शंख बजाने से दूर होती हैं सांस संबंधित बीमारियां जानिए इसे बजाने का सही तरीका
शंख बजाने से दूर होती हैं सांस संबंधित बीमारियां जानिए इसे बजाने का सही तरीका
Shankh Bajane ke Fayde: शंख बजाने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और श्वास प्रक्रिया में सुधार होता है. इसके अभ्यास से फेफड़ों की मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जो प्राणायाम के समान कार्य करता है. इससे फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन पहुंचती है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है.
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में हर प्रकार के रोगों के निदान के लिए सरल उपाय बताए गए हैं. यही कारण है कि जब अंग्रेजी दवाएं असफल हो जाती हैं, तब भी मरीज आयुर्वेदिक उपायों की ओर रुख करते हैं और अक्सर इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं. इसी क्रम में, सांस रोग जैसे अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, और एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए शंख बजाने का अभ्यास एक नई आशा बन सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से शंख बजाने से फेफड़ों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और श्वसन संबंधी समस्याओं में सुधार होता है, जिससे दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है.
शंख बजाने की प्राचीन परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है. बलिया के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रसिद्ध योग चिकित्सक डॉ. सर्वेश कुमार ने बताया कि शंख बजाने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और श्वास प्रक्रिया में सुधार होता है. इसके अभ्यास से फेफड़ों की मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जो प्राणायाम के समान कार्य करता है. इससे फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन पहुंचती है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है.
शंख बजाने के अन्य लाभ
तनाव में कमी और मानसिक शांति: शंख बजाने से उत्पन्न ध्वनि तरंगें तनाव कम करती हैं और मानसिक शांति प्रदान करती हैं.
श्वसन तंत्र की सफाई: नियमित शंख बजाने से वायु मार्ग खुल जाते हैं, जिससे श्वसन प्रणाली साफ होती है और सांस लेने में आसानी होती है.
शंख बजाने का सही तरीका
शंख बजाना एक सरल और प्रभावी अभ्यास है, जिसे सही तरीके से करने से महीने भर में सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगते हैं. सुबह का समय शंख बजाने के लिए सबसे उपयुक्त होता है, जब वातावरण शुद्ध और शरीर में ऊर्जा का स्तर उच्च होता है.
शंख बजाने का अभ्यास
शंख बजाने से पहले उसे साफ पानी से धो लें. फिर इसे होंठों से सटाकर धीरे-धीरे फूंक मारें और जोर से बजाएं. इस दौरान ध्यान दें कि आपकी श्वास गहरी और नियंत्रित हो. शुरुआत में 2-3 मिनट शंख बजाने का अभ्यास करें, फिर समय को धीरे-धीरे 5-10 मिनट तक बढ़ाएं.
नियमित अभ्यास से दिखेंगे परिणाम
विशेषज्ञों के अनुसार, एक महीने के नियमित शंख बजाने से श्वसन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. खासतौर से उन लोगों के लिए यह अभ्यास बहुत लाभकारी है, जो सांस फूलने की समस्या से परेशान रहते हैं. नियमित अभ्यास से उनकी श्वास प्रक्रिया में बड़ा सुधार देखा जा सकता है.
Tags: Ballia news, Health benefit, Local18FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 14:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed