वेटलिफ्टिंग के लिए यह उम्र है सबसे बढ़िया जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वेटलिफ्टिंग के लिए यह उम्र है सबसे बढ़िया जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Career in Weightlifting: अगर आप वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो ऐसे सभी युवाओं के लिए शुरूआती प्रशिक्षण के तौर पर यूपी का कैलाश प्रकाश स्टेडियम अच्छा स्थान साबित हो सकता है. यहां 18 साल से नीचे की आयु के युवाओं को 200 रुपए साल और उसके ऊपर की आयु के युवाओं को 200 रुपए प्रति माह के दर से यह प्रशिक्षण दिया जाता है.
मेरठ: उत्तर प्रदेश में वेटलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है, जिसमें ताकत, तकनीक और अनुशासन की आवश्यकता होती है. इस खेल में करियर बनाने के लिए सही उम्र में शुरुआत करना और लगातार मेहनत करना बेहद महत्वपूर्ण है. मेरठ कैलाश प्रकाश स्टेडियम में संचालित वेटलिफ्टिंग कोच संदीप के अनुसार वेटलिफ्टिंग में करियर बनाने का सही उम्र और मीराबाई चानू जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी बनने के लिए जरूरी जानकारी होना आवश्यक है.
जानें वेटलिफ्टिंग के लिए परफेक्ट उम्र
कोच संदीप बताते हैं कि वेटलिफ्टिंग की शुरूआत 8 से 10 साल की उम्र में करना सबसे उचित माना जाता है. इस उम्र में शरीर की मांसपेशियां और हड्डियों तेजी से विकास करती हैं, जिससे वेटलिफ्टिंग की तकनीक और ताकत को बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकता है. शुरूआती दौर में हल्के वजन से शुरुआत करके धीरे-धीरे वजन बढ़ाया जाता है, जिससे शरीर को इस खेल की आवश्यकताओं के अनुकूल ढाला जा सके.
ऐसे बनें मारीबाई चानू जैसी सफल वेटलिफ्टर
मीराबाई चानू जैसी सफल वेटलिफ्टर बनने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब जीतने की आवश्यकता होती है. सबसे पहले किसी भी खिलाड़ी को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपना प्रदर्शन करना जरूरी होता है. इसके बाद विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट जैसे कि एशियन चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतना महत्वपूर्ण है.
इतना ही नहीं ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेने और पदक जीतने के लिए खिलाड़ी को इन सभी प्रतियोगिताओं में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करना होता है. वह कहते हैं कि मीराबाई चानू ने अपनी कठिन मेहनत और निरंतर अभ्यास के जरिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की, जिससे वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर पाईं.
अनुशासन है बेहद जरूरी
संदीप कुमार कहते हैं कि वेटलिफ्टिंग में करियर बनाने के लिए सही उम्र में शुरूआत करना और लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करना जरूरी है. मीराबाई चानू जैसी खिलाड़ी बनने के लिए अनुशासन, धैर्य और निरंतरता के साथ साथ खेल के प्रति समर्पण भी आवश्यक है.
मीराबाई चानू के जो प्रशिक्षण गुरू रहे हैं. उन्होंने अपनी एकेडमी की की शुरुआत गाजियाबाद के मोदीनगर में भी कर दी है, जिसमें सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर की वह सुविधा युवाओं को उपलब्ध करा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि जब कोई भी युवा नेशनल स्तर पर खेल लगता है, तो वह दिल्ली की तरफ प्रशिक्षण हासिल करना उचित क्षमता समझता है. जिसके लिए उसे 3 से 4 हजार रुपए महीने फीस भी देनी पड़ती है.
ऐसे मिलती है प्रोत्साहन राशि
बता दें कि जिस तरीके से प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी प्रतिभाग करने लगते हैं. उससे उन प्रतियोगिताओं में जो इनाम राशि प्रतियोगी विजेताओं के लिए रखी जाती है. वह युवाओं को मिलती रहती है. हालांकि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परफॉर्म करते हैं, तो उन्हें शासन प्रशासन द्वारा भी आर्थिक तौर पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है.
Tags: Local18, Meerut newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 09:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed