Lucid Dying: कार्डियक अरेस्ट के पेशेंट्स को CPR के वक्त नजर आती है जिंदगी की रील ! रिसर्च में हुआ खुलासा
Lucid Dying: कार्डियक अरेस्ट के पेशेंट्स को CPR के वक्त नजर आती है जिंदगी की रील ! रिसर्च में हुआ खुलासा
Cardiopulmonary Resuscitation: कार्डियक अरेस्ट की कंडीशन में सीपीआर के जरिए व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. सीपीआर के दौरान कार्डियक अरेस्ट के मरीजों को मौत बेहद करीब से दिखाई देती है. इसका खुलासा नई रिसर्च में हुआ है.
हाइलाइट्सकार्डियक अरेस्ट की कंडीशन में सीपीआर से जान बचाई जा सकती है.कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर जाता है.
New Study About Lucid Dying: कार्डियक अरेस्ट आने पर व्यक्ति बेहोश होकर अचानक गिर जाता है. ऐसी कंडीशन में अगर तुरंत CPR दिया जाए तो व्यक्ति की जान बच सकती है. सीपीआर में कार्डियक अरेस्ट आने वाले व्यक्ति के चेस्ट को कुछ मिनट तक लगातार थोड़ा-थोड़ा दबाया जाता है. यह कार्डियक अरेस्ट के दौरान जान बचाने का सबसे जरूरी तरीका माना जा सकता है. कार्डियक अरेस्ट आने के बाद व्यक्ति बेहोश हो जाता है और सीपीआर के वक्त वह मौत को करीब से महसूस करता है. इसका खुलासा अमेरिका में हुई एक स्टडी में हुआ है. इसमें बताया गया है कि कार्डियक अरेस्ट के बाद सीपीआर के वक्त लोगों को किस तरह का अनुभव हुआ.
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रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बातें
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि कार्डियक अरेस्ट के बाद सीपीआर से लोगों की जान बची, उनमें से करीब 20% मरीजों को इस दौरान ऐसा लगा जैसे कि उनका शरीर उनसे दूर होता जा रहा था और उन्हें किसी तरह का दर्द या परेशानी महसूस नहीं हुई. उनकी आंखों के सामने जीवन में हुई घटनाओं की एक रील घूमने लगी. ऐसे लोगों ने मौत को बेहद करीब से देखा. उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उनकी जिंदगी की फिल्म उनकी आंखों के सामने चल रही थी. शोधकर्ताओं के मुताबिक यह कोई भ्रम या सपना नहीं, बल्कि अलग तरह का अनुभव था. इसे ल्यूसिड डेथ एक्सपीरियंस कहा जा सकता है. इस दौरान लोगों की ब्रेन एक्टिविटी में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई.
ऐसे की गई थी स्टडी
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रोसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने शिकागो में आयोजित हुए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के साइंटिफिक सेशन में रिसर्च पेपर प्रजेंट किया था, जिसमें इन सभी बातों का खुलासा हुआ है. इस स्टडी में अमेरिका और ब्रिटेन के हॉस्पिटल में मई 2017 से मार्च 2020 के बीच भर्ती किए गए कार्डियक अरेस्ट के 567 पेशेंट्स का डाटा एनालाइज किया गया था. इसके अलावा 126 नॉन हॉस्पिटल सर्वाइवर का डाटा भी इकट्ठा किया गया था. इन सभी के विश्लेषण के बाद रिसर्च का परिणाम तैयार किया गया. सभी मरीजों की हिडेनन ब्रेन एक्टिविटी को भी टेस्ट किया गया, जो सीपीआर के करीब एक घंटे के अंदर काफी बढ़ गई थी.
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Tags: Cardiac Arrest, Health, Heart attack, LifestyleFIRST PUBLISHED : November 14, 2022, 13:36 IST