मछली पालक गर्मी न हो परेशान इस विधि से कर सकते हैं अपनी मछलियों का बचाव

मछली पालन करने वाले किसान गर्मी के मौसम में मछली के उत्पादन को लेकर परेशान रहते हैं. तेज धूप की वजह से तालाब के पानी गर्म हो जाते हैं. इससे मछली के उत्पादन में कमी होती है.

मछली पालक गर्मी न हो परेशान इस विधि से कर सकते हैं अपनी मछलियों का बचाव
मेरठ/ विशाल भटनागर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में बड़ी संख्या में किसान अब मछली पालन की ओर किसान तेजी से बढ़ रहे हैं.  किसान इस खेती से कम बजट में बेहतर कमाई कर रहे हैं. लेकिन गर्मी के मौसम की बात करें, तो इस मौसम में तापमान अधिक होने के कारण किसान की मछलियां मर रही है.  जिससे मछली पालक परेशान दिखाई दे रहे हैं. इन्हीं बातों का विशेष ध्यान रखते हुए लोकल 18 की टीम ने मेरठ के मुख्य मत्स्य विभाग अधिकारी बिनोद कुमार से खास बातचीत की गई. जिन्होंने मछली पालन को लेकर कुछ ऐसे टिप्स दिए. जिसके माध्यम से किसान इस मौसम में भी अधिक उत्पादन कर सकते हैं. इस तरह रखें सावधानी मुख्य मत्स्य कार्यकारी अधिकारी बिनोद कुमार के अनुसार मछलियों के लिए जल ही जीवन है. ऐसे में तालाब में तीन परत पर आपको मछलियां अलग-अलग टाइप से मिलेंगी. लेकिन जब गर्मी बढ़ जाती है, तो सबसे पहले पानी का पहला परत गर्म होता है. इससे मछलियों को काफी नुकसान होता है. धीरे-धीरे यह स्थिती तालाब के नीचे तक बन जाती है. इन परिस्थितियों से निपटने के लिए सुबह शाम कम से कम 2 घंटे पानी की ट्यूबवेल जरूर चलाएं. जिससे कि ठंडा जल मछलियों को मिल सके. – प्रति हेक्टेयर 250 किलो चूना भी निर्धारित अवधि में डालना चाहिए. उससे पानी में क्षारीयता बढ़ जाती है. इससे पानी में CO2 की मात्रा कम हो जाती है. जिससे मछलियों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. -इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह एक एकड़ में 50 किलो नमक डालने से भी मछलियों की ग्रोथ अच्छी होती है. क्योंकि इसके माध्यम से पानी में मछलियों को विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन होने की संभावना कम रहती है. उसको मछली पालक को काफी मदद मिलती है. दवाई का भी करें उपयोग बिनोद कुमार बताते हैं कि गर्मी में तालाब में समय-समय पर बाजार में उपलब्ध होने वाली दवाइयां का भी इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि लाल दवा मछलियों के लिए काफी उपयोगी होती है. वह कहते हैं कि मछली पालन से जुड़े किसान अगर इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखें, तो गर्मी के मौसम में भी किसानों को मछली उत्पादन में काफी इजाफा होगा. आपको बताते चले की मछली पालन में अगर आपका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 60 टन है, तो आप अच्छा उत्पादन कर रहे हैं. अगर इस तरीके से उत्पादन न हो तो एक्सपर्ट से सलाह लेते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है. Tags: Local18, Meerut news, Trout Fish FarmingFIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 11:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed