अब गुरुमुखी में पढ़िएजय हनुमान ज्ञान गुण सागर!

गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल बताते हैं कि, इससे पहले हनुमान चालीसा हिंदी, नेपाली, गुजराती, असमिया, तमिल, बांग्ला, तेलुगू, कन्नड़, ओड़िया, अंग्रेजी में प्रकाशित होता था. लेकिन अब पंजाबी भाषा में प्रकाशित करने के बाद यह कुल 11 भाषाओं में प्रकाशित होने लगा है.

अब गुरुमुखी में पढ़िएजय हनुमान ज्ञान गुण सागर!
गोरखपुर : धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस ने पहली बार गुरुमुखी लिपि(पंजाबी भाषा) में हनुमान चालीसा का प्रकाशन किया है. गौरतलब है कि पहली बार में 30,000 प्रतियों का प्रकाशन किया गया है. पंजाब के एक व्यापारी ने इसकी 25 हजार प्रतियां खरीद भी ली हैं. गीता प्रेस अब तक 11 भाषाओं में हनुमान चालीसा का प्रकाशन कर चुका है. गौरतलब है कि गोरखपुर में मौजूद गीता प्रेस की स्थापना 3 मई 1923 को की गई थी. गीता प्रेस में हिंदू धर्म की लगभग सभी धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है. लेकिन श्रीमद्भागवत गीता की छपाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है. गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी बताते हैं कि, यह पहली बार नहीं है जब गीता प्रेस में किसी दूसरे भाषा की पुस्तक छापी गई है. यह काम शुरू से ही गीता प्रेस में होते आया है. लेकिन इस बार 30 हजार गुरुमुखी भाषा में हनुमान चालीसा छापने का आर्डर मिला. जिसके बाद इसे छापा गया. इन्‍हें पंजाब स्थित लुधियाना के दूर-दराज के गांवों में घर-घर बांटा जा रहा है, ताकि लोग हनुमान चालीसा के विषय में जान सकें और उसका सुमिरन कर लाभ उठा सकें. 11 भाषा में हुई प्रकाशित गीता प्रेस में हर धार्मिक पुस्तक को कई भाषाओं में प्रकाशित किया जाता है. वहीं हनुमान चालीसा भी लगभग 11 भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है. गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल बताते हैं कि, इससे पहले हनुमान चालीसा हिंदी, नेपाली, गुजराती, असमिया, तमिल, बांग्ला, तेलुगू, कन्नड़, ओड़िया, अंग्रेजी में प्रकाशित होता था. लेकिन अब पंजाबी भाषा में प्रकाशित करने के बाद यह कुल 11 भाषाओं में प्रकाशित होने लगा है. पंजाबी भाषा में इसे प्रकाशित करते समय इसके सार और शब्दों का ध्यान रखा गया है. वह इसे आसान बनाया गया है. ताकि हर घर में लोग इसे पढ़ सकें, इसकी डिमांड बढ़ने के साथ इसके प्रकाशन पर जोर दिया जाएगा. Tags: Gorakhpur news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 13:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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