जज्‍बे को सलाम : मेरठ का एक ऐसा गांव जहां की बेटियों ने दंगल के दांव-पेंच से बढ़ाया देश का मान 

पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ के सिसौली गांव की पहचान बेटियों की कुश्ती के दांव-पेंच से होती है. वहीं, सिसौली गांव की रहने वाली कुश्ती खिलाड़ी अल्का तोमर द्वारा 2006 के एशियाई गेम्‍स में आयोजित चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद लड़कियों में इसका क्रेज काफी बढ़ा है.

जज्‍बे को सलाम : मेरठ का एक ऐसा गांव जहां की बेटियों ने दंगल के दांव-पेंच से बढ़ाया देश का मान 
रिपोर्ट: विशाल भटनागर मेरठ. यूं तो मेरठ की पहचान ऐतिहासिक स्थलों और स्पोर्टस सिटी के नाम से होती है, लेकिन इसी पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में सिसौली गांव की पहचान वहां की बेटियों की कुश्ती (Wrestling) के दांव-पेंच से होती है. दरअसल जिस कुश्ती के खेल को पुरुषों का खेल माना जाता है. उसी खेल में मेरठ के सिसौली गांव की अर्जुन अवार्डी अल्का तोमर ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर खेल का प्रदर्शन कर कई मेडल जीते हैं. आज उनके गांव में हर बेटी का सपना अल्का तोमर की तरह ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में देश का नाम रोशन करने का है. 1998- 1999 के बीच जब उत्तर प्रदेश में महिला कुश्ती गेम में कोई भी बेटी प्रतिभाग नहीं करती थी. उस दौर में अल्का तोमर ने शुरुआत की थी. उसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सभी प्रतियोगिताओं में मेडल प्राप्त किए हैं. इतना ही नहीं उनके बाद अन्य बेटियां भी नेशनल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेरठ का नाम रोशन कर रही हैं. इसी कड़ी में इटली में आयोजित होने वाली विश्व चैंपियनशिप में भी सिसौली गांव की लीजा तोमर का चयन हुआ है. निशा तोमर, बबीता तोमर सहित अन्य महिला कुश्ती खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में मेडल ला चुकी हैं. सिसौली के आस-पास के गांव में भी बेटियों में बढ़ा कुश्ती का क्रेज जिस क्षेत्र में कभी बेटियों का कुश्ती खेलने पर विरोध जताया जाता था. आज उन्हीं क्षेत्रों की बात की जाए तो सिसौली,भाटीपुरा, मऊखास, नगलामल सहित अन्य गांव की बेटियां कुश्ती के क्षेत्र में प्रतिभाग कर मेरठ का नाम रोशन कर रही हैं. बताते चलें कि सिसौली गांव की कुश्ती खिलाड़ी अर्जुन अवॉर्डी अल्का तोमर ने वर्ष 2006 के एशियाई गेम में आयोजित चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था. वह पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं थीं जिन्होंने यह खिताब हासिल किया था. वर्ष 2007 में अल्का तोमर को अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. गौरतलब है कि इन सभी कुश्ती खिलाड़ियों को तैयार करने में जबर सिंह सोम का महत्वपूर्ण योगदान है, जो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित रुस्तमे जमा दारा सिंह कुश्ती हॉल में सभी को ट्रेनिंग देते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | FIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 18:16 IST