Maharashtra : 4 साल के बच्चे के सामने 60 साल के शख्स ने किया गंदा काम अब मिली सजा जानें पूरा केस

Pocso Court: बाल यौन शोषण के एक मामले में मुंबई की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 60 साल के एक व्यक्ति को सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए बेहद कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में हस्तमैथुन करना आरोपी के यौन इरादे का अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त है.

Maharashtra : 4 साल के बच्चे के सामने 60 साल के शख्स ने किया गंदा काम अब मिली सजा जानें पूरा केस
हाइलाइट्सबाल यौन शोषण के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 60 साल के व्यक्ति को सजा सुनाई.4 साल के बच्चे के सामने हस्तमैथुन करने का आरोप.अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाओं का समाज पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. मुंबई. बाल यौन शोषण के एक मामले में मुंबई की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 60 साल के एक व्यक्ति को सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए बेहद कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में हस्तमैथुन करना आरोपी के यौन इरादे का अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त है. यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो एक्ट) मामलों की विशेष न्यायाधीश प्रिया बांकर ने इस मामले में 29 अगस्त को आरोपी को दोषी करार दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी को एक साल की जेल की सजा सुनाई. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार मामले में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि पीड़ित चार साल का बच्चा जब अपने घर के पास आरोपी की सिलाई की दुकान पर गया तो उसने देखा कि आरोपी हस्तमैथुन कर रहा है. पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज इस शिकायत के अनुसार आरोपी ने उसे अपना प्राइवेट पार्ट भी दिखाया था. इस पर आरोपी के वकील ने दलील दी कि उसने लड़के को दुकान पर नहीं बुलाया था और न ही वह लड़के के पास गया था. मामले में दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह सच है कि लड़के ने गलती से उस आदमी की हरकत देखी. लेकिन आरोपी की दुकान छोटी थी और कोई भी राहगीर उसकी हरकत देख सकता था, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि वह निजी तौर पर हस्तमैथुन कर रहा था. कोर्ट ने आगे कहा कि जब लड़के ने उस व्यक्ति की हरकत देखी, तो उसने इसे छिपाया नहीं, बल्कि उसे कुछ स्पष्टीकरण देने की कोशिश की. कोर्ट ने अपने फैसले में आगे टिप्पणी की कि हस्तमैथुन एक यौन क्रिया है और यदि किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में किया जाता है, तो यह आरोपी के यौन इरादे का अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त है. अदालत ने आगे कहा कि पीड़ित, उसके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि समाज पर भी घटना का बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ऐसी घटनाओं से उनके मन में धारणा बनती है कि घर और आसपास के क्षेत्र बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं और इससे समाज में एक खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है. निश्चित रूप से इस तरह की घटना से लोगों के मन में दहशत पैदा हो जाती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Child sexual abuse, POCSO court punishmentFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 11:56 IST