UP STF की टीम वह टीम जिसने किया था अतीक के बेटे का एनकाउंटर
UP STF की टीम वह टीम जिसने किया था अतीक के बेटे का एनकाउंटर
Lucknow News: इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके यूपी पुलिस के 17 जाबांजों को राष्ट्रपति के गैलेंट्री मेडल से नवाजा जाएगा. इसमें यूपी STF की टीम के तीन अफसर भी शामिल हैं जिन्होंने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथ गुलाम को झांसी एनकाउंटर में मार गिराया था.
हाइलाइट्स माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम को मार गिराने वाले UP STF की टीम को राष्ट्रपति का गैलेंट्री मेडल एनकाउंटर में शमिल तत्कालीन डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, नवेंदु कुमार समेत इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र राय को राष्ट्रपति का गैलंट्री मेडल मिलेगा
लखनऊ. 15 अगस्त पर राष्ट्रपति के गैलंट्री मेडल की घोषणा कर दी गई है. माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराने वाले डिप्टी एसपी को गैलंट्री मेडल मिलेगा. असद एनकाउंटर में शमिल तत्कालीन डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, नवेंदु कुमार समेत एसटीएफ के इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र राय को राष्ट्रपति का गैलंट्री मेडल मिलेगा.
यूपी पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके एक सहयोगी गुलाम को एक एनकाउंटर में मार दिया गया था. दोनों उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी थे. यूपी पुलिस ने दोनों के ऊपर 5 लाख रुपये का ईनाम घोषित किया हुआ था. यूपी पुलिस ने दावा किया कि स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने असद और गुलाम को झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया. इस एसटीएफ टीम में कुल 12 पुलिसकर्मी शामिल थे. इस टीम को डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार और विमल कुमार सिंह लीड कर रहे थे. झांसी में हुए इस एनकाउंटर के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने STF की उस टीम की तारीफ की थी, जिसने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. असद और उसके साथी को पकड़ने के लिए दो टीम लगी थी. एक को प्रयागराज यूनिट के डिप्टी एसपी नवेंदु सिंह लीड कर रहे थे, दूसरी टीम को लखनऊ एसटीएफ के डिप्टी एसपी विमल कुमार लीड कर रहे थे.
नवेन्दु कुमार दो बार मिल चुका है राष्ट्रपति मेडल
नवेन्दु कुमार यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे. प्रमोशन मिलने के बाद वो पीपीएस अधिकारी भी बने. करियर के शुरुआती दिनों में ही उनकी बहादुरी को देखते हुए STF में शामिल कर लिया गया था. बीहड़ में कई डकैतों के एनकाउंटर में वो शामिल रहे थे. एक एनकाउंटर में तो हाथ में गोली भी लगी. साल था 2009 और तारीख 16 जून. STF की टीम ने चित्रकूट के राजापुर थाने के जमौली गांव में घनश्याम केवट नाम के डकैत को घेर लिया था. वो एनकाउंटर 52 घंटे चला था, कई बड़े पुलिस अधिकारी घायल हुए थे, जिसमें नवेन्दु के भी हथेली पर गोली लग गई थी. दाहिने हाथ की एक उंगली बुरी तरह छलनी हो गई थी. कई कुख्यात बदमाशों को ढेर करने वाले नवेन्दु को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था, जिसके बाद वो डिप्टी एसपी बन गए. पिछले 6 सालों से नवेन्दु यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट में तैनात रहे है. 2008 और 2014 में नवेन्दु कुमार को राष्ट्रपति की तरफ से वीरता पदक मिल चुका है.
ददुआ को मार गिराने वाली टीम में शामिल थे DSP विमल कुमार सिंह
इस ऑपरेशन में दूसरा चर्चित नाम विमल सिंह का है. विमल यूपी एसटीएफ के लखनऊ मुख्यालय पर DSP के पद पर हैं. विमल सिंह भी यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे. और इनको भी आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिल चुका है. विमल सिंह की गिनती STF के दिलेर अफसरों में होती है. ददुआ का नाम तो सुना होगा. कुख्यात डकैत. जुलाई का महीना और साल 2007. सालों से परेशानी का सबब बने ददुआ की लोकेशन एकदम सटीक मिल गई थी. STF की टीम ने घेर लिया, चित्रकूट के झमगल जंगल में ददुआ को मार गिराया गया. STF की उस टीम में विमल कुमार सिंह शामिल थे.
असद एनकाउंटर में शामिल थे ये जांबाज
बताया जाता है कि यूपी एसटीएफ में तैनाती के दौरान पूर्वांचल के कई बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसने में विमल सिंह के मुखबिर नेटवर्क की अहम भूमिका रही है. विमल यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं. नवेन्दु कुमार और विमल कुमार सिंह के अलावा इस टीम में कई इंस्पेक्टर और हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल थे. इनमें अनिल कुमार सिंह (इंस्पेक्टर), ज्ञानेंद्र कुमार राय (इंस्पेक्टर), विनय तिवारी (सब इंस्पेक्टर), पंकज तिवारी (हेड कॉन्स्टेबल), सोनू यादव (हेड कॉन्स्टेबल), सुशील कुमार (हेड कॉन्स्टेबल), सुनील कुमार (हेड कॉन्स्टेबल), भूपेंद्र सिंह (हेड कॉन्स्टेबल), अरविंद कुमार (कमांडो) और दिलीप यादव (कमांडो) शामिल थे.
Tags: Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 11:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed