वृंदावन में दर्शन होंगे आसान हाईवे पर गाड़ी खड़ीकर ‘हवाई मार्ग’ से मंदिर जाएं
वृंदावन में दर्शन होंगे आसान हाईवे पर गाड़ी खड़ीकर ‘हवाई मार्ग’ से मंदिर जाएं
नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट के सीईओ प्रकाश गौड़ ने न्यूज18 हिन्दी को बताया कि वृंदावन में सालाना 1.79 करोड़ श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इनका समय बचाने और सुविधाजनक दर्शन के लिए व्यवस्था की जा रही है.
नई दिल्ली. देशभर से रोजाना हजारों श्रद्धालु वृंदावन में बिहारीजी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इन श्रद्धालुओं को शहर के अंदर लगने वाले जाम और वाहनों की ‘नो एंट्री’ से परेशानी होती है. इन्हें मजबूरी में ई-रिक्शा से मंदिर तक पहुंचना पड़ता है. इसमें समय भी अधिक लगता है और गर्मी, सर्दी और बरसात हर मौमस में असुविधा होती है. श्रद्धालुओं को इससे राहत देने के लिए खास व्यवस्था की जा रही है. आइए जानें.
देशभर में रोपवे निर्माण करने वाली कंपनी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट (एनएचएलएमएल) के सीईओ प्रकाश गौड़ ने न्यूज18 हिन्दी को बताया कि वृंदावन में सालाना 1.79 करोड़ श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इनमें 60000 के करीब विदेशों से आए श्रद्धालु शामिल हैं. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु शहर के बाहर तक जल्दी आ जाते हैं, लेकिन उन्हें मंदिर पहुंचने में काफी समय लगता है. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए त्यौहार और छुट्टी के दिन शहर के अंदर वाहनों की ‘नो एंट्री’ रहती है. इस वजह से ई-रिक्शा से सफर करना पड़ता है, जो परेशानी भरा होता है.
कुंभ की तैयारी: प्रयागराज में हवा में ‘उड़ेंगे’ श्रद्धालु, नीचे संगम और ऊपर खुला आसामान, अभी से कर लें प्लान
रोपवे के लिए पहले चरण का काम हो चुका है. इसमें स्टडी करायी जा चुकी है, अब फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, यानी रोपवे किस रूट से जाएगा, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को लाभ मिल सके. कहां-कहां टावर बनाने होंगे, जिसमें कम से कम अवरोध आएं. फीजिबिलिटी रिपोर्ट के बाद डीपीआर तैयार किया जाएगा.
सीईओ ने बताया कि श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे और एनएच 2 से मंदिर तक रोपवे शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है. मंदिर पहुंचने के ये दो ही रास्ते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि श्रद्धालु एक्सप्रेसवे या हाईवे पर वाहन पार्क कर रोपवे में सवार हो जाएंगे. रोपवे एसी होंगे, यानी सर्दी,गर्मी और बारिश सभी मौसम में सुविधाजनक सफर होगा.
रोपवे के रूट में वृंदावन के प्रमुख मंदिर और स्थान मसलन वैष्णो देवी मंदिर, चंद्रोदय मंदिर, प्रेमधर्म मंदिर,इस्कॉन मंदिर, विद्यापीठ और अटल्ला शामिल होंगे, जिससे श्रद्धालु सभी मंदिरों के दर्शन कर सके. डीपीआर तैयार कर जल्द ही संबंधित एजेंसी को सौंप दी जाएगी और फिर टेंडर संबंधी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
Tags: Mathura news, Rope Way, VrindavanFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 09:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed