वाराणसी: भारतीय संस्कृति में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व होता है. यह न केवल हमारे धर्म, संस्कृति का हिस्सा होते हैं बल्कि हमारे आंतरिक चेतना के जागृति भाव में नियोजित होते हैं. इसी भाव का एक त्योहार हरितालिका तीज है, जिसे भारत के साथ विश्व भर की महिलाएं निर्वहन करती हैं. तीज व्रत को लेकर कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं, जिनमें निर्जलीय और साधारण व्रत का विशेष रूप से उल्लेख किया जाता है.
आखिर क्या है इन दोनों व्रतों में अंतर, और क्या सच में तीज पर चार गुना पुण्य प्राप्त होता है? इस बारे में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने विस्तार से बताया है. उन्होंने बताया कि वैसे तो हरितालिका तीज का व्रत निर्जलीय रखने का ही विधान है लेकिन जो लोग निर्जलीय व्रत रखने में सक्षम नहीं होते वें यानी बीमार या वृद्ध होते है. वो हरितालिका तीज पर साधारण व्रत भी रखते हैं.
क्या होता है निर्जलीय व्रत
निर्जलीय व्रत वह होता है जिसमें व्रती (व्रत रखने वाला) पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए उपवास करता है. इस व्रत में पूर्ण तपस्या का पालन किया जाता है.यह व्रत सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का अन्न,जल या फलाहार ग्रहण नहीं किया जाता. निर्जलीय व्रत का उद्देश्य आत्मसंयम, शारीरिक और मानसिक शुद्धि के साथ-साथ देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करना होता है.
यह है साधारण व्रत
साधारण व्रत में व्रती दिनभर उपवास रखता है, लेकिन इसमें जल, फल, दूध आदि का सेवन कर सकता है. यह व्रत अपेक्षाकृत आसान माना जाता है और इसे अधिक लोग आसानी से कर सकते हैं. साधारण व्रत भी धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए रखा जाता है, लेकिन इसमें कठोर तपस्या की आवश्यकता नहीं होती.
क्या तीज पर मिलता है चार गुना पुण्य?
ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय का कहना है कि हरितालिका तीज व्रत का महत्व भारतीय शास्त्रों में अत्यधिक माना गया है. कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति मिलती है और उसे चार गुना पुण्य प्राप्त होता है. तीज व्रत को देवी पार्वती और भगवान शिव की उपासना के लिए रखा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी. इस कारण, तीज व्रत रखने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है.
क्या है वैज्ञानिक आधार
पंडित उपाध्याय का कहना है कि निर्जलीय व्रत रखने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का निष्कासन होता है, जिससे स्वास्थ्य लाभ होता है. इससे मानसिक शांति भी प्राप्त होती है, जो पुण्य फल का कारण बनता है.
विशेष विधान और मान्यताएं
तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से देवी पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा में देवी को सिंदूर, श्रृंगार सामग्री और वस्त्र अर्पित किए जाते हैं. तीज की कथा सुनने और देवी पार्वती की उपासना करने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. तीज पर व्रत रखने वाली महिलाएं विशेष पुण्य प्राप्त करती हैं, जो उनके परिवार और जीवन में समृद्धि और सुख का संचार करता है.
Tags: Hartalika Teej, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 14:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed