ED के चलते मेरी नौकरी चली गई… HC में आया अनोखा मामला बेंच ने यूं लगाई क्‍लास

Enforcement Directorate: मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला ड्रग्‍स की तस्‍कर इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची से जुड़ा है. इस मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने संजय कुमार अग्रवाल नामक व्यक्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था. अग्रवाल को 2020 में ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया था.

ED के चलते मेरी नौकरी चली गई… HC में आया अनोखा मामला बेंच ने यूं लगाई क्‍लास
नई दिल्‍ली. बम्‍बई हाईकोर्ट ने एक व्‍यक्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जमकर क्‍लास लगाई. याचिकाकर्ता का आरोप था कि ईडी के इस कारनामे के चलते उसे हिरासत में ले लिया गया और उसकी नौकरी भी चली गई. कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया. बेंच ने ‘लुक आउट सर्कुलर (LOC)’ को रद्द करते हुए यह स्‍पष्‍ट तौर पर कहा कि किसी व्यक्ति को महज इस आधार पर हिरासत में नहीं लिया जा सकता है क्‍योंकि वो जांच में कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला ड्रग्‍स की तस्‍कर इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची से जुड़ा है. इस मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने संजय कुमार अग्रवाल नामक व्यक्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था. अग्रवाल को 2020 में ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया था. अग्रवाल ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में बतौर आरोपी आरोपित भी नहीं किया गया है. 2021 में ईडी द्वारा जारी किये गये लुक आउट सर्कुलर को बम्‍बई हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. अग्रवाल ने कहा कि वह 1995 से बहरीन एवं दुबई में काम कर रहे हैं और अब एलओसी के कारण उन्हें भारत में हिरासत में ले लिया गया है एवं वह बेरोजगार हो गये हैं. यह भी पढ़ें:- मनीष स‍िसोद‍िया, के कव‍िता और फ‍िर केजरीवाल… ED अब क‍िसे आरोपी बनाने जा रही? हाईकोर्ट में क‍िया इस नाम का खुलासा आरोपित नहीं, फिर भी था हिरासत में… न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने 17 अप्रैल को अपने फैसले (जो अब वेबसाइट पर अपलोड हुआ) में कहा कि ईडी 2019 से इस मामले की जांच कर रही है और उसके सामने अग्रवाल के पेश होने के बावजूद उसे उनके खिलाफ कोई सामग्री नहीं मिली है. बेंच ने कहा कि ऐसे में उन्हें हिरासत में और रखना सही नहीं होगा. हाईकोर्ट ने ईडी के खिलाफ सख्‍त रुख अख्तियार करते हुए कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता को दिसंबर, 2020 से ही आजीविका से वंचित कर दिया गया है. वह दो दशक से अधिक समय से पश्चिम एशिया में काम रहे रहे हैं.’’ ईडी ने किया था अर्जी का विरोध… ईडी ने यह कहते हुए अग्रवाल की अर्जी का विरोध किया कि वैसे इस मामले में उन्हें नामजद नहीं किया गया है, लेकिन वह जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. पीठ ने कहा कि वह इस दलील को स्वीकार नहीं कर सकती है. बेंच ने कहा, ‘‘ किसी व्यक्ति को महज इस आधार पर हिरासत में नहीं लिया जा सकता है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. असहयोग की वजह यह भी हो सकती है कि व्यक्ति के पास संबंधित मामले के संबंध में जानकारी न हो.’’ 1995 से बहरीन में काम कर रहे हैं…  अर्जी के मुताबिक, अग्रवाल 1995 से बहरीन में काम कर रहे थे और 2012 में वह समूह वित्तीय नियंत्रक के रूप में ‘इंपेरियल सूट्स होटल’ (जिसका कथित रूपसे मालिक मिर्ची था) से जुड़े थे. अग्रवाल ने दावा किया कि उन्हें नहीं पता था कि उक्त होटल का मालिक कौन है, वह तो बस आसिफ मेमन और जुनैद मेमन (मिर्ची के बेटों स) से निर्देश लिया करते थे. उन्होंने दावा किया कि उन्हें इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची या उनके परिवार के किसी सदस्य के निजी कारोबार व धंधे के बारे में कुछ पता नहीं था और उन्होंने मिर्ची से न कभी मुलाकात की और न ही बातचीत की. (एजेंसी इनपुट के साथ) Tags: Enforcement directorate, Mumbai News, Mumbai news todayFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 21:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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