एक झूठ को छिपाने के लिए ज्योति मिश्रा ने रची मैड्रिड में तैनाती की फर्जी कहानी

Fake IFS Jyoti Mishra: सोशल मीडिया पर ज्योति मिश्रा के UPSC में सेलेक्शन को लेकर चल रही तमाम अटकलों और दावों पर उस वक्त विराम लग गया, जब पता चला कि उन्होंने एक झूठ छिपाने के लिए आईएफएस की फर्जी पिक्चर ही बना डाली.

एक झूठ को छिपाने के लिए ज्योति मिश्रा ने रची मैड्रिड में तैनाती की फर्जी कहानी
हाइलाइट्स IAS पूजा खेड़कर को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद एक और नाम चर्चा में है आईएफएस ज्योति मिश्रा को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के दावे हो रहे हैं इस बीच जो सच्चाई सामने आई है उससे सभी के मुंह पर ताले लग गए हैं लखनऊ. देश की सबसे बड़ी परीक्षा UPSC के लिए सबसे बड़ा झूठ बोला गया और जब ये झूठ खुला तो सबके मुंह पर ताला लग गया. इन दिनों सोशल मीडिया में यूपीएससी परीक्षा में अलग-अलग कोटे से सेलेक्ट हुए अभ्यर्थियों की चर्चा जोरों पर है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चित नाम पूजा खेड़कर का है. जब ये चर्चा आगे बढ़ी तो 2022 में यूपीएससी की परीक्षा में चयनित होने का दावा करने वाली ज्योति मिश्रा का मामला सामने आया. इसे लेकर कई तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुए. एक पोस्ट में कहा गया कि जनरल कोटे की ज्योति मिश्रा एससी केटेगरी से आईएफएस बन गईं. लेकिन जब पूरा सच सामने आया तो सब हैरान हैं. आरक्षण कोटे की चर्चा के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में ज्योति मिश्रा को एससी कोटे में चयनित दिखाया गया था. जिसके बाद ज्योति मिश्रा की ओर से सफाई भी आई. ज्योति मिश्रा ने खुद को आईएफएस बताया और मैड्रिड एम्बेसी में तैनात बताया. हालांकि इस पोस्ट के समर्थन में भी कई पोस्ट किए गए और कहा गया कि ब्राह्मण होने की वजह से रायबरेली की बेटी को टारगेट किया जा रहा है. बाद में ज्योति मिश्रा ने अपनी सफाई वाली पोस्ट को डिलीट कर दिया. दरअसल, जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि ज्योति मिश्रा का कभी यूपीएससी में सेलेक्शन हुआ ही नहीं था. लिहाज़ा ज्योति कभी मैड्रिड में तैनात नहीं रही. जबकि 2022 में यूपी पुलिस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से ज्योति को चयन पर बधाई दी थी. क्योंकि ज्योति के पिता यूपी पुलिस में दारोगा हैं. ज्योति ने भी अपने परिजनों को अपनी यूपीएससी में सेलेक्शन की झूठी जानकारी दी थी. इस एक झूठ को छिपाने के लिए ज्योति मिश्रा ने एक के बाद एक कई झूठ बोले. उसने कई फर्जी दस्तावेज बनवाए, जिसे परिजनों सेलेक्शन के सोशल मीडिया पर शेयर किए थे. ज्योति के पिता लखनऊ के एक थाने में तैनात हैं, लेकिन कई बार कॉल करने पर भी उन्होंने रिसीव नहीं किया. इतने दिन तक ज्योति ने कैसे छिपाया झूठ? ज्योति मिश्रा ने आईएएस की कोचिंग के लिए पिता से पैसे मांगे थे. लेकिन पिता तैयार नहीं थे. फिर बेटी की जिद के सामने वे मान गए और शादी के लिए इकट्ठा पैसे से कोचिंग करवाई. ज्योति ने 2020 और 2021 में UPSC का एग्जाम दिया। लेकिन चयन नहीं हुआ. 2022 में जब रिजल्ट आया तो उनकी बहन आरती ने उसमे ज्योति नाम देखा. इसके बाद आरती ने ज्योति को फोन किया कि रिजल्ट में जो नाम है क्या वो उसका है. इस पार बार-असफल हो रही ज्योति मिश्रा ने कह दिया हां वही है. बस इसी झूठ को छिपाने के लिए फर्जी पासपोर्ट से लेकर फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, और यहां तक कि फेक आईडी कार्ड और पासपोर्ट भी बनवाया गया. क्यों बताया आईएफएस में हुआ चयन दरअसल, आईएएस तैयारी कर रही ज्योति को इतना तो पता था कि सेलेक्शन प्रोसेस कैसे होता है. इसी का उसने फायदा उठाया. लेकिन बड़ी चालाकी उसने इंडियन फॉरेन सर्विस को चुना क्योंकि अगर आईएएस दिखाती तो देश में ही तैनाती मिलती. साथ ही वह स्पेनिश सिख रही थी, इसलिए उसने तैनाती मैड्रिड में बता दिया. जबकि मौजूदा समय में ज्योति मिश्रा दिल्ली के एक अर्ध सरकारी फर्म में कार्यरत हैं. Tags: Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 13:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed