कम लागत में तगड़ा मुनाफ धान-गेहूं नहीं इस फसल की करें खेती हो जाएंगे मालामाल

जिला कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर नंदन सिंह ने बताया कि हल्दी की खेती करना किसानों के लिए एक अच्छा निर्णय है. उन्होंने कहा कि हल्दी को घर पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है और उचित भाव आने पर इसे बाजार में बेचा जा सकता है.

कम लागत में तगड़ा मुनाफ धान-गेहूं नहीं इस फसल की करें खेती हो जाएंगे मालामाल
बहराइच: हल्दी की खेती, जो कम लागत में अधिक मुनाफा देती है, अब किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है. हल्दी की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु आदर्श मानी जाती है. तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस और 225-250 सेंटीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है. हल्दी के लिए लाल, चिकनी दोमट या मटियार दोमट मिट्टी उत्तम होती है, जिसमें जल निकासी की क्षमता बेहतर हो. मानसून की पहली बारिश के बाद मिट्टी को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए, जिसमें चार से पांच बार गहरी जुताई करना शामिल है, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए. तराई का बहराइच जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है, जहां किसान पारंपरिक रूप से नकदी फसल के रूप में गन्ने की बुआई करते आए हैं. हालांकि, अब वे अन्य फसलों की खेती की ओर भी ध्यान दे रहे हैं, जिसमें हल्दी की खेती प्रमुख है. हल्दी की खेती में किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यह कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है और स्थानीय मंडी में भी बेहतर कीमत मिलती है. मसालों और दवाओं के रूप में इस्तेमाल होने वाली हल्दी की फसल अब तैयार हो चुकी है, जिससे बहराइच के किसान इस फसल की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. घर पर ही रख सकते हैं हल्दी का स्टॉक जिला कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर नंदन सिंह ने बताया कि हल्दी की खेती करना किसानों के लिए एक अच्छा निर्णय है. उन्होंने कहा कि हल्दी को घर पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है और उचित भाव आने पर इसे बाजार में बेचा जा सकता है. जबकि आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखना पड़ता है, हल्दी को स्टोर करने के लिए घर पर ही पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च से बचने का अवसर मिलता है. हल्दी की खेती से होंगे मालामाल हल्दी की खेती में कम लागत और बेहतर मुनाफा होने के कारण यह किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प बन गई है. इसके उपयोग और बिक्री की संभावनाओं को देखते हुए, बहराइच के किसान इस फसल की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह से किसान इस खेती को और भी प्रभावी ढंग से कर सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर उत्पादन और मुनाफा प्राप्त हो सके. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 14:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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