32 लाख का खर्चा और 16 लाख की सब्सिडी किसानी का ये तरीका कर देगा मालामाल!

पॉलीहाउस की मदद से किसान अधिक तापमान और धूप के बावजूद फल, फूल, और सब्जियों की खेती कर सकते हैं. साथ ही, वे उन फसलों की भी पैदावार कर सकते हैं, जिनकी बाजार में मांग अधिक होती है

32 लाख का खर्चा और 16 लाख की सब्सिडी किसानी का ये तरीका कर देगा मालामाल!
सोनभद्र: अच्छी पैदावार के लिए किसान लगातार नए-नए प्रयास कर रहे हैं और सरकार भी उनकी आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लेकर आ रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक है पॉलीहाउस सब्सिडी योजना, जिसके तहत किसानों को 50% तक की सब्सिडी मिलती है. पॉलीहाउस की मदद से किसान अधिक तापमान और धूप के बावजूद फल, फूल, और सब्जियों की खेती कर सकते हैं. साथ ही, वे उन फसलों की भी पैदावार कर सकते हैं, जिनकी बाजार में मांग अधिक होती है, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में ज्यादातर किसान उन्हें उगा नहीं पाते. बड़े किसान आजकल पॉलीहाउस की मदद से बाजार की मांग के अनुसार फसलों की खेती कर रहे हैं. इससे वे उन फसलों की भी पैदावार कर पाते हैं, जिन्हें सामान्य तापमान और परिस्थितियों में उगाना कठिन होता है, जिससे बाजार में उनकी अच्छी मांग बनी रहती है. पॉलीहाउस सब्सिडी योजना सरकार एक एकड़ पर पॉलीहाउस लगाने के लिए 16.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी दे रही है. पॉलीहाउस बनाने की कुल लागत लगभग 34 लाख रुपये होती है, जिसमें किसानों को 50% तक अनुदान यानी 16.80 लाख रुपये तक मिल सकता है. पॉलीहाउस की बनावट पॉलीहाउस की बनावट के आधार पर यह तीन प्रकार के होते हैं—झोपड़ीनुमा, गुंबदाकार, और गुफानुमा. इसका ढांचा स्टील से बनाया जाता है, और इसे प्लास्टिक शीट से ढका जाता है. शीट 200 माइक्रॉन मोटाई की होती है, जो पराबैंगनी और प्रतिरोधी किरणों को परावर्तित करने में मदद करती है. यह संरचना फसलों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है. पॉलीहाउस की संरचना किसानों की जरूरत और फसल के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. पॉलीहाउस से किसानों को लाभ पॉलीहाउस की मदद से किसान पारंपरिक खेती की तुलना में 4 गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें उगाई गई फसलें बाजार में अधिक दाम पर बिकती हैं, और इस वजह से किसानों को अधिक आय होती है. विशेषज्ञों का मानना है कि एक पॉलीहाउस किसान को सालाना 10 लाख रुपये तक की आय दे सकता है. साथ ही, सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी इस कार्य को और भी लाभकारी बनाती है. Tags: Agricultural Science, Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 16:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed