मणिपुर में NIA की एंट्री एक्शन में केंद्र सरकार एक-एक जुल्म का होगा हिसाब

मणिपुर डेढ़ साल से हिंसा की आग में झुलस रहा है. दो आदिवासी समूहों में भूमि और आरक्षण का विवाद जातीय हिंसा का रूप ले लिया. अब तक इस हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं. लेकिन, केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से मामला ठंडा हो गया था. हाल ही में फिर से भड़की हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने केस को एनआईए को सौंप दिया है.

मणिपुर में NIA की एंट्री एक्शन में केंद्र सरकार एक-एक जुल्म का होगा हिसाब
इंफाल. मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क उठी है. राज्य में फिर से स्थिति फिर से तनावपूर्ण बनी हुई है. इसी मंगलवार 12 नवंबर को राज्य में सीआरपीएफ के जवानों और कुकी के उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें 10 उग्रवादी मारे गए. यह घटना जिरीबाम जिले में हुई, जहां पुलिस के अनुसार, ये उग्रवादी एक पुलिस चौकी पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे. ताजा हिंसा के बाद एरिया में कर्फ्यू लगा दिया गया. वहीं केंद्र सरकार ने राज्य में शांति बहाल के लिए द्रुत गति से काम करना शुरू कर दिया है. सरकार ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जांच सौंप दिया है. मणिपुर में केंद्र सरकार ने शांति बहाली के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है. गृह मंत्रालय की ओर जारी बयान में कहा गया है कि सरकार राज्य में शाति बहाल करने की काम कर रही है. किसी भी प्रकार का हिंसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने बताया कि मणिपुर में हाल ही में घटना को देखते हुए 3 केस NIA को सौंपी गई हैं…. 1. केस – सीआरपीएफ (CRPF) और कुकी आतंकी मुठभेड़ मामला. मणिपुर (Manipur) के जिरीबाम में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादियों (Kuki Militants) को मार गिराया था. 2. 6 लोगो के किडनैप का मामला. (किडनैपिंग का अलग केस NIA को सौंपा गया है) 3. मणिपुर में फिर उग्र हुए उग्रवादी केस! जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण के कुछ दिन बाद मिले शव मिले. मणिपुर में हाल में सुरक्षाबल के साथ मुठभेड़ को लेकर स्थानीय आदिवासी संगठनों का अलग दावा है. उनका कहना है कि मारे गए लोग गांव के स्वयंसेवक थे. वे अपने समुदाय की सुरक्षा कर रहे थे. हालांकि, कुकी समुदाय के 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया. वहीं, लोगों ने विरोध में हड़ताल भी किया. मणिपुर पिछले डेढ़ साल से जातीय हिंसा की चपेट में है, जो मुख्य रूप से मैतयी और कुकी समुदायों के बीच है. यह विवाद भूमि अधिकार और आरक्षण से संबंधित मुद्दों के कारण शुरू हुआ था, जिससे राज्य दो जातीय क्षेत्रों में बंट गया. एक मैतयी प्रभुत्व वाला घाटी क्षेत्र और दूसरा कुकी-प्रभुत्व वाला पहाड़ी क्षेत्र. अब तक इस संघर्ष में 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं. Tags: Manipur, Manipur violenceFIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 14:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed