर के कारोबार से हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है. 2019 में गुलाबी पत्थर को जीआई टैग दिया गया. मकराना के बाद अब दूसरे पत्थरों को भी जीआई टैग मिला है.
यहां का गुलाबी पत्थर है बेहद ही खास
अहरौरा में मिलने वाला गुलाबी पत्थर बेहद खास है. यहां अन्य पत्थर पुराना होने पर धूमिल होते हैं, लेकिन यह पत्थर जितना पुराना होगा. चमक उतनी बढ़ती चली जायेगी. पानी में डूबे होने के बाद भी यह खराब नहीं होता है. गुणवत्ता की वजह से इसकी डिमांड आज भी है. गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल देशभर में कई प्रसिद्ध घाट, सारनाथ के बौद्ध मंदिर, सारनाथ के वियतनामी मंदिर सहित सारनाथ में म्यूजियम आदि बनाने में इस्तेमाल किया गया है.
राममंदिर, काशी और विंध्य कॉरिडोर में हुआ है प्रयोग
गुलाबी पत्थर का प्रयोग अयोध्या के राम मंदिर में किया गया है. वहीं, काशी और विंध्य कॉरिडोर में भी इन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. नए संसद भवन में लगे अशोक स्तम्भ को भी इन्हीं पत्थरों से तैयार किया गया है. मायावती के शासनकाल में नोएडा और लखनऊ के सुंदरीकरण में भी गुलाबी पत्थरों का प्रयोग हुआ है. खास बात यह है कि गुलाबी पत्थर से मूर्ति तैयार की जाती है, जो दिव्य और भव्य नजर आती है.
गुलाबी पत्थर पर होती है अद्भुत नक्कासी
कारीगर जोखू ने बताया कि गुलाबी पत्थर अन्य पत्थरों के मुकाबले अच्छा होता है. इसपर अद्भूत नक्कासी होती है. महीन नक्कासी होने के बाद भी पत्थर खराब नहीं होता है. वह और उनके साथी लोग सालों से काम कर रहे हैं. कभी ऐसा नहीं हुआ कि उन लोगों के पास काम न हो. इन पत्थरों को देशभर में भेजा जाता है. डिमांड के अनुसार पत्थरों की खेप पहुंचाई जाती है.
सालों से चली आ रही है डिमांड
गुलाबी पत्थर के कारोबारी अमरनाथ चौहान ने बताया कि यहां का पत्थर मशहूर है. काशी स्मारक और अंबेडकर स्मारक में भी इस पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही अयोध्या और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी प्रयोग हुआ है. इसपर नक्कासी अच्छे से होता है. इसी वजह से इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी सप्लाई की जाती है. धार्मिक स्थलों के निर्माण में इस पत्थर का प्रयोग ज्यादा होता है. गुलाबी पत्थरों से मूर्तियां भी तैयार की जाती हैं.
Tags: Local18, Mirzapur City News, Mirzapur news, Mirzapur News TodayFIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 13:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed