एक नाव चार संत और देश की पांच नदियों में से घूमने की कहानी

Mathura News: भतरौंड बिहारी मंदिर के महंत संत योगीराज दामोदरदास फलाहारी बाबा के शिष्य संत दास महाराज ने नाव के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुरु जी के साथ हम तीन लोग...

एक नाव चार संत और देश की पांच नदियों में से घूमने की कहानी
रिपोर्ट- निर्मल कुमार राजपूत मथुरा: वृन्दावन को मंदिरों की नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां हर मंदिर की अपनी अलग ही मान्यता है. वृन्दावन में एक ऐसा मंदिर है जहां आज भी देश की कई नदियों के भ्रमण की कहानी को अपने अंदर संजोए हुए हैं. एक नाव से कई संत देश भ्रमण पर निकले और यात्रा को सफल बनाया. गंगा नदी, गंगासागर, अयोध्या, घाघरा नदी, सरयू नदी की यात्रा वृंदावन में सैकड़ों मंदिर बने हुए हैं और इन मंदिरों का एक अपना अलग ही इतिहास रहा है. यहां हर मंदिर का अपना अलग ही महत्व रहा है. फिर चाहे वह भगवान बांके बिहारी मंदिर हो या भतरौंड बिहारी. भतरौंड बिहारी मंदिर की अगर बात करें तो भगवान श्री कृष्ण ने गाय चराते समय भात खाया था. तब से इस मंदिर का नाम भतरौंड बिहारी हुआ. इस मंदिर के प्रांगण में खड़ी एक नाव का भी अलग ही इतिहास हैं. भतरौंड बिहारी मंदिर के महंत संत योगीराज दामोदरदास फलाहारी बाबा के शिष्य संत दास महाराज ने नाव के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुरु जी के साथ हम तीन लोग उनकी सेवा में रहते थे. इस नाव के जरिए हमने जलमार्ग से अपनी यात्रा देवरिया से शुरू की. गंगा नदी, गंगासागर, अयोध्या, घाघरा नदी, सरयू नदी की यात्रा करने के बाद हम फिर हम लोग यमुना में आ पहुंचे. 1999 में हम लोग वृंदावन आए. उन्होंने यह भी बताया की राजपुर गांव के लोगों ने सन् 2000 में इस मंदिर को हमारे गुरु योगीराज दामोदर दास महाराज को मंदिर उपहार स्वरूप मिला था और हमारी नाव यमुना में रहती थी. नाव में लगा है नल और स्टेरिंग बता दें कि नाव में एक नल लगा हुआ है. आवश्यकता अनुसार नाव में सफऱ के दौरान संत नदियों से पानी खिंचकर पीते थे. ज़ब जरुरत होती तो नल से जल निकाल लेते थे. नाव में एक स्टेरिंग भी लगी है. पानी के बहाव को कटाने के लिए इस स्टेरिंग का इस्तेमाल करते थे. इस नाव में एक पंखा भी लगा हुआ है जो की गर्मी के समय में यहां राहत देने का काम करता है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 21:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed