बरसात में बढ़े आई फ्लू के केस दिल्‍ली के अस्‍पतालों ने जारी की एडवाइजरी

आई फ्लू होने पर अक्‍सर लोग दवाओं को लेकर गलतियां करते हैं, जिससे यह बीमारी ठीक होने के बजाय गंभीर हो जाती है. ऐसे में पिंक आई या कंजक्टिवाइटिस को लेकर दिल्‍ली के आई हॉस्पिटल्‍स ने एडवाइजरी जारी की है.

बरसात में बढ़े आई फ्लू के केस दिल्‍ली के अस्‍पतालों ने जारी की एडवाइजरी
Eye Flu or Pink eye advisory: मॉनसून के आने के साथ ही कई बीमारियां साथ में चली आती हैं. इन्‍हीं में से एक है आंखों की बीमारी यानि आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस. इसमें आंख में खुजली होती है, आंख लाल पड़ जाती है और पानी आने लगता है. कई बार आंख का यह इन्‍फेक्‍शन ज्‍यादा बढ़ जाता है. आंख का रंग बदलने की वजह से इसे पिंक आई भी कहते हैं. बरसात का मौसम शुरू होने के बाद एक बार फिर दिल्‍ली-एनसीआर में आई फ्लू के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसे में दिल्‍ली के कई बड़े अस्‍पतालों ने मिलकर आई फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी की है, साथ ही इसके इलाज के लिए मेडिकल प्रेक्टिशनर्स को दिशानिर्देश भी दिए हैं. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में डिपार्टमेंट ऑफ ऑप्‍थेल्‍मोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. कीर्ति सिंह ने बताया कि नई दिल्‍ली के गुरुनानक नेत्र च‍िकित्‍सालय, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और अन्‍य अस्‍पतालों ने मिलकर आंखों में फैल रही बीमारी आई फ्लू यानि कंजक्टिवाइटिस के लिए एडवाइजरी जारी की है. आइए जानते हैं आंखों की इस बीमारी के लक्षण क्‍या हैं, इससे कैसे बचा जा सकता है और अगर किसी को आई फ्लू हो जाए तो किन बातों का ध्‍यान रखकर जल्‍दी ठीक हुआ जा सकता है. ये भी पढ़ें  आपके शरीर में क्यों बढ़ रहा कोलेस्‍ट्रॉल? जानकर हो जाएंगे हैरान, गंगाराम के हार्ट स्‍पेशलिस्‍ट ने बताया कैसे करें कंट्रोल ये हैं लक्षण . आंख में खुजली और लाल होना. . एक या दोनों आंखों से पानी आना. . सुबह पलकों का आपस में चिपक जाना. . आंख में इरिटेशन होना. . पलकों का सूजना. . लाइट के प्रति आंखों का संवेदनशील होना. . आंख में दर्द होना. पिंक आई को लेकर क्‍या कहती है एडवाइजरी….. . ऑक्‍यूलर हाइजीन बनाए रखें. आंखों को छूएं या रगड़ें नहीं, बार बार हाथों को पानी और साबुन से साफ करें. किसी से भी हाथ न मिलाएं. इसके अलावा अपने तकिए, रूमाल और तौलिया किसी के साथ शेयर करने से बचें. . पानी उबालकर, उसे रूम टेंपरेचर पर ठंडा कर लें. इसके बाद उसमें कॉटन को भिगोकर उससे अपनी आंखों के पलकों को साफ करें. . आंख से पानी आने की स्थिति में साफ रुमाल से ही उसे पोंछें. . आंख में दवा डालने से पहले अपने हाथों को अच्‍छे से धो लें. . आंख में संक्रमण होने पर डार्क रंग के प्रोटेक्टिव चश्‍मे पहनें. . अगर कॉन्‍टेक्‍ट लैंस लगाते हैं तो आंखों में बीमारी के दौरान इन्‍हें लगाना बंद कर दें, वरना समस्‍या बढ़ सकती है. . जिन बच्‍चों की आंखों में वायरल या बैक्‍टीरियल कंजक्टिवाइटिस की परेशानी हो रही है, उन्‍हें स्‍कूल न भेजें. इससे और बच्‍चों को यह बीमारी हो सकती है. . अगर मरीज की नजर में कमी आ रही है, दर्द और फोटोफोबिया की शिकायत हो रही है या अन्‍य लक्षण बढ़ रहे हैं तो तत्‍काल अस्‍पताल में डॉक्‍टर को दिखाने की जरूरत है. . यह बीमारी एक हफ्ते में पूरी तरह ठीक हो जाती है ऐसे में इससे ज्‍यादा समय तक एंटीबायोटिक्‍स, स्‍टेरॉइड आई ड्रॉप्‍स या दवाएं न लें. एक हफ्ते के बाद डॉक्‍टर की सलाह से ही दवाएं लें. ये भी पढ़ें  ये हैं टॉप-5 आंखों के अस्‍पताल, मोतियाबिंद और ग्‍लूकोमा की फ्री होती है सर्जरी Tags: Delhi Hospital, Diseases increased, Eye Donation, Health News, Monsoon newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 17:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed