सीवियर मलेरिया मचा रहा आतंक 6 में से दिखे एक भी लक्षण तो तुरंत जाएं अस्पताल
सीवियर मलेरिया मचा रहा आतंक 6 में से दिखे एक भी लक्षण तो तुरंत जाएं अस्पताल
Malaria Symptoms: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत एनसीवीबीडीसी के आंकड़ों के अनुसार भारत में मई 2024 तक 53 हजार से ज्यादा मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं और 7 मौतें हो चुकी हैं, वहीं जून और जुलाई में मलेरिया के केस के अलावा मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है.
देशभर में इस बार फिर मलेरिया ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है. सीवियर मलेरिया के चलते जानें भी जा रही हैं. वहीं बच्चे हों चाहे बड़े बड़ी संख्या में मलेरिया की चपेट में आ रहे हैं. देशभर के पांच राज्यों में मलेरिया ने हड़कंप मचा दिया है, यहां सबसे ज्यादा मलेरिया के पॉजिटिव केस मिल रहे हैं. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल सेंटर फॉर वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की ओर से मलेरिया और सीवियर मलेरिया के लक्षणों को लेकर गाइडलाइंस भी दी गई हैं. साथ ही कहा गया है कि अगर एक भी गंभीर लक्षण दिखाई दे तो तुरंत मरीज को इमरजेंसी केयर दी जानी चाहिए.
एनसीवीबीडीसी के आंकड़ों को देखें तो जुलाई तक मिले मई 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि जब बारिश भी नहीं थीं, उन दिनों में ही देशभर में 53 हजार से ज्यादा मामले मलेरिया के मिल चुके हैं. वहीं मई के बाद से मलेरिया से मौतों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. सामान्य मलेरिया में आमतौर पर बुखार, उल्टी, सिरदर्द, ठंड लगना और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन अगर मलेरिया सीवियर हो जाए तो यह शरीर के ब्रेन के अलावा अन्य महत्वपूर्ण ऑर्गन्स को भी निशाना बना सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है. इसलिए सीवियर मलेरिया के लक्षणों की विशेष रूप से मॉनिटरिंग करें.
ये भी पढ़ें
सीवियर मलेरिया मचा रहा आतंक, 6 में से दिखे एक भी लक्षण तो तुरंत पहुंचें अस्पताल, गाइडलाइंस को करें फॉलो
ये हैं सीवियर मलेरिया के 6 लक्षण
नेशनल सेंटर फॉर वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की मलेरिया गाइडलाइंस के मुताबिक गंभीर मलेरिया के मरीज की जल्दी से जल्दी पहचान जरूरी है ताकि उसे तत्काल इमरजेंसी इलाज दिया जा सके.
सबसे जरूरी बात है कि अगर मरीज को तेज बुखार है और उसे इन 6 लक्षणों में से एक भी दिखाई दे रहा है तो मान लेना चाहिए कि उसे सीवियर मलेरिया हो गया है और उसे तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए. आइए जानते हैं इन 6 लक्षणों के बारे में..
1 . मरीज का पूरी तरह उदासीन होकर पड़ जाना, यानि बैठ भी न पाना. इस दौरान हल्की बेहोशी या कोमा की स्थिति में चले जाना.
2. सांस लेने में कठिनाई होना या न ले पाना.
3. सीवियर एनीमिया होना और अचानक खून की ज्यादा कमी हो जाना.
4. बेहोशी में ऐंठन या दौरे पड़ना.
5. कुछ भी न पी पाना और उल्टियां होना.
6. गहरा और बहुत कम मात्रा में पेशाब का आना.
क्या कहती हैं गाइडलाइंस
गाइडलांइस कहती हैं कि बुखार के साथ इनमें से एक भी लक्षण वाले मरीज को अस्पताल में इमरजेंसी केयर मिलनी चाहिए. वहीं अगर मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो उसे एंटीमलेरिया और एंटीबायोटिक दवाएं दी जानी चाहिए. इसके अलावा अगर संभव है तो ओरल ट्रीटमेंट भी दिया जा सकता है. ऐसे मरीज की लैबोरेटरी पैरामीटर्स से सभी जांचें जैसे ब्लड शुगर, ब्लड यूरिन, फ्लूइड बेलेंस, अन्य इन्फेक्शन आदि की जांचें होनी चाहिए. साथ ही वे दवाएं जो गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल ब्लीडिंग बढ़ा सकती हैं, उन्हें नहीं देना चाहिए.
ये भी पढ़ें
Snake bite: क्या 9वीं बार सांप के काटने पर विकास द्विवेदी मर जाएगा? या स्नेक फोबिया से मुक्त हो जाएगा? जानें डॉक्टरों की राय
Tags: Health News, Union health ministryFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 15:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed