दिल्ली में बीजेपी लगाएगी हैट्रिक या हाथी बिगाड़ेगा गठबंधन का सियासी खेल
दिल्ली में बीजेपी लगाएगी हैट्रिक या हाथी बिगाड़ेगा गठबंधन का सियासी खेल
दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर छठे चरण में शनिवार, 25 मई को वोट डाले जाएंगे. पिछले कई चुनाव से यहां बीजेपी का कब्जा है. इस बार बीजेपी के इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हाथ मिलाया है. उधर, बहुजन समाज पार्टी भी चुनौती दे रही है.
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को दिल्ली में भी मतदान होना है. यहां पर इस बार सियासी समीकरण बदले हुए हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जहां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं वहीं, बसपा अकेले दम पर ताल ठोंके हुए है. यही नहीं झाड़ू वाले कई नेता इस बार हाथी पर सवार होकर मैदान में हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हाथी इस बार इंडी गठबंधन की चाल बिगाड़ सकता है. साथ ही ज्यादातर सीटों पर नए चेहरे उतारकर बीजेपी फिर से हैट्रिक लगाने की जुगत में है.
दिल्ली में 7 सीटों पर शनिवार को वोट डाले जाएंगे. इस बार यहां बीजेपी से मुकाबला करने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हुआ है. इसमें दिल्ली की 4 सीटों पर आम आदमी पार्टी और 3 सीटों पर कांग्रेस मैदान में है. वहीं बीजेपी सभी सात सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने क्लीन स्वीप की हैट्रिक लगाने के लिए 6 सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया है, जबकि एक सीट पर निवर्तमान सांसद मनोज तिवारी पर भरोसा जताया है.
उधर, बहुजन समाज पार्टी-बीएसपी भी सातों सीटों पर अकेले दम पर मैदान में है. उसने दो सीटों पर आम आदमी पार्टी के बागियों पर दांव लगाया है. इससे इंडी गठबन्धन को एक बड़ा झटका माना जा रहा है. बसपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह का दावा है कि पार्टी पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन से बसपा को कोई नहीं नुकसान नहीं है, बल्कि फायदा ही साबित होगा.
दिल्ली सरकार के मंत्री रहे राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी छोड़कर बसपा के टिकट से नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं ‘आप’ से ही बगावत कर पूर्वी दिल्ली से मोहम्मद वकार चौधरी मैदान में है. बसपा इन प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने से बेहतर प्रदर्शन के दावे कर रही है.
दिल्ली में 1.52 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. इसमें करीब 15 फीसद अनुसूचित जाति के वोटर हैं. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी की नजर इन वोटों के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं पर भी है.
बसपा का सियासी ट्रैक
दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी वर्ष 1989 से लोकसभा और विधानसभा के साथ ही नगर निगम चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारती रही है. बीएसपी को अब तक लोकसभा चुनाव में सफलता नहीं मिली है, परंतु विधानसभा और निगम चुनाव में कुछ सीट जीतने में वह सफल रही है. दिल्ली नगर निगम की 250 और दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर बीएसपी हर चुनाव लड़ती है. 2008 में दिल्ली विधानसभा लड़ने पर बीएसपी के 2 विधायक जीते थे. 2002 दिल्ली नगर निगम में 1 पार्षद जीता, 2007 दिल्ली नगर निगम में 17 पार्षद जीते, 2012 एमसीडी में 15 पार्षदों को विजयी मिली थी और 2017 दिल्ली नगर निगम में 3 पार्षद जीते.
Tags: Aam aadmi party, BSP, Delhi news, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 11:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed